Type Here to Get Search Results !

अधिगम

  • अधि उपसर्ग पूर्वक गम् धातु में खच् प्रत्यय लगने से अधिगम बनता है।
  • अधिगम से तात्पर्य होता है - सीखना, पांडित्य, ज्ञान प्राप्त करना आदि।
  • क्रो एण्ड क्रो के अनुसार ‘‘आदतों, ज्ञान व अभिवृद्धियों का अर्जन ही अधिगम कहलाता है।’’

अधिगम के सिद्धान्त-

  1. थॉर्नडाइक का प्रयत्न व भूल का सिद्धान्त

अन्य नामः- 

  • प्रयास व त्रुटि का सिद्धान्त
  • संयोजनवाद का सिद्धान्त
  • सम्बन्धवाद का सिद्धान्त
  • उद्दीपक-अनुक्रिया का सिद्धान्त
  • एस-आर बंधन का सिद्धान्त
  • हर्ष व दुःख का सिद्धान्त

अधिगम


शिक्षा में उपयोग-

  • 1. मनसिक रूप से मंद बालकों के लिए उपयोगी
  • 2. धैर्य व परिश्रम के गुणों का विकास
  • 3. श्रम के प्रति आशा का संचार
  • 4. गणित, विज्ञान एवं समाजशास्त्र जैसे जटिल विषयों को सरलता से समझन में उपयोगी
  • 5. आदतों का विकास

थॉर्नडाइक के द्वारा प्रतिपादित मुख्य नियम

  • थार्नडाइक ने बताया कि सीखने की प्रक्रिया प्रयत्न और भूल के नियम पर आधारित है।
  • प्राणी को आवश्यकता ही उद्दीपक के सम्पर्क में लाती है। आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्राणी उद्दीपक के साथ अनुक्रियाएं सम्पादित करता है।
  • इन अनुक्रियाओं में कोई एक अनुक्रिया इस प्रकार से घटित होती है जो प्राणी की आवश्यकता की करने का साधन बन जाती है और प्राणी उस अनुक्रिया का दृढ़ीकरण कर लेता है और समस्त अवाछंनीय अनुक्रियाओं को छोड़कर सही अनुक्रिया के द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति करना सीख जाता है।
  • प्रयत्न और भूल के सिद्धान्त के आधार पर थॉर्नडाइक ने सीखने के 3 मुख्य नियम बताएं हैं-

1. तत्परता का नियम- 

  • प्राणी की तत्परता ही सीखने के लिए बाध्य करती है।
  • घोड़े को पानी के पास ले जाया जा सकता है, लेकिन बाध्य नहीं किया जा सकता।
  • बाध्य किया जा सकता है रूचि के आधार पर नहीं

2. अभ्यास का नियम-

  • घोड़ा अड़ा क्यों, पान सड़ा क्यों, रोटी जली क्यों, विद्या भूली क्यों?
  • उपयोग में आने वाली विषय का बार-बार अभ्यास होने के कारण वह स्थायी हो जाता है।

अनुपयोग

  • जिसका अभ्यास नहीं, वह भूल जायेंगे।

3. प्रभाव का नियम/ परिणाम का नियम/संतोष-असंतोष का नियम -

  • जब प्राणी सीखने की प्रक्रिया के दौरान सकारात्मक परिणाम प्राप्त होता है तो सीखने की दर बढ़ जाती है और यदि परिणाम विपरीत प्राप्त होता है तो सीखने की दर घट जाती है।

गौण नियम

1. बहुप्रतिक्रिया का नियम -

  • इस नियम के अनुसार प्राणी जीवन में किसी भी कार्य को सीखते समय प्रारम्भ में अनेक अनुक्रियाएं करता हैं। उन अनुक्रियाओं में से कोई एक सही अनुक्रिया ही प्राणी को लक्ष्य अथवा उद्देश्य तक पहुंचाती है।
  • थॉर्नडाइक का प्रयास व त्रुटि का सिद्धान्त इसी उपनियम पर आधारित है।

2. मनोवृत्ति का नियम -

  • प्राणी को मनोवृत्ति ही उसे सीखने के प्रति सक्रिय अथवा निष्क्रिय बनाती है। 
  • रूचि - जन्मजात और अर्जित

3. आंशिक प्रतिक्रिया का नियम-

  • यह सिद्धांत अंश से पूर्ण की ओर सिद्धांत का प्रतिपादन करता है किसी विषय को खण्ड़ों में विकसित करके सीखाया जाए तो बालक पूर्णता से सीख जाता है।

4. साहचर्य का नियम-

  • पूर्व ज्ञान का सम्बन्ध नवीन ज्ञान के साथ जोड़कर सीखना।

5. सामान्यीकरण का नियम-

अधिगम की कठिनाइयां


  • लिखने संबंधी समस्या — डिस्ग्रॉफिया
  • बोलने संबंधी समस्या — डिस्लेक्सिया
  • बोलने—लिखने—पढ़ने संबंधी समस्या — डिस्प्रेक्सिया
  • गणितीय गणनाओं संबंधी समस्या — डिस्क्रेकुलिया
  • असामान्य रूप — बुसिमिया



यह भी पढ़ें द्वितीय श्रेणी अध्यापक के लिए प्रमुख बिंदु पढ़ने के लिए क्लिक करे -


मनोविज्ञान Psychology  

मनोविज्ञान चेतना के रूप में

बुद्धि

बुद्धि का मापन और बुद्धि लब्धि Intelligence Quotinet आई. क्यू.

अधिगम Learning             

पावलव का अनुबंधन का सिद्धान्त              

अन्तःदृष्टि व सूझ का सिद्धान्त        

हल का प्रबलन का सिद्धान्त

संज्ञानात्मक विकास- जीन पियाजे

अभिप्रेरणा Motivation       

व्यक्तित्व Personality          

शिक्षण अधिगम

किशोरावस्था Adolescen           

मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान

Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Ad