जेट स्ट्रीम क्या है? उत्तरी भारत में दक्षिणी- पश्चिमी मानसून के अचानक फटने के लिए 'पूर्वी जेट-स्ट्रीम' कैसे जिम्मेदार है?

 

jet streem

उत्तर : भारत की जलवायु जेट-स्ट्रीम से बहुत प्रभावित होती है। जेट-स्ट्रीम वायु धाराएं हैं। वायु धाराएं पवनों से भिन्न होती हैं, जो भू-पृष्ठ से बहुत ऊँचाई पर चलती हैं। ऊपरी वायुमंडल में बहुत तेज गति से चलने वाली पवनों को जेट स्ट्रीम कहते हैं। ये बहुत ही संकरी पट्टी में तीव्र गति से चलती हैं।

शीत ऋतु में हिमालय के दक्षिणी भाग के ऊपर समताप मण्डल में पश्चिमी जेट-स्ट्रीम स्थित रहती है जून के महीने में तापमान में वृद्धि के कारण यह उत्तर की ओर खिसक जाती है। तब इसकी स्थिति मध्य एशिया के थियेनशान पर्वत श्रेणी के ऊपर हो जाती है। इस परिवर्तन के कारण 15° उत्तरी अक्षांश के ऊपर एक पूर्वी जेट-स्ट्रीम के विकास में सहायता मिलती है।

पश्चिमी जेट-स्ट्रीम शीत ऋतु में भूमध्य सागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले चक्रवातीय अवदाबों को भारत की ओर अभिमुख करती है, जिनसे उत्तरी-पश्चिमी भारत में वर्षा होती है, जबकि पूर्वी जेट स्ट्रीम दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के उत्तरी भारत में अचानक विस्फोट के लिए जिम्मेदार मानी जाती है। यह ऊपर प्रवाहित होने के कारण शीतल (कम तामपान के कारण) होती है। जून के महीने में जब दक्षिणी-पश्चिमी मानसूनी पवनें उत्तरी भारत के क्षेत्र पर स्थापित रहती हैं और ज्यों ही वे पूर्वी जेट स्ट्रीम की शीतल पवनों के संपर्क में आती हैं, बादलों की गड़गड़ाहट तथा बिजली की चमक के साथ मानसूनी वर्षा करती हैं। इसे ही मानसून का अचानक फूटना कहते हैं।

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