DivanshuGeneralStudyPoint.in
  • Home
  • Hindi
  • RPSC
  • _Economy
  • _Constitution
  • _History
  • __Indian History
  • __Right Sidebar
  • _Geography
  • __Indian Geography
  • __Raj Geo
  • Mega Menu
  • Jobs
  • Youtube
  • TET
HomePsychology

अभिप्रेरणा

byDivanshuGS -November 12, 2017
0
अभिप्रेरणा Motivation

अभिप्रेरणा का अर्थ:-

  • अभिप्रेरणा अंग्रेजी के शब्द 'Motivation' (मोटिवेशन) की उत्पत्ति लैटिन भाषा के 'Motum'(मोटम) या 'Moveers' (मोवेयर) शब्द से बना है, जिसका अर्थ है 'To Move' अर्थात गति प्रदान करना। इस प्रकार अभिप्रेरणा वह कारक है, जो कार्य को गति प्रदान करता है। 
  • अभिप्रेरणा एक आंतरिक शक्ति है, जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। इसीलिए अभिप्रेरणा ध्यानाकर्षण या लालच की कला है, जो व्यक्ति में किसी कार्य को करने की ईच्छा एवं जिज्ञासा उत्पन्न करती है।
  • शिक्षा एक जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है तथा प्रत्येक क्रिया के पीछे एक बल कार्य करता है जिसे हम प्रेरक बल कहते है। इस संदर्भ में प्रेरणा एक बल है जो प्राणी को कोई निश्चित व्यवहार या निश्चित दिशा में चलने के लिये बाध्य करती है।

अभिप्रेरणा की परिभाषाएं:-

  • 1.  स्किनर के अनुसार, “अभिप्रेरणा, अधिगम का सर्वोच्च राजमार्ग है।”

  • 2.  गुड  के अनुसार, “अभिप्रेरणा कार्य को आरम्भ करने , जारी रखने और नियमित करने की प्रक्रिया है।”
  • 3.  मैक्डूगल के अनुसार, “वे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दशाएं है, जो किसी क्रिया को करने के लिए प्रोत्साहित करती है, अभिप्रेरणा कहलाती हैं।”
  • 4.  वुडवर्थ के अनुसार, “अभिप्रेरणा व्यक्तियों की दशा का वह समूह है, जो किसी निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए निश्चित व्यवहार को स्पष्ट करती है।”
  • 5.  क्रैच एवं क्रचफील्ड ‘प्रेरणा का प्रश्न, ‘क्यों’ का प्रश्न है?’
  • बर्नार्ड के अनुसार ‘प्रेरणा, शिक्षा में मनोविज्ञान की मूलभूत समस्या है।’
  • ब्लेयर, जोन्स एवं सिम्पसन ‘प्रेरणा एक प्रक्रिया हैं जिसमें सीखने वाले की आन्तरिक शक्तियां या आवश्यकताएं उसके वातावरण में विभिन्न लक्ष्यों की ओर निर्देशित होती है।’
  • एटकिंसन के अनुसार ‘अभिप्रेरणा व्यक्ति को कार्य करने की प्रवृत्ति जाग्रत करती है।’
  • गेट्स व अन्य के अनुसार, “अभिप्रेरणा प्राणी के भीतर शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक दशा है, जो उसे विशेष प्रकार की क्रिया करने के लिए प्रेरित करती है।”
  • इन परिभाषाओं का विश्लेषण करने पर -
1. अभिप्रेरणा मनोव्यावहारिक क्रिया है।
2. यह किसी आवश्यकता से उत्पन्न है।
3. इससे किसी विशेष क्रिया करने का संकेत मिलता है।
4. प्रेरणा द्वारा प्रसूत क्रिया लक्ष्य प्रगति तक रहती है।

प्रेरणा के स्रोत-

  • 1. आवश्यकता- कमी/वृद्धि। शरीर मे भोजन की कमी या पानी की कमी
  • 2. चालक/प्रणोद - भूख, प्यास
  • 3. लक्ष्य/उद्दीपक/प्रोत्साहन - भोजन, पानी

आवश्यकता -

  • आवश्यकता दो प्रकार की होती है-
  • अनिवार्य आवश्यकता और गैर अनिवार्य आवश्यकता।

अनिवार्य आवश्यकता - 

  • वह आवश्यकता जिसकी पूर्ति होना अत्यन्त आवश्यक हो अनिवार्य आवश्यकता कहलाती है।
  • यह सभी में समान होती है इसकी पूर्ति होना अत्यन्त आवश्यकता है।
  • यह जन्मजात होती है।
  • यह जैविक होती है।
  • यह स्वाभाविक आवश्यकता होती है।
  • यह प्राथमिक प्रेरक से प्रेरित होती है।
  • यह सकारात्मक अभिप्रेरणा की आवश्यकता होती है।
  • ऐसी आवश्यकताओं का अभिप्रेरणात्मक चक्र चक्रीय होता है।
  • जैसे- भूख, प्यास, नींद, काम, मल-मूत्र त्याग, विश्राम।
  • यह शारीरिक आवश्यकता होती है।

गैर-अनिवार्य आवश्यकता-

  • ऐसी आवश्यकता जिसकी पूर्ति होना अत्यन्त आवश्यक नहीं है। 
  • यह सभी में अलग-अलग होती है।
  • यह अर्जित आवश्यकता होती है।
  • यह कृत्रिम आवश्यकता होती है।
  • यह मानसिक आवश्यकता होती है।
  • यह सामाजिक आवश्यकता है इसे मनोवैज्ञानिक आवश्यकता भी कहते है।
  • यह द्वितीयक प्रेरक से प्रेरित होती है।
  • यह नकारात्मक अभिप्रेरणा आवश्यकता होती है।
  • जैसे - उपलब्धि की आवश्यकता, सत्ता की आवश्यकता, सम्बन्धन की आवश्यकता
  • यदि कोई आवश्यकता पूर्ण नहीं होती है, तो उसके शरीर में तनाव और असंतुलन उत्पन्न हो जाता हैं, जिसके फलस्वरूप उसका क्रियाशील होना अनिवार्य हो जाता है।

चालक -

  • प्राणी की आवश्यकताएं उनसे सम्बन्धित चालकों का जन्म देती है।
  • भोजन (आवश्यकता): भूख - चालक
  • पानी : प्यास चालक
  • प्रेरकों को अन्तर्नोद अथवा चालक भी कहते है।
  • प्रेरक क्रिया करने की शक्ति या ऊर्जा है।

उद्दीपन 

  • किसी वस्तु की आवश्यकता उत्पन्न होने पर उसको पूर्ण करने के लिए ‘चालक’ उत्पन्न होता है। जिस वस्तु से यह आवश्यकता पूर्ण होती है। उसे ‘उद्दीपन’ कहते है।
  • उदाहराणार्थ - 
  • भूख एक चालक है और भूख चालक को भोजन संतुष्ट करता है। अतः भूख चालक के लिए भोजन उद्दीपन है।
  • हिलगार्ड ‘आवश्यकता चालक को जन्म देती है। चालक बढ़े हुए तनाव की दशा हैं जो कार्य और प्रारम्भिक व्यवहार की ओर अग्रसर करता है। उद्दीपन बाह्य वातावरण की कोई वस्तु होती है। जो आवश्यकता की सन्तुष्टि करती है और इस प्रकार क्रिया के द्वारा चालक को कम कर देती है।’

प्रेरक -

  • ‘प्रेरक’ अतिव्यापक शब्द है। इसके अन्तर्गत उद्दीपन के अतिरिक्त चालक, तनाव, आवश्यकता सभी आ जाते हैं।
  • प्रेरक वास्तव में उद्देश्यों की प्राप्ति की ओर व्यक्ति को ले जाती है।

प्रेरकों का वर्गीकरण -

  • दो प्रकार के होते है- 

प्राथमिक प्रेरक -

  • ऐसे प्रेरक जिनकी पूर्ति आवश्यक हो या जो अनिवार्य आवश्यकता से सम्बन्धित हो प्राथमिक प्रेरक कहलाते है।
  • मैसलो ने इन प्रेरकों को जन्मजात कहा है।
  • थामसन ने इन प्रेरकों को स्वाभाविक प्रेरक कहा है।
  • गैरेट ने जैविक प्रेरक कहा है।
  • जैसे- भूख, प्यास, काम, नींद, विश्राम

द्वितीयक प्रेरक -

  • ऐसे प्रेरक जो गैर अनिवार्य आवश्यकता से सम्बन्धित होते हैं।
  • मैसलों ने इन्हें अर्जित प्रेरक,
  • थामसन ने कृत्रिम प्रेरक और गैरेट ने इन प्रेरकों को मनोवैज्ञानिक या सामाजिक प्रेरक कहा है।
  • जैसे - उपलब्धि प्रेरक, सत्ता का प्रेरक, रूचि, आदत, सामुदायिकता आदि।

मैसलो - 1. जन्मजात व 2. अर्जित 

  • जन्मजात - व्यक्ति में जन्म से पाये जाते है जैसे - भूख, इन्हें जैविक अथवा शारीरिक प्रेरक
  • अर्जित - अर्जित या सीखे जाते है। जीवन का लक्ष्य 
  • थामसन के अनुसार - स्वाभाविक (प्राकृतिक प्रेरक)
  • कृत्रिम प्रेरक - पुरस्कार, दण्ड प्रशंसा, सहयोग

मन के अनुसार प्रेरक तीन होते हैं-

  • शारीरिक आवश्यकताएं
  • समाजिक आवश्यकताएं - आत्म सुरक्षा
  • व्यक्तिगत आवश्यकताएं - रूचि

गैरेट

  • क. जैविक ख. मनोवैज्ञानिक ग. सामाजिक


Tags: Psychology
  • Facebook
  • Twitter
You may like these posts
Post a Comment (0)
Previous Post Next Post

Popular Posts

Hindi

हिंदी निबन्ध का उद्भव और विकास

मारवाड़ प्रजामण्डल

राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम (RSMDC)

Geography

Comments

Main Tags

  • Aaj Ka Itihas
  • Bal Vikas
  • Computer
  • Earn Money

Categories

  • BSTC (2)
  • Bharat_UNESCO (1)
  • Exam Alert (27)

Tags

  • Biology
  • Haryana SSC
  • RAS Main Exam
  • RSMSSB
  • ras pre

Featured post

Nagpur Students Changing the World नागपुर के छात्र दुनिया बदल रहे हैं

DivanshuGS- December 03, 2025

Categories

  • 1st grade (29)
  • 2nd Grade Hindi (6)
  • 2nd Grade SST (31)
  • Bal Vikas (1)
  • Current Affairs (136)
  • JPSC (5)

आगामी परीक्षाओं का सिलेबस पढ़ें

  • 2nd Grade Teacher S St
  • राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती एवं सिलेबस
  • भूगोल के महत्वपूर्ण टॉपिक
  • RAS 2023 सिलेबस
  • संगणक COMPUTER के पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा SYLLABUS
  • REET के महत्वपूर्ण टॉपिक और हल प्रश्नपत्र
  • 2nd Grade हिन्दी साहित्य
  • ग्राम विकास अधिकारी सीधी भर्ती 2021
  • विद्युत विभाग: Technical Helper-III सिलेबस
  • राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक सीधी भर्ती परीक्षा-2021 का विस्तृत सिलेबस
  • इतिहास
  • अर्थशास्त्र Economy
  • विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  • छत्तीसगढ़ राज्य सेवा प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा सिलेबस
DivanshuGeneralStudyPoint.in

About Us

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भारत एवं विश्व का सामान्य अध्ययन, विभिन्न राज्यों में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्थानीय इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, करेंट अफेयर्स आदि की उपयोगी विषय वस्तु उपलब्ध करवाना ताकि परीक्षार्थी ias, ras, teacher, ctet, 1st grade अध्यापक, रेलवे, एसएससी आदि के लिए मुफ्त तैयारी कर सके।

Design by - Blogger Templates
  • Home
  • About
  • Contact Us
  • RTL Version

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Ok

Contact Form