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संज्ञा किसे कहते हैं?

संज्ञा किसे कहते हैं?


Sanghya kise kahate hai?

संज्ञा  

  • किसी वस्तु, स्थान, व्यक्ति, प्राणी, अवस्था, गुण या भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं।
  • जैसे : लखनऊ गोमती के किनारे बसा है। 

संज्ञा को पहचानने के आधार

1- संज्ञा शब्द प्राणीवाचक या अप्राणीवाचक हो सकते हैं।

जैसे: बालक, चिड़िया, बैल आदि


2- संज्ञा शब्द गणनीय या अगणनीय हो सकते हैं,

जैसे: आम, सेव, पेड़ आदि


3- संज्ञा पद वाक्य में कर्ता, कर्म, पूरक आदि की भूमिका निभा सकता है। 

जैसे: 

  • प्रशांत पढ़ रहा है।
  • उसने लक्ष्मण को पढ़ाया।

संज्ञा के पंच भेद होते हैं-

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
  2. जातिवाचक संज्ञा
  3. द्रव्यवाचक संज्ञा
  4. समूहवाचक संज्ञा
  5. भाववाचक संज्ञा


1.व्यक्तिवाचक संज्ञा 

  • जिस शब्द से किसी एक विशेष व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान का बोध होता है, उन शब्दों को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।  
  • जैसे: रोहित,  पटना, ताजमहल,
  • शहरों के नाम: दिल्ली, जयपुर, चंडीगढ़, अमृतसर, हैदराबाद
  • पुस्तकों के नाम: रामायण, महाभारत, कुरान, बाईबिल, गोदान, गीतांजली
  • देशों के नाम: भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, चीन, रूस, जापान
  • नदियों के नाम: गंगा, यमुना, गोदावरी, चंबल, बनास
  • पर्वतों के नाम: हिमालय, अरावली, विंध्याचल, एटलस
  • प्राणियों के नाम: मिट्ठू पालतू तोता, मोती पालतू कुत्ता, गौरी गाय

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02. जातिवाचक संज्ञा

  • जिस संज्ञा शब्द से किसी पूरी जाति, वर्ग या समुदाय का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। 

या

  • एक जाति या समूह के सब व्यक्तियों, प्राणियों, स्थानों या वस्तुओं के नामों का बोध कराने वाले शब्द जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। 
  • जैसे: मनुष्य, घर, पहाड़, गाय, बकरी 
  • प्राणियों के नाम: गाय, शेर, बैल, तितली, चींटी, मधुमक्खी, मोर, बिल्ली, घोड़ा
  • शेर शब्द किसी एक शेर का बोध करवाने के बजाय सम्पूर्ण शेर जाति या वर्ग का बोध करवा रहा है। अत: शेर जातिवाचक संज्ञा शब्द है। 
  • व्यक्तियों के नाम: पुरुष, महिला, बालक, बेटा, पोता, पिता
  • स्थानों के नाम: देश, शहर, पहाड़, गांव, भवन, विद्यालय
  • वस्तुओं के नाम: गुड, चीनी, पुस्तकें, मेज, ताला, मशीन
  • डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं। इसमें जातिवाचक संज्ञा है। 

नोट

  • अंग्रेजी में संज्ञा के दो भेद होते हैं किंतु हिन्दी व्याकरण में ये दोनों जातिवाचक संज्ञा के उपभेद होते हैं। 
  1. द्रव्यवाचक संज्ञा और 
  2. समूहवाचक संज्ञा

द्रव्यवाचक संज्ञा
  • जिस संज्ञा शब्द से उस वस्तु का बोध हो, जिसे मापा-तोला जा सके।
  • जैसे: घी, गेहूं, सोना, कपड़ा, तेल, चावल

समूहवाचक या समुदायवाचक संज्ञा 
  • जिस संज्ञा शब्द से किसी एक समूह या समुदाय का बोध हो।
  • जैसे: भीड़, कक्षा, सेना, टोली, मंडली।

3. भाववाचक संज्ञा Bhav vachak sanghya

  • गुण, दोष अवस्था आदि भावों के नाम भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। 
  • गुण, दोषों के नाम : सुंदरता, बदसूरती, बुराई, भलाई, वीरता, कायरता, मूर्खता, मिठास
  • दशाओं का नाम : बुढ़ापा, बचपन, लड़कपन, यौवन
  • भावों के नाम: हंसी, प्रसन्नता, उदासी, घृणा, क्रोध, निराशा

व्यक्तिवाचक संज्ञा और जातिवाचक संज्ञा में अंतर 

  • व्यक्तिवाचक संज्ञा सदैव एकवचन होती है, जबकि जातिवाचक संज्ञा सदैव बहुवचन होती है।
  • व्यक्तिवाचक संज्ञा सदैव अर्थवान नहीं होती, जातिवाचक संज्ञा सदैव अर्थवान होती है। 
  • व्यक्तिवाचक संज्ञा में जिसके बारे में बात हो रही है वह एक ही होता है, जबकि जातिवाचक संज्ञा में किसी प्राणी, वस्तु या स्थान विशेष के वर्ग की बात होती है।

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