राजस्थान सरकार की प्रमुख फ्लैगशिप योजनाएं

 



राजस्थान जन आधार योजना

  • 18 दिसंबर, 2019 को शुरू की गयी इस योजना का उद्देश्य राज्य के परिवारों की जनसांख्यिकीय एवं सामाजिक आर्थिक सूचनाओं का डेटाबेस तैयार कर प्रत्येक परिवार को 'एक नम्बर, एक कार्ड, एक पहचान' प्रदान किया जाना है।
  • राज्य के सभी परिवार, पंजीयन कराने व जन-आधार कार्ड प्राप्त करने हेतु पात्र है। नामांकित प्रत्येक परिवार को एक 10 अंकीय परिवार पहचान संख्या सहित एक बारीय निःशुल्क जन-आधार कार्ड प्रदान किया जा रहा है तथा इस कार्ड में मुखिया सहित प्रत्येक सदस्य की 11 अंकीय व्यक्तिगत पहचान संख्या भी अंकित की गई है।
  • भविष्य में सभी जन कल्याण की योजनाओं के लाभ/सेवाओं को इस कार्ड के आधार पर हस्तांतरित किया जाएगा। वर्तमान में सार्वजनिक वितरण, सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी 114 महत्त्वपूर्ण योजनाओं के लाभ हस्तांतरित किये जा रहे हैं।
  • राज्य सरकार शीघ्र ही NFSA/अन्त्योदय हेतु भी इसे मान्य दस्तावेज की संज्ञा दे रही है। 

मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना

  • 17 जुलाई, 2021 को शुरू की गयी इस योजना के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के मीटर्ड एवं फ्लैट रेट श्रेणी के किसान उपभोक्ताओं को बिजली के बिल पर अनुदान प्रदान किया जाता है। योजनान्तर्गत प्रतिमाह अधिकतम 1 हजार रुपये एवं प्रतिवर्ष अधिकतम 12 हजार रुपये की अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान है।
  • योजना के अंतर्गत सभी मीटर्ड एवं फ्लैट रेट श्रेणी के कृषि उपभोक्ताओं को बिजली के बिलों में अधिकतम 1 हजार रुपये प्रतिमाह समायोजित किये जाते हैं। किसी भी माह में बिल राशि 1 हजार रुपये से कम होने पर अनुदान की शेष राशि का लाभ उसी वित्तीय वर्ष के आगामी माह में समायोजित किया जायेगा। 
  • योजना का लाभ सभी किसान उपभोक्ताओं को मई, 2021 से मिलना आरंभ हो गया है। योजना के क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा 1450 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष वहन किए जाएंगे।

कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना

  • डूंगरपुर जिले की कालीबाई भील ने शिक्षा के लिये अपना जीवन समर्पित किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए इस योजना में मेधावी छात्राओं के लिये चल रही अन्य स्कूटी वितरण योजनाओं को एकीकृत कर अनुसूचित जाति/जनजाति, ओबीसी, सामान्य वर्ग, आर्थिक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राओं को स्कूटी देने ओबीसी, सामान्य वर्ग, आर्थिक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राओं को स्कूटी देने का प्रावधान है।
  • राजस्थान के राजकीय एवं निजी विद्यालयों में 12वीं तक नियमित छात्रा के रूप में अध्ययन करने एवं किसी भी राजस्थान स्थित महाविद्यालय में स्नातक डिग्री में प्रवेश लेकर नियमित छात्रा के तौर पर अध्ययनरत होने, कक्षा 12वीं में अधिक अंक प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित एवं छात्राओं में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने तथा उच्च अध्ययन हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से यह योजना संचालित की जा रही है।
  • योजनान्तर्गत राजस्थान में संचालित किसी भी विद्यालय में अध्ययनरत राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में कक्षा 12वीं में न्यूनतम 65 प्रतिशत तथा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में कक्षा 12वीं में न्यूनतम 75 प्रतिशत प्राप्तांक से उत्तीर्ण छात्राएं योजना में पात्र है। 
  • अनुसूचित जनजाति वर्ग की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान से कक्षा 10वीं में 65 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण एवं सीबीएसई की सैकण्डरी परीक्षा में 75 प्रतिशत अंको के साथ उत्तीर्ण करने वाली छात्राओं को भी वरीयता के आधार पर स्कूटी दी जाती है। योजना में लगभग प्रतिवर्ष 10 हजार 50 छात्राओं को लाभान्वित किये जाने का प्रावधान है।

देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना

  • राज्य में अति पिछड़े वर्ग की जातियों बंजारा, बालदिया, लबाना, गाड़िया लौहार, गाडोलिया, गूजर, गुर्जर, राईका रेबारी (दवासी, गडरिया (गाडरी) गायरी) के लिए यह योजना संचालित है। योजना का उद्देश्य अति पिछड़े वर्ग की छात्राओं को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड / केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं कक्षा की परीक्षा तथा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित स्नातक/ स्नातकोत्तर डिग्री परीक्षाओं में अधिक से अधिक अंक लाने, उनमें प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित करने, उच्च अध्ययन हेतु आकर्षित करने एवं उच्च शिक्षा हेतु वाहन सुविधा उपलब्ध कराने तथा आर्थिक सहयोग प्रदान करना है।
  • राजस्थान मूल की विशेष पिछड़े वर्ग में से अति पिछड़े वर्ग की वे छात्राएँ जिन्होंने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण कर पूर्णतया 50 प्रतिशत या इससे अधिक अंक प्राप्त किये है तथा राजस्थान स्थित राजकीय महाविद्यालयों, राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों में स्नातक डिग्री प्रथम वर्ष में प्रवेश लेकर नियमित अध्ययनरत हो, उनको स्कूटी वितरित की जायेगी। योजना में प्रतिवर्ष 1 हजार 500 छात्राओं को स्कूटी दिये जाने का प्रावधान है।

स्वायत्त शासन विभाग

इंदिरा रसोई योजना

  • मुख्यमंत्री के 'कोई भी भूखा नहीं सोए' के संकल्प के साथ 20 अगस्त, 2020 से प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों के माध्यम से इंदिरा रसोई योजना का शुभारम्भ किया गया है।
  • योजना का नाम देश की पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इन्दिरा गांधी के नाम पर रखा गया है। 
  • लाभार्थी को 8 रुपये में सम्मानपूर्वक बैठाकर शुद्ध ताजा एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है जिसके लिये राज्य सरकार द्वारा 12 रुपये प्रति थाली अनुदान दिया जा रहा है। 
  • इसके लिये 100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष प्रावधान किया गया है। 
  • योजना के अंतर्गत सितंबर, 2021 तक 4 करोड़ 3 लाख व्यक्तियों को भोजन उपलब्ध कराया गया।

इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना

  • राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्र के स्ट्रीट वेन्डर तथा सर्विस सेक्टर के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना 2021 लागू की जा रही है।
  • योजना का लक्ष्य स्ट्रीट वेंडर्स, अनौपचारिक क्षेत्र में आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाने वाले लोग जैसे हेयर ड्रेसर, रिक्शावाला, कुम्हार, खाती, मोची, मिस्त्री, दर्जी इत्यादि एवं बेरोजगार युवाओं को आर्थिक संबल देकर पुनर्स्थापित करना है। 
  • योजना के माध्यम से लाभार्थियों को 50 हजार रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। राज्य के अनौपचारिक व्यापार क्षेत्र में काम करने वाले 5 लाख लोगों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग

एक रुपये किलो गेहूं

  • यह योजना राज्य सरकार की एक अभिनव पहल है इसके अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत अन्त्योदय, बीपीएल एवं स्टेट बीपीएल लाभार्थियों को 1 रुपये किलो की दर से गेहूं उपलब्ध करवाया जाता है।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजनान्तर्गत अन्त्योदय, राशन कार्डधारियों को 35 किलो प्रति राशन कार्ड तथा बीपीएल एवं स्टेट बीपीएल लाभार्थियों को 5 किलो प्रति यूनिट प्रतिमाह 1 रुपये किलो की दर से गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है। योजना में 1 मार्च, 2019 से अब तक 1 करोड़ 74 लाख लाभार्थियों को 2 रुपये के स्थान पर 1 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं वितरण किया जा रहा है जिस पर राज्य सरकार द्वारा लगभग 250 करोड़ रुपये वहन किए गए हैं।

कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता विभाग

मुख्यमंत्री युवा संबल योजना

  • स्नातक बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी के दंश से मुक्त करने में सहायता प्रदान करने के लिए एक फरवरी, 2019 से योजना शुरू की गयी। योजना में पात्र स्नातक पुरुष बेरोजगार युवाओं को 3 हजार एवं महिला विशेष योग्यजन व ट्रांसजेंडर श्रेणी के आशार्थियों को 3 हजार 500 रुपये प्रतिमाह अधिकतम 2 वर्ष तक बेरोजगारी भत्ता दिये जाने का प्रावधान है। 
  • बजट घोषणा वर्ष 2021-22 में उक्त राशि में 1 हजार रुपये की वृद्धि की गई है तथा वर्तमान लाभान्वितों की संख्या 1 लाख 60 हजार की सीमा को बढ़ाकर अधिकतम 2 लाख युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • योजना में 31 अगस्त 2021 तक 2 लाख 51 हजार 984 स्नातक पास पात्र बेरोजगारों को भत्ता स्वीकृत कर लाभान्वित किया गया है। इस अवधि में बेरोजगारी भत्ते के रूप में 1115 करोड़ 82 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

स्कूल शिक्षा विभाग

महात्मा गांधी (अंग्रेजी माध्यम) विद्यालय

  • राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) कक्षा 1 से 12 तक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। राज्य में 553 से अधिक महात्मा गांधी विद्यालय अंग्रेजी माध्यम से संचालित हैं। 
  • वर्तमान सत्र में आवेदन अधिक आने की वजह से इन विद्यालयों में लॉटरी सिस्टम से विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। 
  • इनकी लोकप्रियता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने 5 हजार से अधिक आबादी वाले प्रत्येक गांव और कस्बे में लगभग 1 हजार 200 अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी विद्यालय खोलने की घोषणा की है।

वन विभाग

घर-घर औषधि योजना

  • मुख्यमंत्री ने 1 अगस्त, 2021 को अपने निवास पर गिलोय का पौधा लगाकर घर-घर औषधि योजना की शुरुआत की। योजना के तहत वर्ष 2021-2026 के बीच प्रदेश के लगभग 1 करोड़ 26 लाख परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा। 
  • प्रत्येक परिवार को तुलसी गिलोय, अश्वगंधा, कालमेघ के 2-2 पौधे, कुल 8 पौधे निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। पांच साल में 210 करोड़ रुपये व्यय कर 30 करोड़ से अधिक औषधीय पौधों का वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • योजना के प्रथम चरण में 22 सितंबर, 2021 तक घर-घर औषधि योजना के तहत प्रदेशभर में औषधीय पौधों की 32 लाख किट्स का वितरण किया जा चुका है।

उद्योग विभाग

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019

  • राज्य में निवेश एवं रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी रहेगी।
  • योजनान्तर्गत देय एवं जमा एसजीएसटी का 75 प्रतिशत, श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 50 प्रतिशत पुनर्भरण, विद्युत कर मंडी शुल्क, भूमि कर में सात वर्षों के लिए 100 प्रतिशत छूट तथा स्टाम्प ड्यूटी व भूमि रूपान्तरण शुल्क में 100 प्रतिशत छूट/लाभ के प्रावधान किए गए हैं।
  • योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगस्त तक 1 हजार 481 औद्योगिक इकाइयों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

  • 1 मई 2021 से शुरू की गयी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में प्रदेश के प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। योजनान्तर्गत अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पहले एवं 15 दिन बाद तक का उपचार व्यय शामिल है। योजना में साधारण बीमारियों हेतु 50 हजार रुपये तथा गम्भीर बीमारियों हेतु 4.50 लाख की राशि का बीमा कवर प्रतिवर्ष प्रति परिवार देय है।
  • राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में चयनित परिवार तथा सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के अन्तर्गत पात्र परिवार, इसके अतिरिक्त समस्त विभागों में कार्यरत संविदा कार्मिक, लघु एवं सीमान्त कृषकों तथा कोविड-19 अनुग्रह राशि प्राप्त परिवारों को निःशुल्क एवं शेष परिवार प्रीमियम को 50 प्रतिशत (850 रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष) का भुगतान कर इस योजना में शामिल हो सकते हैं।
  • योजना में अब तक 772 राजकीय एवं 521 प्राइवेट हॉस्पिटल संबद्ध हैं जिनके माध्यम से प्रदेश के 5 लाख से अधिक लाभार्थियों को निःशुल्क इलाज से लाभान्वित किया जा चुका है तथा 340 करोड़ 56 लाख के क्लेम सबमिट किये जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना

  • 2 अक्टूबर 2011 से शुरू की गई मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के अन्तर्गत राजकीय चिकित्सालयों में आने वाले सभी अंतरंग एवं बहिरंग रोगियों को आवश्यक दवा सूची में शामिल 713 प्रकार की दवाइयों, 181 सर्जिकल एवं 77 सूचर्स सहित कुल 971 औषधियां निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती हैं।
  • राज्य के सभी चिकित्सा संस्थानों में दवा वितरण करने के लिए 33 जिला मुख्यालयों पर 40 जिला औषधि भंडार गृह स्थापित हैं। दवाइयों की अनुपलब्धता होने पर राजकीय चिकित्सालयों की मांग अनुसार स्थानीय स्तर पर क्रय कर दवा उपलब्ध करवाई जाती है। योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगस्त तक 400 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना

  • 7 अप्रैल, 2013 से राजकीय अस्पताल में संपूर्ण उपचार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जनहित में 'मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना' लागू की गई।
  • चिकित्सा संस्थानों तथा मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध चिकित्सालयों में 90 जिला-उपजिला, सेटेलाइट चिकित्सालयों में 56, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 37, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व डिस्पेंसरी चिकित्सालयों में 15 प्रकार की जांचें निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है।
  • योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगस्त तक 2 करोड़ 2 लाख से अधिक जांचे निःशुल्क की जा चुकी हैं।

शुद्ध के लिये युद्ध

  • राज्य के नागरिकों को शुद्ध एवं सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिए "शुद्ध के लिए युद्ध" अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न त्योहारों (होली, दीपावली, रक्षाबंधन आदि) पर विशेष अभियान चलाया जाता है। अभियान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाता है।
  • वर्ष 2020-21 में खाद्य पदार्थों के 7 हजार 93 नमूने लिए जिनमें से 3 हजार 456 मिलावटी प्रकरण पाये गये 1 हजार 463 मिलावटी प्रकरणों को एडीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जिनमें से 339 निर्णीत हो चुके हैं। निर्णीत प्रकरणों में 54 लाख 58 हजार से अधिक जुर्माना राशि लगायी गई।

निरोगी राजस्थान अभियान

  • प्रदेश के समस्त नागरिकों के लिए स्वास्थ्य समस्याओं और उनके निदान के लिए 18 दिसंबर, 2019 से बीमारियों की रोकथाम व उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निरोगी राजस्थान जागरूकता अभियान की शुरुआत की गयी।
  • योजनान्तर्गत परिवार कल्याण कार्यक्रम, वृद्धावस्था में स्वास्थ्य की देखभाल, महिला स्वास्थ्य किशोरावस्था स्वास्थ्य, संचारी रोग, गैर संचारी रोग, टीकाकरण एवं वयस्क टीकाकरण, व्यसन रोग, खाद्य पदार्थों में मिलावट और प्रदूषण व जनसंख्या नियंत्रण आदि शामिल हैं।
  • अभियान के तहत राज्य के प्रत्येक राजस्व ग्राम में स्वेच्छा से कार्य करने वाले दो स्वास्थ्य मित्रों (एक महिला एवं एक पुरुष) का चयन कर कुल 79 हजार 731 स्वास्थ्य मित्रों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। राज्य के शहरी वार्डों में कुल 14 हजार 83 का चयन कर 14 हजार 32 स्वास्थ्य मित्रों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना

  • राजस्थान के मूल निवासी जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर हैं, की कन्याओं के विवाह पर आर्थिक सम्बल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना संचालित है।
  • अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यक वर्ग के बीपीएल परिवारों की 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की कन्याओं के विवाह पर 31 हजार एवं शेष सभी वर्गों के बीपीएल परिवार, अंत्योदय परिवार, आस्था कार्डधारी परिवार एवं आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं, विशेष योग्यजन व्यक्तियों एवं पालनहार योजना में लाभार्थी की कन्याओं एवं महिला खिलाड़ी के स्वयं के विवाह पर 21 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। 
  • सभी वर्ग की 10वीं पास कन्याओं को 10 हजार रुपये एवं स्नातक पास कन्याओं को 20 हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता दिये जाने का प्रावधान है।
  • योजना में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 5 हजार 973, वर्ष 2020-21 में 6 हजार 73 एवं वर्ष 2021-22 में अगस्त माह तक 4 हजार 59 कन्याओं को लाभान्वित किया गया।

राजस्थान सिलिकोसिस नीति, 2019

  • सिलिकोसिस बीमारी खास तौर पर खनन, पत्थर तोड़ने, पत्थर पीसकर पाउडर बनाने, गिट्टी बनाने, सेंड स्टोन से मूर्ति बनाने जैसे काम में लगे श्रमिकों को होती है। योजनान्तर्गत पीड़ितों की स्क्रीनिंग, उपचार एवं प्रमाणीकरण के साथ उनके आश्रितों को सहायता एवं पुनर्वास किया जाता है।
  • सिलिकोसिस रोग के प्रमाणीकरण पर पुनर्वास के लिये रोगी को 3 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। रोगी की मृत्यु के बाद  अंतिम संस्कार हेतु 10 हजार रुपये एवं परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। सिलिकोसिस पीड़ित को पेंशन के रूप में 1500 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाती है। 
  • सिलिकोसिस विधवा पेंशन के अंतर्गत 55 वर्ष की आयु तक 500 रुपये प्रतिमाह 55 वर्ष से 60 वर्ष की आयु तक 750 रुपये प्रतिमाह, 60 वर्ष से 75 वर्ष की आयु तक 1 हजार रुपये प्रतिमाह एवं 75 वर्ष से अधिक आयु पर 1500 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाती है। सिलिकोसिस पीड़ित के परिवार को आस्था कार्डधारी परिवार के समान समस्त सुविधाओं यथा NFSA आदि से लाभान्वित किया जाता है।
  • योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगस्त तक पुनर्वास हेतु 100 करोड़ 25 लाख रुपये एवं पेंशन के तौर पर 17 करोड़ रुपये की सहायता दी गयी।

मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना

  • योजना में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा महिला, जो राजस्थान की मूल निवासी हो, जिसकी स्वयं की नियमित आय का कोई स्रोत नहीं हो अथवा समस्त स्रोतों से कुल वार्षिक आय 48 हजार रुपये से कम हो, को पेंशन दी जाती है।
  • बी.पी.एल./अन्त्योदय/आस्था कार्डधारी परिवार सहरिया/कथौड़ी/खैरवा जाति एवं एचआईवी एड्स पॉजिटिव, विधवा/परित्यक्ता/तलाकशुदा महिलाओं को आय संबंधी शर्त में छूट प्रदान की गई है।
  • योजनान्तर्गत 18 वर्ष व अधिक किन्तु 55 वर्ष से कम आयु की पेंशनर को 500 रुपये प्रतिमाह 55 वर्ष व अधिक किन्तु 60 वर्ष से कम आयु की पेंशनर को 750 रुपये प्रतिमाह 60 वर्ष व अधिक किन्तु 75 वर्ष से कम आयु की पेंशनर को 1 हजार रुपये प्रतिमाह एवं 75 वर्ष व अधिक आयु की पेंशनर को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दिये जाने का प्रावधान है।
  • योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगस्त तक 1037.53 करोड़ रुपये की सहायता दी गयी।

मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना

  • योजना में 55 वर्ष या इससे अधिक आयु की महिला तथा 58 वर्ष या इससे अधिक आयु के पुरुष जिसके निर्वाह हेतु स्वयं एवं पति/पत्नी की नियमित आय का कोई स्रोत नहीं हो अथवा पत्नी/पति की समस्त स्रोतों से कुल वार्षिक आय 48 हजार रुपये से कम हो, को पेंशन दिये जाने का प्रावधान है।
  • बी.पी.एल., अन्त्योदय, आस्था कार्डधारी परिवार, सहरिया, कथौड़ी, खैरवा जाति के व्यक्तियों को आय संबंधी शर्त में छूट प्रदान की गई है। योजनातंर्गत 75 वर्ष से कम आयु के पेंशनर को 750 रुपये प्रतिमाह एवं 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर को 1 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती है।
  • योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगस्त तक 2445.89 करोड़ रुपये की सहायता दी गयी।

मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना

  • विशेष योग्यजन व्यक्ति जो अन्धता, अल्प दृष्टि, चलन निःशक्तता, कुष्ठ रोग मुक्त, श्रवण शक्ति का ह्रास, मानसिक विमंदित, मानसिक रोग में से किसी एक अथवा अधिक विकलांगता से ग्रसित हो अथवा प्राकृतिक रूप से बौनेपन से ग्रसित हो या प्राकृतिक रूप से ट्रांसजेंडर हो, जो राजस्थान का मूल निवासी हो तथा राजस्थान में रह रहा हो एवं जिसकी स्वयं की सम्मिलित वार्षिक आय 60 हजार रुपये तक हो पेंशन का पात्र होगा।
  • बी.पी.एल./अन्त्योदय/आस्था कार्डधारी परिवार/सहरिया/कथौड़ी/खैरवा जाति के व्यक्तियों को आय संबंधी शर्त में छूट प्रदान की गई है।
  • योजनान्तर्गत 55 वर्ष से कम आयु की महिला एवं 58 वर्ष से कम आयु के पुरुष पेंशनर को 750 रुपये, 55 वर्ष से अधिक आयु की महिला एवं 58 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष किन्तु 75 वर्ष से कम आयु के पेंशनर को 1 हजार रुपये, 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर को 1250 रुपये प्रतिमाह पेंशन एवं किसी भी आयु के कुष्ठ रोग मुक्त विशेष योग्यजन व्यक्ति को 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान है।
  • योजना के अंतर्गत 2021-22 में अगस्त माह तक 270 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गयी।

पालनहार योजना

  • इस योजना के अन्तर्गत अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बच्चे के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति/वयस्क भाई अथवा बहन को पालनहार बनाकर उनकी देखभाल एवं पालन-पोषण हेतु आर्थिक सहायता दी जाती है।
  • योजना के अन्तर्गत अनाथ बच्चे, न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता के बच्चे, निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता के बच्चे पुनर्विवाहित विधवा माता के बच्चे एच.आई.वी./एड्स पीड़ित माता-पिता के बच्चे, कुष्ठ रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चे नाता जाने वाली माता के बच्चे विशेष योग्यजन माता-पिता के बच्चे, तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला के बच्चे, सिलिकोसिस पीडित माता-पिता के बच्चों को सहायता प्रदान की जाती है। 
  • पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1 लाख 20 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए एवं आवेदन की तिथि से कम से कम 3 वर्ष की अवधि से राजस्थान में रह रहे हों।
  • योजना में पात्र को श्रेणीवार 500 रुपये प्रति माह से अधिकतम 1 हजार रुपये प्रति माह दिये जाने का प्रावधान है। 
  • योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगस्त तक 283.69 करोड़ रुपये सहायता में दिए गए।

कृषि विभाग

राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना, 2019

  • कृषि प्रसंस्करण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये यह योजना 12 दिसंबर, 2019 को शुरू की गयी।
  • योजनान्तर्गत कृषि उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु पूंजीगत, ब्याज एवं विद्युत प्रभार/सौर ऊर्जा अनुदान तथा राज्य के उत्पादों के घरेलू एवं निर्यात व्यापार को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु भाड़ा अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। 
  • गुणवत्तायुक्त उत्पादन बाजार विकास, कौशल विकास आदि हेतु विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता भी दिये जाने का प्रावधान है।
  • कृषक, कृषक उत्पादक संगठन एवं कृषि उद्योग तथा विपणन से जुड़े व्यक्ति/समूह/संस्था/प्रतिष्ठान आदि इस योजना का फायदा उठा सकते हैं जिसमें कृषक या उनके संगठन, कृषक या संगठन के अलावा अन्य उद्यमी, कृषि प्रसंस्करण इकाईया, कृषि अवसंरचनात्मक परियोजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला व 35 वर्ष से कम आयु के युवा उद्यमियों की शत-प्रतिशत भागीदारी वाली इकाइयां आदि सम्मिलित हैं। 
  • योजना में सितंबर 2021 तक कुल 780 आवेदकों में से 385 को स्वीकृति मिल चुकी है, जबकि 325 प्रकरण विचाराधीन हैं। योजना में लगभग 134 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा चुका है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग


मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना

  • - दिसम्बर, 2019 से लागू इस योजना का उद्देश्य उद्यमों की सरल स्थापना एवं रोजगार के नये अवसर उपलब्ध कराते हुए वित्तीय संस्थान के माध्यम से ब्याज अनुदान युक्त ऋण उपलब्ध करवाना है।
  • प्रदेश में नये उद्यमों की स्थापना एवं पूर्व स्थापित उद्यमों के विस्तार/विविधीकरण/आधुनिकीकरण हेतु वित्तीय संस्थानों के माध्यम से 10 करोड़ रुपये तक के ऋण पर 5 से 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। योजनान्तर्गत व्यक्तिगत आवेदक के साथ-साथ संस्थागत आवेदक भी पात्र हैं। 
  • योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में अगस्त तक 227 करोड़ 64 लाख रुपये से अधिक राशि का ऋण प्रदान किया गया।

एम.एस.एम.ई. अधिनियम-स्व प्रमाणीकरण

  • प्रदेश में एम.एस.एम.ई. इकाइयों की सरल स्थापना एवं विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा 17 जुलाई, 2019 को राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापना और प्रवर्तन का सुकरीकरण) अधिनियम लागू किया गया।
  • इसके तहत उद्यमी को 3 वर्ष तक राजस्थान के अधिनियमों के अन्तर्गत विभिन्न विभागों की किसी प्रकार की स्वीकृति एवं निरीक्षण की आवश्यकता नहीं है। इस हेतु एक ऑनलाइन पोर्टल rajudyogmitra.rajasthan.gov.in शुरू किया गया है।
  • ऑनलाइन पोर्टल पर उद्यमी के आवेदन के पश्चात आवेदन प्राप्ति का प्रमाण-पत्र उसी समय जारी कर दिया जाता है।
  • योजना के अंतर्गत प्रारम्भ से अब तक 11 हजार 333 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्यौगिक इकाइयों का पंजीयन हो चुका है।

जन सूचना पोर्टल-2019

  • सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 की मूल भावना से प्रेरित होकर राज्य सरकार द्वारा 13 सितंबर, 2019 को जन सूचना पोर्टल-2019 का लोकार्पण किया गया। 
  • वर्तमान में 115 विभागों की 253 योजनाओं / सेवाओं को शामिल किया गया है। आमजन द्वारा सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी जन सूचना पोर्टल-2019 https//jansoochna.rajasthan.gov.in. मोबाईल एप तथा सेल्फ सर्विस ई-मित्र प्लस कियोस्क के माध्यम से प्राप्त की जा रही है।
  • योजना के अंतर्गत अभी तक 7 करोड़ 76 लाख से ज्यादा जानकारियां वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त की गई।

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