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सुश्रुत


  • विश्वामित्र के वंशज सुश्रुत का जन्म 600 ईसा पूर्व हुआ था। उन्होंने धनवन्तरी के आश्रम से प्रारम्भिक चिकित्सकीय ज्ञान प्राप्त किया। सुश्रुत ने सर्वप्रथम संसार को शल्य चिकित्सा का शुद्ध ज्ञान प्रदान किया, जो आज भी प्रासंगिक है।
  • वे पहले चिकित्सक थे जिन्होंने शल्य क्रिया का परिष्कार कर अनेक जटिल ऑपरेशन प्रस्तुत किये तथा संसार को शल्य क्रिया में प्रयुक्त यंत्रों का ज्ञान प्रदान किया।
  • उनके द्वारा रचित ‘सुश्रुत संहिता’ में शल्य चिकित्सा का विस्तृत विवरण है।
  • जोसेफ लिस्टर से कई शताब्दी पूर्व इन्होंने अपूर्ति दोष का विचार किया। उन्होंने शल्य चिकित्सा से पूर्व अपने उपकरणों को गर्म करने के लिए निर्देशित किया ताकि कीटाणु मर जाएं और अपूर्ति दोष न रह जाए।
  • इन्होंने रक्त का थक्का जमने से रोकने में विषहीन जोकों का इस्तेमाल किया।
  • सुश्रुत द्वारा नाक, कान व होठों आदि की प्लास्टिक सर्जरी के उदाहरण ग्रन्थों में मिलते हैं। वास्तव में उन्हें प्लास्टिक सर्जरी के पिता कहा जा सकता है।
  • शल्य चिकित्सा में 101 यंत्रों का ज्ञान प्रदान किया उनके संदेश यंत्र आधुनिक सर्जन के स्प्रिंग फोरसेप्स या काटने एवं पट्टी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फारसेप्स या चिमटियों के पूर्व रूप हैं। इन्होंने चिकित्सालय की साफ-सफाई के विषय में भी उपयोगी निर्देश दिए।
  • चिकित्सा ज्ञान में भारत बाकी देशों से बहुत आगे था। सुश्रुत का ग्रन्थ अन्य भाषाओं में अनुवादित हुआ तथा बहुत प्रसिद्ध हुआ।
  • सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का महानतम चिकित्सक कहा गया।


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