ग्लूकोमा या काला पानी



  • ग्लूकोमा या काला पानी आंख की ऐसी बीमारी है जिसमें आंख की नस ऑप्टिक नर्व की कोशिकाएं धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं। 
  • अधिकतर मरीजों में यह बीमारी आंख के अंदर का दबाव इन्ट्रा आकुलर प्रेशर बढ़ने के कारण होती है। 
  • यदि कालापानी का इलाज समय पर नहीं किया गया, तो आप्टिक नर्व को काफी नुकसान पहुंच सकता है। 
  • काला पानी के कारण जो रोशनी चली जाती है वह इलाज से अक्सर वापस नहीं आती। एक साफ तरल पदार्थ अक्वेयस मर आंख के अन्दर बहता रहता है, जो लैन्स, आयरिस और कॉर्निया को पोषण देता है। 
  • इसके बहाव वाले जाल में कोई खराबी आ जाए या बंद हो जाए तो इस तरल पदार्थ का आंखों से निकास प्रभावित होता है और आंख का प्रेशर बढ़ने लगता है। इसी दबाव के बढ़ने से ग्लूकोमा होता है। 

ग्लूकोमा दो प्रकार का होता है - 
ओपन एंगल ग्लूकोमा - 

  • इस ग्लूकोमा में आंख का प्रेशर धीरे-धीरे बढ़ता है और मरीजों को अक्सर अपनी बीमारी का एहसास नहीं होता। 

क्लोज्ड एंगल ग्लूकोमा - 

  • इसमें आंख का प्रेशर काफी बढ़ जाता है और मरीज को आंखों में दर्द, सिरदर्द, धुंधला, नजर आना, प्रकाश के स्रोतों के चारों ओर रंगीन गोल घेरा आदि लक्षण दिखाई देते हैं। 

  • ग्लूकोमा आयु 45 वर्ष से अधिक है और अपनी आंख की नियमित जांच नहीं करवाते। 
  • परिवार में किसी को ग्लूकोमा हो चुका है। 
  • मायोपिया लघुदृष्टि, डायबिटीज व ब्लड प्रेशर के रोगियों को ग्लूकोमा रोग होने की आशंका अधिक बढ़ जाती है। 
  • उपचार 
  • लेजर ट्रीटमेंट, दवाइयों के अलावा सर्जरी करने की आवश्यकता हो सकती है। 


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