Shivaji- Maratha Samrajya

शिवाजी 1627-80 ई.

शिवाजी का जन्म पूना के उत्तर में स्थित जुन्नार नगर के समीप ‘शिवनेर’ नामक स्थान पर भोंसले वंश के शाहजी भोंसले की प्रथम पत्नी जीजाबाई के गर्भ से 20 अप्रैल 1627 को हुआ था। गुरू रामदास धारकरी सम्प्रदाय के थे। उन्होंने ‘दासबोध’ नामक ग्रंथ की रचना की।
- शिवाजी ने ‘हिन्दूपदपादशाही’ अंगीकार किया और ‘हिन्दुत्व धर्मोद्धारक’ की उपाधि धारण की।
- 1640 ई. में 12 वर्श की आयु में शिवाजी का विवाह साईबाई निम्बालकर से कर दिया। शाहजी ने शिवाजी को पूना की जागीर प्रदान कर ‘बीजापुर’ रियासत में नौकरी कर ली। शिवाजी ने ‘मावल प्रदेश’ को अपने जीवन की प्रारम्भिक कार्यस्थली बनाया।
- सर्वप्रथम 1643 ई. में शिवाजी ने बीजापुर के सिंहगढ के किले पर अधिकार किया। रायगढ नाम के नवीन किले का निर्माण किया।
- 1648 ई. में शिवाजी ने ‘पुरन्दर के किले’ को छल द्वारा नीलोजी नीलकण्ठ से छीन लिया। 25 जनवरी 1656 ई. को शिवाजी ने ‘जावली के किले’ को मराठा सरदार ‘चन्द्रराव मोरे’ के कब्जे से ले लिया। 1656 ई. तक चाकन, पुरन्दर, बारामती, सूपा, तिकोना तथा लोहगढ आदि किलों पर शिवाजी ने अधिकार कर लिया।
- अप्रैल 1656 में शिवाजी ने ‘रायगढ’ को अपनी राजधानी बनाया। 1657 ई. में शिवाजी का मुकाबला पहली बार मुगलों से हुआ। दक्षिण के सूबेदार औरंगजेब के बीजापुर पर आक्रमण करने पर बीजापुर ने शिवाजी की सहायता मांगी जिसे शिवाजी ने स्वीकार कर लिया।
- बीजापुर के सुल्तान ने सेनापति ‘अफजल खा’ को सितंबर 1659 में शिवाजी को पराजित करने के लिए भेजा। उसने अपने दूत कृष्ण जी भास्कर को शिवाजी के पास भेजा। शिवाजी ने कोंकण, कोल्हापुर एवं पन्हाला के किलों पर अधिकार कर लिया।
- स्वतंत्र शासक मानने पर शिवाजी ने बीजापुर को ‘पन्हाला’ एवं चाकन के किले वापस कर दिये।

शिवाजी और मुगल
- 1660 ई. में औरंगजेब ने अपने मामा शाइस्ता खां को दक्षिण की सूबेदारी सौंप दी जिसका प्रमुख लक्ष्य दक्षिण में शिवाजी की बढती शक्ति को दबाना।
- पूना में 15 अप्रैल 1663 को रात्रि के समय अपने 400 बहादुर सिपाहियों को साथ लेकर शाइस्ता खां के शिविर पर आक्रमण कर दिया। पुत्र फतेह खां मारा गया।

- सूरत को 10 फरवरी, 1664 को लूटा। - सर जॉन आक्साइडान
1665 ई. में आमेर के राजा जयसिंह को दक्षिण भेजा। पुरन्दर के किले की रक्षा करते हुए शिवाजी का सेनानायक मुरारजी बाजी मारा गया।

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