आधुनिक इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्य

आधुनिक इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना एक अवकाश प्राप्त अंग्रेज अधिकारी ए.ओ. ह्यूम द्वारा दिसंबर 1885 में की गई थी।
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन 28 दिसंबर, 1885 को बंबई के ग्वालिया टैंक में स्थित ‘गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज’ में हुआ।
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नाम दादाभाई नौरोजी ने सुझाया था।
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता व्योमेश चंद्र बनर्जी ने की थी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद गांधीजी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को समाप्त करने का सुझाव दिया था।
  • अमृतसर के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन, 1919 के प्रस्ताव के अनुसार महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस का नया संविधान लिखने हेतु एन.सी. केलकर तथा आई.बी. सेन को चुना गया।
  • 1921 के अहमदाबाद अधिवेशन में सी.आर.दास को अध्यक्ष नामित किया गया, परंतु इस दौरान उनके जेल में रहने के कारण इस अधिवेशन की अध्यक्षता हकीम अजमल खां ने की और सी.आर.दास ने जेल से कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
  • लाला लाजपत राय ने ‘यंग इंडिया’ में लिखे एक लेख में 'कांग्रेस को डफरिन के दिमाग की एक उपज बताया।'
  • 1885 से 1905 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में उदारवादी नेताओं का वर्चस्व रहा, इसलिये इस काल को उदारवादी चरण कहा जाता है।
  • उदारवादी नेताओं में दादाभाई नौरोजी, सुरेंद्रनाथ बनर्जी, गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोज शाह मेहता, मदन मोहन मालवीय आदि प्रमुख थे।
  • लंदन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिये समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य से 1889 में विलियम वेडरबर्न की अध्यक्षता में ‘ब्रिटिश कमिटी ऑफ इंडिया’ की स्थापना की गई। उग्रवादी नेताओं में लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, विपिन चंद्र पाल तथा अरविंद घोष आदि प्रमुख थे।
  • तिलक ने 1893 में गणपति महोत्सव तथा 1895 में शिवाजी महोत्सव की शुरुआत की।
  • ‘बंगवासी’, ‘केसरी’ और ‘द हिंदू’ जैसे पत्र-पत्रिकाओं में कांग्रेस की उदारवादी नीतियों का विरोध किया गया।
  • बाल गंगाधर तिलक को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष कभी नहीं चुना जा सका।
  • 1 अगस्त, 1920 को तिलक की मृत्यु हो गई, उनकी मृत्यु के उपरांत उनकी अर्थी को महात्मा गांधी, शौकत अली तथा डॉ. सैफुद्दीन किचलू आदि नेताओं ने उठाया था।
  • लाल, बाल, पाल त्रिगुट में मात्र लाला लाजपत राय ने 1920 में कलकत्ता के विशेष अधिवेशन की अध्यक्षता की।
  • गवर्नर जनरल लॉर्ड कर्जन के काल में 1905 में बंगाल का विभाजन किया गया। स बंगाल विभाजन सांप्रदायिक विभाजन था, पश्चिमी बंगाल हिंदू बहुल तथा पूर्वी बंगाल मुस्लिम बहुल क्षेत्र था।
  • बंगाल विभाजन के विरोध में 7 अगस्त, 1905 में कलकत्ता के टाउन हॉल में हुई बैठक में स्वदेशी आंदोलन की घोषणा हुई तथा बहिष्कार प्रस्ताव पारित हुआ।
  • 16 अक्टूबर, 1905 को लोगों ने बंगाल विभाजन के विरोध में ‘शोक दिवस’ मनाया। स्वदेशी आंदोलन में पहली बार महिलाओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। स 1906 में राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में दादाभाई नौरोजी ने अपने भाषण के दौरान पहली बार कांग्रेस के मंच से ‘स्वराज’ शब्द का उल्लेख किया। 
  • क्रिप्स मिशन की वापसी के बाद गांधीजी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को कांग्रेस की वर्धा बैठक में स्वीकार कर लिया गया जो ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ का प्रस्ताव था।
  • ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ 1942 को ‘अगस्त क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है। भारत छोड़ो आंदोलन भारतीय स्वतंत्राता संग्राम की अंतिम महान लड़ाई थी।
  • कांग्रेस की ग्वालिया टैंक, बंबई 8 अगस्त, 1942 बैठक में ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का प्रस्ताव पारित किया गया।
  • आजाद हिंद फौज का विचार सबसे पहले मोहन सिंह के मन में आया, वे ब्रिटेन की भारतीय सेना के अधिकारी थे।
  • 1 सितंबर, 1942 को आजाद हिंद फौज की पहली डिवीजन का गठन किया गया।
  • 2 जुलाई, 1943 को सुभाष चंद्र बोस सिंगापुर पहुँचे। इन्हें आजाद हिंद फौज का सर्वोच्च सेनापति घोषित किया गया।
  • लाल किला मुकदमा, 1945 आजाद हिंद फौज के सिपाही सरदार गुरुबख्श सिंह, श्री प्रेम सहगल तथा शाहनवाज पर चलाया गया। अदालत में इनकी वकालत भूलाभाई देसाई, तेज बहादुर सप्रू, काटजू तथा जवाहरलाल नेहरू ने की।
  • सी.आर. फॅार्मूला, राजगोपालाचारी द्वारा 1944 में लाया गया, जिसमें कांग्रेस और मुस्लिम लीग के समझौते की बात रखी गई।
  • अक्टूबर 1943 में लिनलिथगो की जगह लॉर्ड वेवेल भारत के वायसराय बनकर आए। 14 जून, 1945 को वेवेल द्वारा ‘वेवेल योजना’ प्रस्तुत की गई।
  • वेवेल प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हेतु जून 1945 में शिमला सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुस्लिम लीग की अनुचित मांगों के कारण यह सम्मेलन असफल रहा।
  • भारतीय नेताओं से अनौपचारिक स्तर पर बातचीत के लिये 24 मार्च, 1946 को कैबिनेट मिशन भारत आया। कैबिनेट मिशन के सदस्यों में शामिल थे- सर स्टैफोर्ड क्रिप्स, ए.वी. अलेक्जेंडर तथा पेथिक लॉरेंस।
  • कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर संविधान सभा का गठन किया गया। स 9 दिसंबर, 1946 को डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा की अस्थायी अध्यक्षता मंे संविधान सभा की पहली बैठक आयोजित की गई।
  • 11 दिसंबर, 1946 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष बनाया गया।
  • अगस्त 1946 में पं. जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में भारत की पहली अंतरिम राष्ट्रीय सरकार की घोषणा की गई, इसमें मुस्लिम लीग की भागीदारी नहीं थी।
  • 3 जून, 1947 को माउंटबेटन ने भारत के विभाजन के साथ सत्ता हस्तांतरण की एक योजना प्रस्तुत की, जिसे माउंटबेटन योजना कहा जाता है।
  • माउंटबेटन योजना के आधार पर ब्रिटिश संसद ने 18 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 पारित किया। इस अधिनियम के तहत ही 15 अगस्त, 1947 को भारत व पाकिस्तान को डोमिनियन का दर्जा प्राप्त हुआ।

Post a Comment

0 Comments