Type Here to Get Search Results !

मानव में कंकाल तंत्र

मानव में कंकाल तंत्र


Human Skeleton System

  • मानव शरीर में लगभग 206 हड्डियां होती है।

कंकाल तंत्र के प्रमुख कार्य हैं

1. यह शरीर को आकृति तथा भीतरी सहारा प्रदान करता है।

2. शरीर के कोमल भागों को सुरक्षा प्रदान करता है। जैसेखोपड़ी मस्तिष्क को और प​सलियां फेफड़ों और हृदय को।

3. हड्डियां पेशियों को जुड़ने का स्थान प्रदान करती हैं, जिनके द्वारा गतियां होती है।

 

कंकाल तंत्र

  • ​मानव शरीर में अस्थि कोशाएं मिलकर अस्थि ऊतक बनाती हैं, ये ऊतक मिलकर अस्थि और उपास्थि बनाते हैं।
  • अस्थि और उपास्थि से मिलकर बना शरीर का ढांचा कंकाल कहलाता है।
  • गर्भावस्था के दसवें सप्ताह से पूर्व अस्थियों का निर्माण शुरू हो जाता है।
  • शुरू में वे वास्तव में उपास्थि होती है फिर धीरेधीरे उन पर कैल्सियम क्षार जमा होने से अस्थियों में बदलने लगती है।
  • अस्थियों के विकास के लिए कैल्शियम, फास्फोरस जैसे खनिज लवण तथा विटामिन 'सी' और 'डी' आवश्यक होते है।

 

अस्थि के प्रकार

  • अस्थि पंजर में कुछ हड्डियां लम्बी (हाथ एवं पैर की), कुछ छोटी (पैर के टखने, हाथ की कलाई में), कुछ चपटी (खोपड़ी में), कुछ गोल, कुछ टेढ़ी-मेढ़ी (मेरूदण्ड तथा मेखलाओं में) और कुछ बेलनाकार होती है।
  • हड्डियों की लम्बाई-चौड़ाई भी अलग-अलग पायी जाती है। शरीर में हड्डियों का भार शरीर के भार का प्रायः 16वां हिस्सा होता है।

  

कंकाल तंत्र के प्रमुख भाग

 

मानव कंकाल तंत्र को तीन प्रमुख भागों ​में विभाजित किया जाता है

1. अक्षीय कंकाल

2. वक्षीय कंकाल

3. अनुबंधी कंकाल

 

1. अक्षीय कंकाल

  • इसमें प्रमुख रूप से खोपड़ी की अस्थियां, दांतों सहित ऊपरी एवं निचले जबड़े की अस्थियां एवं अंगूठी के आकार की 33 कशेरूकाएं सम्मिलित होती है, जिनसे रीढ़ की हड्डी का निर्माण होता है।

 

खोपड़ी की प्रमुख अस्थियां

  • मानव की खोपड़ी (skull) में कुल अस्थियां 28 होती है।
  • जिनमें से 8 मस्तिष्क के चारों ओर का मस्तिष्क खोल (कपाल crainum) बनाती हैं।
  • जो संधिस्थल पर आरी की भांति दांते दार होती है।
  • शेष हड्डियों में से 14 हड्डियां चेहरे का कंकाल बनाती है और शेष 6 मध्य कर्णों में कर्ण अस्थियां होती हैं जो कि सुनने में सहायक होती है।

1. ललाटास्थि Frontal Bone

  • यह संख्या में एक होती है, जो ललाट या कपाल का भाग बनता है। इसका पिछला भाग पार्श्वास्थियों से जुड़ा रहता है।

2. पश्चास्थि Occipital Bone

  • खोपड़ी के पिछले व निचले भाग पर होती है। इस हड्डी के नीचे की ओर बड़ा सा छिद्र होता है। इसमें मेरूदण्ड की पहली कशेरूका कीलदार संधि से जुड़ी होती है।

3. दो पार्श्वास्थियां Partietal Bones

  • ये कनपटी की हड्डियों के ऊपर रहती है तथा कपालास्थि और पश्चास्थि के बीच का हिस्सा बनाती है।

4. दो शंखास्थियां Temporal Bones

  • ये दोनों कानों के आसपास का भाग बनाती है।

5. एक चमगादड़ाकृति अस्थि Sphenethmoid Bone

  • यह खोपड़ी का निचला हिस्सा बनाती है।

6. एक सच्छिद्रास्थि Ethmoid Bone

  • यह नाक का ऊपरी हिस्सा और नेत्र गुहा का तल भाग बनाती है।

 

मेरूदण्ड (रीढ़ की ह​ड्डी) की अस्थि

इसमें कुल 33 कशेरूकाएं होती है

1. ग्रीवा की कशेरूकाएं Cervical Vertebra — 07

2. वक्ष की कशेरूकाएं Thoracic Vertebra — 12

3. कटिप्रदेश की कशेरूकाएं Lumber Vertebra — 05

4. कुल्हे की कशेरूकाएं Sacrum — 05

5. पूंछ की कशेरूकाएं Coccyx — 04

  • कशेरूकाओं की 24 ऊपर की ​हड्डियां चल और नीचे की 9 हड्डियां आपस में जुड़ी रहती है जो त्रिकास्थि Sacrum और पुच्छास्थि Coccyx कहलाती है।
  • त्रिकास्थि हड्डियों से मिलकर बनती है और पुच्छास्थि 4 कशेरूकाओं से मिलकर बनती है।
  • पुच्छास्थि ऊपर की तरफ त्रिकास्थि से जुड़ी रहती है।

2. वक्षीय कंकाल

  • यह 12 जोड़ी ​हॉकी के स्टिक के आकार जैसी हड्डियों की एक टोकरीनुमा संरचना होती है जिन्हें पसलियां कहते हैं। इसमें शरीर के महत्वपूर्ण अंग जैसेहृदय, फेफड़े आदि सुरक्षित रहते हैं।
  • पसलियों के 7 जोड़े स्टर्नम (Sternum) से जुड़े होते हैं, और पीछे की ओर ये पसलियां वक्ष की कशेरूकाओं से जुड़ी होती है।
  • नीचे वाली दो जोड़ी प​सलियों के अग्रभाग स्वतंत्र होते हैं, धड़ में श्रोणी (Pelvis) की अस्थियां दो समान भागों की बड़ी अस्थियों से मिलकर बनती है।

 

3. अनुबंधी कंकाल

  • इसमें अंशमेखला, श्रोणी मेखला तथा हाथ व पैर की अस्थियां सम्मिलित होती है

 

हाथ की अस्थियां

  • हमारे हाथ की अस्थियां प्रमुख रूप से निम्न है
  • ह्यूमरस, रेडियोअलना, कलाई की अस्थियां, हाथ के पंजे, अंगुलियां एवं अंगूठे की अस्थियां।

 

ह्यूमरस

  • कंधे एवं कोहनी के बीच की अस्थि ह्यूमरस कहलाती है। इसके लम्बे मध्य भाग को शाफ्ट कहते है।

रेडियस (Radius) और अलना (Alna)

  • कोहनी के जोड़ से हयूमरस का निचला हिस्सा जुड़ा रहता है। यहां दो अस्थियां स्थित है। पहली रेडियस (Radius शरीर के बाहर की ओर) एवं दूसरी अलना (Alna शरीर के अंदर की ओर) स्थित है। ये मिलकर अग्रभुजा का निर्माण करती है। इनका कोहनी की तरफ का सिरा ह्यूमरस से एवं नीचला सिरा कलाई की अस्थियों से जुड़ा रहता है।

 

कलाई की अस्थियां

  • रेडियसअलना ​अस्थि जिस स्थान पर हथेली के पास जुड़ी है वह स्थान कलाई कहलाता है। कलाई का निर्माण छोटीछोटी 8 अस्थियों से होता है जिन्हें मणिबंधिकाएं (कार्पल्स) कहते हैं।
  • हथेली में कुल 5 अस्थियां होती है, जिन्हें करमास्थियाँ (मेटा कार्पल्स) कहते हैं। अंगुलियों एवं अंगूठे में भी अस्थियां होती है। जिन्हें क्रमश: अंगुलास्थियां एवं अंगुठास्थियां कहते हैं। प्रत्येक अंगुली में तीन (कुल 3x4=12 अस्थियां) तथा अंगूठे में दो अस्थियां होती है।

हाथ में पाई जाने वाली अस्थियां:

  • ह्यूमरस 01
  • Radius एवं Alna – 02
  • मणिबंधिकाएं (कार्पल्स) 08
  • करमास्थियाँ (मेटा कार्पल्स) 05
  • अंगुलास्थियां तीन कुल 3x4 - 12
  • अंगुठास्थियां - 02
  • कुल 30
  • इस प्रकार दोनों हाथों में कुल 60 अस्थियां पाई जाती है।

 

पैर की अस्थियां

हमारे पैरों की प्रमुख अस्थियां निम्न हैं

(1) फीमर

  • कूल्हे और घुटने के बीच की अस्थि को फीमर कहते हैं। यह पैर की ऊपरी ​अस्थि है। यह शरीर की सबसे लम्बी एवं मजबूत अस्थि है। जिसका निचला सिरा टिबिया-फिबुला एवं ऊपरी सिरा कूल्हे की अस्थि से जुड़ा होता है।

 

(2) टिबीया-फिबुला 

  • पैर के घुटने से लेकर टखने के मध्य के भाग में दो अस्थियां पाई जाती है जिन्हें टिबिया (Tibia) एवं फिबुला (Fibula) कहते हैं। टिबिया अन्दर एवं फिबुला बाहर की ओर स्थित होती है।

 

(3) टखने की अस्थियां

  • टखना कुल 7 अस्थियों से मिलकर बना होता है, जिन्हें गुल्फास्थियाँ (टार्सल्स) कहते हैं, जो ऐड़ी का निर्माण करती है।

 

(4) तलवे, अंगुलियों, अंगुठे की अस्थियां

  • पैर के तलवे में 5 अस्थियां होती है, जिन्हें प्रपदिकाएं (मेटा टार्सल्स) कहते हैं। पैर की प्रत्येक अंगुली में 3 अंगुलास्थियां एवं अंगूठे में दो अंगूठास्थियां होती है।

 

पैरों की कुल अस्थियों का विवरण:

  • फीमर — 01
  • टिबियाफिबुला, पटेला — 02+02
  • गुल्फास्थियां (Tarsal’s) — 07
  • प्रपदिकाएं (Metatarsals) — 05
  • अंगुलास्थियां — 12
  • अंगूठास्थियां — 02
  • कुल — 30
  • दोनों पैरों की कुल अस्थियां — 60

 

शरीर की प्रमुख संधियां

  • मानव शरीर में हाथ, पैर या अन्य ​अस्थियां किसी न किसी स्थान पर दूसरी अस्थि से आपस में जुड़ी होती है।
  • कंकाल तंत्र की ​अस्थियां आपस मे जिन स्थानों पर जुड़ती है उन्हें संधियां या जोड़ कहते हैं।

संधियां दो प्रकार की होती है

1. चल संधियां और 2. अचल संधियां

 

चल संधियां

  • वे संधियां जो अस्थियों को गति प्रदान करने में सहायक है, चल संधियां कहलाती है। जैसेघुटना, टखना, कोहनी, गर्दन आदि की संधियां।

 

अचल संधियां

  • इस प्रकार की संधियां गतिशील नहीं होती है।
  • इनका मुख्य कार्य शरीर के कोमल अंगों को सुरक्षा प्रदान करना है।
  • जैसेखोपड़ी एवं वक्ष की संधियां।

 

मानव शरीर की प्रमुख चल संधियां

1. कन्दुकखल्लिका संधि

  • इस संधि की रचना में एक अस्थि का सिरा गुहानुमा एवं दूसरी अस्थि का सिरा गोल होता है। गुहाको खल्लिका एवं गोल सिरे को कन्दुक (गेंद) कहते है। इस विशेष संरचना के कारण इस संधि को कन्दुकखल्लिका संधि कहते हैं।
  • इस संधि पर गोल सिरे वाली अस्थि आसानी से सभी दिशाओं में घूम सकती है।
  • जैसे अंस मेखला में हाथ की अस्थि ह्यूमरस
  • श्रोणी मेखला से पैर की अस्थि फीमर

 

2. कोर संधि

  • कोहनी घुटने को घुमाने पर ये एक ही दिशा में गति कर सकते हैं। इनकी तुलना घर के दरवाजों में लगे कब्जों से भी कर सकते हैं।
  • इस प्रकार की संधि में एक अस्थि का गोल सिरा, दूसरी अस्थि के अवतल भाग से जुड़ा रहता है।
  • जैसेकोहनी एवं घुटने की संधि।

 

3. धुराग्र संधि

  • सिर को घुमाने पर यह दांयेबांये, ऊपरनीचे निश्चित दिशा तक ही घूम सकता है।
  • हमारा सिर मेरूदण्ड के ऊपरी सिरे से जिस संधि द्वारा जुड़ा होता है उसे धुराग्र संधि कहते हैं। इस संधि के कारण मेरूदण्ड की स्थिर अस्थि पर खोपड़ी का​ निचला सिरा आसानी से दांयेबांये, ऊपरनीचे घूम सकता है।

 

  • कंधे की अस्थि अंस मेखला कहलाती है।
  • कूल्हे की अस्थि को श्रोणी मेखला कहते हैं।
  • अंस मेखला एवं श्रोणी मेखला से क्रमश: हमारे हाथ एवं पैर की अस्थियां जुड़ी होती है।
  • ये दोनों मेखलाएं हमारे कंकाल तंत्र का आधार है।
  • अस्थियों में गति मांसपेशियों के सिकुड़ने एवं फैलने से ही होती है।


Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Ad