Type Here to Get Search Results !

प्रोटोजोआ संघ

  • इनका शरीर एककोशिकीय होता है। ये अत्यंत सूक्ष्म होते हैं, इसलिए इन्हें केवल सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा जा सकता है।
  • इनके जीवद्रव्य में एक या अनेक केन्द्रक पाये जाते हैं।
  • ये अधिकतर स्वतंत्रजीवी होते हैं, परंतु कुछ परजीवी होते हैं और पोषी, में रोग पैदा करते हैं। जैसे - मनुष्य में मलेरिया प्लाज्मोडियम द्वारा, ट्रिपैनोसोमा द्वारा निडालू रोग, एंटामीबा हिस्टोलिटिका द्वारा पेचिश होती है।
  • सभी जैविक क्रियाएं शरीर के अंदर होती है।
  • कोशिका की सतह से विसरण द्वारा श्वसन होता है।
  • प्रजनन लैंगिक तथा अलैंगिक दोनों प्रकार से होता है।
  • मनुष्य में एंटअमीबा हिस्टोलिटिका का संक्रमण 30-40 वर्षों तक के लिए बना रहता है।
  • एंटअमीबा हर्टमानी वृहदांत्र की गुहा में निवास करता है। इससे भी पेचिश होती है, लेकिन यह कम हानिकारक है।
  • एंटअमीबा कोलाई एक अंतःसहभोजी है। यह भी वृहदांत्र की गुहा में पाया जाता है, परंतु हानिकारक नहीं होता, क्योंकि वह जीवाणुओं का भक्षण करता है।
  • एंटअमीबा जिंजिवेलिस को मुख्य अमीबा भी कहते हैं। यह 70 प्रतिशत लोगों के मसूंड़ों में पाया जाता है और मनुष्य में पायरिया रोग उत्पन्न करता है।

कीटों द्वारा संचरित रोग

कीट
संचरित रोग
रोगजनक कीटाणु
पोषी
मादा ऐनाफिलीज
मलेरिया
प्लाज्मोडियम वाइवैक्स
मनुष्य
मादा क्यूलैक्स
फाइलेरिया/हाथीपांव
वुचरेरिया ब्रेंकोफ्टाइ
मनुष्य
मादा एडीज एजिटाई
पीत ज्वर
वायरस
मनुष्य
मादा क्यूलेमस व एडीज
डेंगू
वायरस
मनुष्य
मादा मच्छर
एंसीफैलाइटिस
वायरस
मनुष्य
ग्लोसरा पाल्पेलिस
अफ्रीकी निद्रारोग
ट्रिपैनोसोमा गैम्बिएंस
मनुष्य
मस्का (मक्खी)
हैजा
विब्रयो कॉलेरा जीवाणु
मनुष्य
मस्का (मक्खी)
डायरिया
जिआर्डिया इन्सेस्टाईनेलिस
मनुष्य
खटमल 
चागास
ट्रिपैनोसोमाक्रुजी
मनुष्य
पेडिकुलास
टाइफस बुखार
रिचेटानिया
मनुष्य
सैण्ड फ्लाई
कलाजार
लीशमैनिया डोनोवैनाई
मनुष्य
टेबेनस मक्खी
सुर्रा
ट्रिपैनोसोमा इवान्साई
ऊंट

                                   



Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Below Ad