भारत ने विश्व का पहला फेशियल बायोमैट्रिक ​नाविक पहचान दस्तावेज लॉन्च कया


  • भारत विश्व का पहला देश बन गया है जिसने नाविकों के फेशियल बायोमैट्रिक डेटा का संग्रह कर बायोमैट्रिक नाविक पहचान दस्तावेज (BSID - Biometric Seafarer Identity Document) जारी किए हैं। 
  • केंद्रीय शिपिंग और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मांडविया ने नई दिल्ली में इस परियोजना को लॉन्च किया। उन्होंने पांच भारतीय नाविकों को नए बीएसआईडी कार्ड सौंपे। 
  • यह तकनीक दो अंगुली या आंख की पुतली आधारित बायोमैट्रिक डेटा से बेहतर है। इसमें आधुनिक सुरक्षा उपाय भी है। 
  • बीएसआईडी में आधुनिक सुरक्षा उपाय है। इसमें एक बायोमैट्रिक चिप लगा होगा। बीएसआईडी कार्ड की सुरक्षा विभिन्न स्तरों और विभिन्न तरीकों के द्वारा सुनिश्चित की गई है। डेटा संग्रह के दौरान चेहरे को पासपोर्ट आकार के फोटो के साथ मिलान किया जाता है। इसके लिए फोटो मिलान सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है। फेशियल बायोमैट्रिक संग्रह तथा इसके प्रमाणन के लिए एक सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है।
  • इससे एसआईडी कार्ड प्राप्त नाविक की पहचान अधिक विश्वासनीय होगी और नाविक की गरिमा एवं निजता बनी रहेगी। 
  • बीएसआईडी कार्ड जारी करने के लिए मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, नोएडा, गोवा, कोच्चि, मंगलौर, विशाखापट्टनम और कांडला में 9 डेटा संग्रह केंद्र बनाए गए हैं। प्रत्येक भारतीय नागरिक जिसे भारत सरकार द्वारा जारी कंटिन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट प्राप्त है उसे बीएसआईडी कार्ड के लिए योग्य माना जाएगा। 
  • सभी नाविकों को आने वाले दो वर्षों में बीएसआईडी कार्ड जारी कर दिए जाएंगे। वर्तमान में 3,50,000 भारतीय नाविकों को बीएसआईडी कार्ड जारी करने की आवश्यकता होगी। 
  • नया पहचान पत्र बीएसआईडी पर अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के समझौता संख्या—185 के अनुरूप है। भारत ने इस समझौते पर अक्टूबर, 2015 में अपनी सहमति व्यक्त की थी। 

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