राजस्थान में पर्यटन विकास

राजस्थान में पर्यटन विकास 

राजस्थान पर्यटन विभाग का पंचवाक्य – "जाने क्या दिख जाये"

Rajasthan Tourism Development Corporation (RTDC) -

राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) की स्थापना 1978 में की गई। इसका मुख्यालय जयपुर में स्थित है। मोहम्मद यूनूस समिति की सिफारिश पर 4 मार्च 1889 को पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्राप्त करने वाला राजस्थान भारत का प्रथम राज्य था।


RTDC के प्रमुख कार्य निम्न है:-


- राजस्थान में पर्यटन विकास के लिए कार्यक्रम, नीतियां और योजनाएं बनाने और उन्हें जारी करना।
- सुरक्षा की व्यवस्था करना।
- पर्यटन महत्त्व के स्थलों का संरक्षण, मरम्मत तथा रख-रखाव करना।
- पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु मेले व महोत्सव को आयोजित करना।
- परिवहन, मनोरंजन, माल आदि के क्रय की सुविधाएं उपलब्ध करना।
- पर्यटकों की सुविधा हेतु होटल, पर्यटन पुलिस एवम् गाईडों की व्यवस्था करना।


राजस्थान में पर्यटन उद्योग


राजस्थान भारत का पहला राज्य जिसने पर्यटन पुलिस का गठन किया।
सन् 1995 में जयपुर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पर्यटन मेला आयोजित किया गया था। जिसका नाम ‘इनवेस्टर’ रखा गया। इस मेले में सिंगापुर को राजस्थान का सहभागी देश घोषित किया तथा केरल को मुख्य अतिथि बनाया।
पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान को 9 सर्किट 1 परिपथ में बांटा है।


पर्यटन त्रिकोण


स्वर्णिम त्रिकोण – दिल्ली – आगरा – जयपुर


मरू त्रिकोण – जैसलमेर – बीकानेर – जोधपुर


पर्यटन सर्किट/परिपथ


मरू सर्किट – जैसलमेर – बीकानेर – जोधपुर – बाड़मेर
शेखावाटी सर्किट – सीकर – झुंझुनू - चूरू
ढूंढाड़ सर्किट:- जयपुर, आमेर, सामोद (जयपुर), रामगढ़, दौसा, आभानेरी (दौसा)
ब्रज मेवात सर्किट – अलवर – भरतपुर – सवाईमाधोपुर – टोंक
हाड़ौती सर्किट – कोटा – बूंदी – बारां – झालावाड़
मेरवाड़ा सर्किट – अजमेर – पुष्कर – मेड़ता – नागौर
मेवाड़ सर्किट- उदयपुरचित्तौड़गढ़राजसमन्दनाथद्वारा
कुम्भलगढ़डूंगरपुरजयसमन्द।
वागड़ सर्किट – बांसवाड़ा – डुंगरपुर
गौड़वाड़ सर्किट – पाली – सिरोही – जालौर
सन् 2006 से पहले 9 सर्किट थे।
वर्तमान में 10 सर्किट हैं, 10वां सर्किट राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सर्किट हैं, जिसमें:- अलवर, सीलीसेढ़, सरिस्का, डीग, धौलपुर (बसेड़ी) आदि आते हैं।
- पैलेस ऑन व्हील्स:-
- राजस्थान पर्यटन विभाग और भारतीय रेलवे के द्वारा सन् 1982 में पहली बार राजस्थान के लिए शाही सुख-सुविधा वाली रेल चलायी।
- सन् 2004 में इसका नाम रॉयल ऑरियन्टल एक्सप्रेस रखा गया हैं।

विलेज ऑन व्हील्स:-
देशी पर्यटकों को आकर्षिंत करने के लिए सन् 2004 में शुरू की गई।
जयपुर के जल महलों के रख-रखाव व पर्यटकों को आकर्षिंत करने के लिए जलमहल योजना शुरू की गई।
सन् 1991 में पेइंग गेस्ट योजना शुरू की गई। जिसके अंतर्गत पर्यटक को घरेलू वातावरण उपलब्ध कराना, स्थानीय संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान से परिचित करवाना आदि कार्य किये जाते हैं।
- ग्रामीण पर्यटन योजना:-
इसके अन्तर्गत सैलानियों को ग्रामीण क्षेत्र में आकर्षिंत करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में बेहतर सुख-सुविधाएँ उपलब्ध करवाकर स्थानीय संस्कृति से परिचित करवाना।
मोहम्मद युनस समिति की सिफारिष पर पर्यटन को सन् 1989 में उद्योग का दर्जा दिया गया।
ऐसा करने वाला राजस्थान भारत का पहला राज्य था।
- सांस्कृतिक धरोहन सेवा वाहिनी:-
विद्यार्थिंयों को राजस्थान की संस्कृति से अवगत करावाने के लिए ऐसी योजना शुरू करने वाला राजस्थान भारत का पहला राज्य हैं।
- हेरीटेन ऑन व्हील्स:-
- यह सन् 2006 में जयपुर, बीकानेर, नवलगढ़, छापर के बीच में चलाई गई। यह सप्ताह में तीन दिन चलती हैं।
- सन् 2001 में पर्यटन विभाग ने एक कलैण्डर जारी किया, जिसमें
निम्नलिखित मेले व त्यौहारों को शामिल किया गया:-
> ग्रीष्मकालीन महोत्सव:- माऊन्ट आबू
> तीज महोत्सव:- जयपुर
> माराड़ महोत्सव:- जोधपुर
> पुष्कर मेला:- अजमेर
> चन्द्रभागा पशु मेला (कार्तिक):- झालावाड़ (हाड़ौती का प्रसिद्ध मेला)
> ऊँट महोत्सव:- बीकानेर
> मरू महोत्सव:- जैसलमेर
> थार महोत्सव:- बाड़मेर
> हाथी महोत्सव:- जयपुर
> मेवाड़ महोत्सव:- उदयपुर
> गणगौर महोत्सव:- जयपुर
- राजस्थान के प्रमुख महल निम्नलिखित हैं:-
> जूना पैलेस:- डूंगरपुर
> जग मन्दिर पैलेस:- कोटा
> मीरा का महल:- चित्तौड़गढ़
> चन्द्रमहल:- जयपुर
> लाल किला:- धौलपुर व अलवर
> बादल महल:- जैसलमेर
> जवाहर विलास महल:- जैसलमेर
> उम्मेद भवन पैलेस:- जोधपुर (छितर पैलेस)
> अजीत भवन:- जोधुपर (उम्मेद पैलेस में)
> लोहागढ़:- भरतपुर
> तारागढ़ किला:- अजमेर
> तारागढ़ महल:- बूंदी
> पोकरण की हवेलियां:- जोधपुर में

> नागौर पैलेस:- नागौर

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