असिस्टेंट प्रोफेसर, 2020 दर्शनशास्त्र द्वितीय प्रश्न पत्र का हल


असिस्टेंट प्रोफेसर कॉलेज शिक्षा विभाग, 2020
दर्शनशास्त्र-II,  03 अक्टूबर, 2021 

 1. प्लेटो द्वारा स्वीकृत सामान्य का सिद्धान्त है:

(1) प्रत्ययवादी

(2) यथार्थवादी

(3) नामवाद

(4) संप्रत्ययवाद

उत्तर- 2


2. ब्रेडले खण्डन करते हैं:

(1) बहुतत्त्ववाद

(2) सुखवाद

(3) अनुभववादी तत्त्वमीमांसा

(4) यह सभी

उत्तर- 4


3. वास्तविक, सामान्य और अनिवार्य ज्ञान केवल सहजात/आत्मजात प्रत्ययों में पाये जाते हैं। यह किसने कहा?

(1) देकार्त

(2) स्पिनोज़ा

(3) लाइब्नित्ज़

(4) कांट

उत्तर- 1


4. यह किसका कथन है: 'दार्शनिकों द्वारा समझा गया द्रव्य एक अचिंत्य काल्पनिक जीव है'?

(1) लॉक

(2) बर्कले

(3) ह्यूम

(4) कांट

उत्तर- 3


5. वह मत जो सभी कुछ को जड़ और गति के रूप में समझता है, उसे अनिवार्य नियमों का परिणाम मानता है निम्न विचारधारा का पक्षधारी है:

(1) वैज्ञानिकवाद

(2) भौतिकवाद

(3) साम्यवाद

(4) यथार्थवाद

उत्तर- 2


6. क्या चेतना का अस्तित्व है? इस प्रश्न का विलियम जेम्स ने कौन सा उत्तर दिया?

(1) नहीं, बिलकुल नहीं

(2) नहीं, यदि चेतना का अर्थ किसी प्रकार की सत्ता या मानसिक पदार्थ से है।

(3) हाँ, यदि चेतना का अर्थ एक क्रियाशील एकता है।

(4) दोनों (2) और (3)

उत्तर- 4


7. कांट के संदर्भ में निम्न में से सही विकल्प चुनें:

(1) सार्वभौमिकता, अनिवार्यता और नवीनता ज्ञान की कसौटी है।

(2) संश्लेषणात्मक प्रागुनभविक निर्णय ज्ञान की सभी कसौटियों पर खरे उतरते हैं।

(3) ज्ञान निर्णय के रूप में प्रस्तुत होता है।

(4) यह सभी

उत्तर- 4


8. वह दार्शनिक जिसने डेकार्ट के पश्चात् उन अधिकांश विचारकों के दृष्टिकोण का खण्ड़न किया जो बाह्य जगत के अस्तित्व को सिद्ध करने की कोशिश कर रहे थे -

(1) बर्कले

(2) लॉक

(3) कांट

(4) लाइब्ज़ि

उत्तर- 1


9. जो किसी प्रकार का परिणाम संपादित करता है अरस्तू उसे क्या कहते हैं?

(1) उपादान कारण

(2) निमित्त कारण

(3) स्वरूप कारण

(4) लक्ष्य कारण

उत्तर- 2


10. ह्यूम के विचार में मानव जाँच में किस प्रकार की विषयवस्तु का कोई भी व्याघाती/विरोधाभास नहीं हो सकता?

(1) प्रत्ययों के संबंध

(2) यथार्थ तथ्य

(3) पूर्वानुभविक ज्ञान

(4) किसी भी विषय वस्तु का विरोधाभास संभव है।

उत्तर- 2


11. किसी भी युक्ति के निष्कर्ष की सत्यता तार्किक रूप से उसके आधार वाक्यों की सत्यता से निगमित की जा सकती है। यह सत्य है:

(1) सामंजस्य के सिद्धान्त पर

(2) अनुरूपता के सिद्धान्त पर

(3) अर्थक्रियाकारित्व के सिद्धान्त पर

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2


12. आप जानते हो नमक सफेद है यदि और केवल यदि तो नमक सफेद है। कौन सा सत्यता का सिद्धान्त है?

(1) अर्थक्रियाकारित्व

(2) अनुरूपता

(3) तार्किक

(4) सामंजस्य

उत्तर- 2


13. फ्रेगे के अनुसार वाक्य का संदर्भ है

(1) वस्तुनिष्ठ

(2) मानसिक

(3) आध्यात्मिक

(4) व्यक्तिनिष्ठ

उत्तर- 1


14. अनुभव के मुख्य शुद्ध आदर्श स्वरूप पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए अनुभव के तथ्यात्मक पक्ष को 'कोष्ठीकृत' करने की तकनीक मुख्य विशेषता है:

(1) अर्थक्रियावाद की

(2) फेनोमेनालोजी की

(3) पदार्थवाद की

(4) अस्तित्त्ववादी की तत्त्वमीमांसा को

उत्तर- 2


15. निम्न दार्शनिकों में से कौन सा नहीं नकारता है?

(1) कांट

(2) ह्यूम

(3) बर्कले

(4) एयर

उत्तर- 3


16. कौन सा कथन ह्यूम के द्रव्यसंबंधी विचार में सत्य नहीं हैं?

(1) भौतिक द्रव्य अस्तित्ववान है।

(2) अविभाज्य, अनश्वर, आत्म द्रव्य अज्ञात है।

(3) द्रव्य का प्रत्यय चाहे मानसिक हो या जड़, अर्थहीन है।

(4) मानसिक द्रव्य के अस्तित्व को सिद्ध करने हेतु कोई भी अनुभववादी साक्ष्य नहीं है।

उत्तर- 2


17. ...... के अनुसार दर्शन ऐसी क्रिया है जिसके माध्यम से कथनों का अर्थ स्पष्ट और परिभाषित होता है।

(1) डब्ल्यू. वी. क्वाइन

(2) विटगेन्स्टाइन

(3) ए. जे. एयर

(4) श्लिक

उत्तर- 4


18. “मनुष्य पूरी तरह से स्वतन्त्र और पूरी तरह से उत्तरदायी है। पीड़ा उसका परिणाम है।" यह किसका कथन है?

(1) सार्त्र

(2) कामू

(3) यास्पर्स

(4) नीत्शे

उत्तर- 1


19. सोरेन कर्केगार्ड के अनुसार व्यक्ति अपने जीवन काल में...... संभावित अवस्थाओं से गुजर सकता है।

(1) 2

(2) 4

(3) 5

(4) 3

उत्तर- 3


20. प्रत्येक वस्तु परिवर्तनशील है, विरोधाभास से गुजरती है। यह प्रक्रिया है:

(1) आंगिक/जैविक प्रक्रिया

(2) द्वन्द्वात्मक प्रक्रिया

(3) चिन्तनशील प्रक्रिया

(4) अमूर्तीकरण की प्रक्रिया

उत्तर- 3


21. निम्न में से कौन सा कथन स्पिनोजा की ईश्वर की धारणा पर लागू नहीं होता?

(1) ईश्वर द्रव्य है।

(2) ईश्वर निर्वैयक्तिक है।

(3) ईश्वर का व्यक्तित्व है।

(4) ईश्वर स्व-रचयिता है।

उत्तर- 3


22. अरस्तू की कारणता की धारणा-

(1) वैज्ञानिक है।

(2) यांत्रिक है।

(3) तत्त्वमीमांसीय है।

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3


23. सत्यता के उस सिद्धान्त को चिह्नित करें जो निम्न विवरण को सबसे सही दर्शाता है:

सत्य अन्तर-सम्बन्धित कथनों के विस्तृत निकाय का एक गुण है इसलिए कथनों में सत्यता व असत्यता की मात्रा होती है।

(1) सामंजस्य सिद्धान्त

(2) अनुरूपता का सद्धान्त

(3) अर्थक्रियाकारित्व का सिद्धान्त

(4) अर्थ-सम्बंधी सिद्धान्त

उत्तर- 1


24. अस्तित्व सार का पूर्वगामी है- यह किस विचारधारा का केन्द्र बिन्दु है?

(1) प्रत्ययवाद

(2) द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद

(3) अस्तित्त्ववाद

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3


25. ईश्वर मृत है- यह कथन किसका है?

(1) ह्यूम

(2) फ्रेंसिस बेकन

(3) हुसल

(4) नीत्शे

उत्तर- 4


26. हीगल का दर्शन है:

(1) प्रपंचात्मक प्रत्ययवाद

(2) व्यक्तिनिष्ठ प्रत्ययवाद

(3) निरपेक्ष प्रत्ययवाद

(4) अतींद्रिय प्रत्ययवाद

उत्तर- 3


27. अन्य/दूसरे व्यक्तियों की अवधारणों को जन्म देने की कला है:

(1) धोखाधड़ी

(2) वक्तृत्व कला

(3) बौद्धिक धातृत्व

(4) तर्क-वितर्क

उत्तर- 3


28. कांट के अनुसार निर्णय सदैव प्रागनुभविक होते हैं।

(1) विश्लेषणात्मक

(2) संश्लेषणात्मक

(3) नैतिक

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 4


29. सभी घटनाओं का कारण होता है। कांट इसकी व्याख्या कैसे करते हैं?

(1) यह मनस की एक आदत है।

(2) हमने अनुभव में कारण को घटनाओं का पूर्वगामी देखा है।

(3) यह पूर्व स्थापित सामंजस्य के कारण होता है।

(4) कारणता की मूल-धारणा लागू होने की वजह से

उत्तर- 4


30. बर्कले के अनुसार:

(1) प्रत्यय अस्तित्त्ववान है परन्तु मनस् नहीं।

(2) मनस् अस्तित्त्ववान है परन्तु प्रत्यय नहीं।

(3) प्रत्यय और मनसू दोनों अस्तित्त्ववान हैं।

(4) न तो प्रत्यय और न ही मनस् अस्तित्त्ववान है।

उत्तर- 3


31. 'एक अच्छा घड़िसाज़ दो ऐसी घड़ियों को रच सकता है जो बराबर एक-दूसरे से मिली हैं और सदैव एक ही समय बताती हैं।' यह स्थिति स्वीकार्य है:

(1) स्पिनोजा को

(2) लाइब्नित्ज़ को

(3) देकार्त को

(4) लॉक को

उत्तर- 2


32. यह कथन किसने कहा है 'जब थोड़े से काम चल सकता है, तो ज्यादा से काम लेना व्यर्थ है'?

(1) फ्रेगे

(2) रसेल

(3) विलियम ऑफ ओक्हेम्स

(4) विटगेनस्टाइन

उत्तर- 3


33. अपनी पुस्तक 'इन्डिविड्यूल्स' में किसने वैयक्तिक अनन्यता की समस्या को रेखांकित किया?

(1) क्रिपके

(2) लॉक

(3) पी. एफ. स्ट्रॉसन

(4) ऑस्टिन

उत्तर- 3


34. प्रकृतिवाद वह दार्शनिक विचारधारा जिसके अनुसार विश्व-प्रक्रिया :

(1) उद्देश्यविहीन और नियत है।

(2) ईश्वर द्वारा प्रकृति के नियमों के अनुरूप रचित है।

(3) मनुष्यों के लिए मुख्यतः।

(4) केवल धार्मिक विश्वासों द्वारा ज्ञात।

उत्तर- 1


35. .... के अनुसार द्रव्य एक जटिल प्रत्यय हैं।

(1) स्पिनोज़ा

(2) देकार्त

(3) लॉक

(4) ह्यूम

उत्तर- 3


36. प्राक्कल्पना कभी भी सत्य नहीं मानी जा सकती है क्योंकि आगामी अध्ययन भिन्न परिणाम उत्पन्न कर सकता है जो उस प्राक्कल्पना का खण्डन करती है। इसे कहा जाता है:

(1) साक्ष्य की समस्या

(2) आगमन की समस्या

(3) पुनरावृत्ति की समस्या

(4) निगमन की समस्या

उत्तर- 1


37. निम्नोक्त काण्ट की कोपरनिकन क्रांति द्वारा अभिप्रेरित नहीं है:

(1) सहज वस्तुवाद का खण्डन

(2) प्रत्यय के बिना ऐन्द्रिक अन्तःप्रज्ञा का अंधापन

(3) अनुभवातीत प्रत्ययवाद का खण्डन

(4) बिना ऐन्द्रिक अन्तःप्रज्ञा के प्रत्ययों का खोखलापन

उत्तर- 3


38. बर्कले भौतिक द्रव्य का खण्डन करता है क्योंकि-

(1) वह एक अमूर्त प्रत्यय है।

(2) वह एक विशुद्ध प्रत्यय है।

(3) वह एक अन्तर्वती प्रत्यय है।

(4) ईश्वर द्वारा प्रदत्त है।

उत्तर- 2


39. आत्मनिष्ठ प्रत्ययवाद स्वीकार करता है:

(1) विषय की ज्ञाता मनस से स्वतन्त्र सत्ता है।

(2) विषय की ज्ञाता मनस से स्वतन्त्र सत्ता नहीं है।

(3) मनस पदार्थ पर आश्रित है।

(4) मनस एवं पदार्थ दोनों परस्पर आश्रित हैं।

उत्तर- 2


40. मूर के अनुसार शुभ की परिभाषा जिसमें प्राकृतिक दोष नहीं है, वह निम्नोक्त है:

(1) शुभ ईश्वराज्ञा है।

(2) सभी शुभ कर्म सुख उत्पन्न करते हैं।

(3) शुभ सद्गुण है।

(4) शुभ अपरिभाष्य है।

उत्तर- 4


41. निम्नोक्त में से प्लेटो की व्यवस्था में संयम रूपी सद्गुण पर सटीक बैठता है:

(1) संयम ऐसा सद्गुण है जो सुख के प्रलोभनों का प्रतिरोध करता है।

(2) संयम सुख का विरोधी है।

(3) संयम बुद्धि और मानव स्वभाव की अन्य प्रवृत्तियों में उचित संतुलन स्थापित करता है।

(4) संयम नकारात्मक सद्गुण जो केवल क्षुधाओं को दबाती है।

उत्तर- 3


42. दण्ड के किस सिद्धान्त में मृत्युदण्ड औचित्यपूर्ण हो सकता है?

(1) सुधारात्मक

(2) प्रतिरोधात्मक

(3) प्रतिकारात्मक

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3


43. यह कथन किसका है। 'नैतिक विधेय तथ्यात्मक नहीं होते हैं, वे उस परिस्थिति के किसी वैशिष्टय का वर्णन नहीं करते जिस पर वे लागू होते हैं”?

(1) आर. एम. हेयर

(2) ब्रेथवैट

(3) ए. जे. ऐयर

(4) सी.एल. स्टीवेन्सन

उत्तर- 3


44. निम्नोक्त युग्म में से कौन सा सही युग्म नहीं है?

(1) आर.एम. हेयर - सार्वभौमिक परामर्शवाद

(2) ए. जे. ऐयर - नैतिक कथन अर्थहीन हैं।

(3) सी.एल. स्टीवेनसन - नैतिक निर्णय आज्ञा हैं।

(4) पी.एच. नॉवल स्मिथ - नैतिक शब्द वर्णनात्मक शब्द हैं।

उत्तर- 4


45. नैतिक निर्णय निरपेक्ष होते हैं। इस विचारधारा का खण्डन किया गया:

(1) कांट द्वारा

(2) तार्किक प्रत्यक्षवादियों द्वारा

(3) प्लेटो द्वारा

(4) इन सभी के द्वारा

उत्तर- 1


46. निम्नोक्त में से कौन सा नैतिक अवधारण नैतिक प्रकृतिवाद का रूप है?

(1) संवेगवाद

(2) परामर्शवाद

(3) उपयोगितावाद

(4) प्रत्यक्षवाद

उत्तर- 3


47. नैतिक संवित्ति सिद्धान्त प्रतिनिधित्व करता है:

(1) दार्शनिक अन्तःप्रज्ञावाद का

(2) अदार्शनिक अन्तः प्रज्ञावाद का

(3) तार्किक अन्तः प्रज्ञावाद का

(4) नैतिक अन्तः प्रज्ञावाद का

उत्तर- 4


48. निम्नोक्त नैतिक सिद्धान्तों में से कौन सा यह मानता है कि नैतिक निर्णय से आदेश निर्गमित होते हैं?

(1) संवेगवाद

(2) प्रत्यक्षवाद

(3) उपयोगितावाद

(4) परामर्शवाद

उत्तर- 4


49. वह तत्त्व जो नैतिक निर्णयों को अन्य आदेशों से भिन्न करते है, वह है:

(1) सार्वभौमिकता का नियम

(2) आध्यात्मिकता का अस्तित्व

(3) विषयीनिष्ठता

(4) ईश्वराज्ञा

उत्तर- 1


50. काण्ट के अनुसार संकल्प को उचित बनाने वाली विशेषता है:

(1) वह शुभ परिणामों को उत्पन्न करता है।

(2) वह सबके सुख को सुनिश्चित करता है।

(3) वह प्रचलित कानून के अनुरूप है।

(4) वह बौद्धिक सिद्धान्त के अनुरूप है।

उत्तर- 4


51. यह किसका कथन है 'आत्म-त्याग अपने आप के लिए सदैव अबौद्धिक और अनैतिक है'?

(1) ब्रेडले

(2) हेस्टिंग्स रैशडल

(3) जे.एस. मिल

(4) कांट

उत्तर- 2


52. यह धारणा कि व्यक्ति का नैतिक कर्त्तव्य सम्पूर्ण समुदाय के सुख के लिए है निम्न विचारधारा से जुड़ी है:

(1) सार्वभौमवाद

(2) परोपकारवाद

(3) उपयोगितावाद

(4) सुखवाद

उत्तर- 1


53. वह सिद्धान्त जो बिना किसी युक्ति के नैतिक विषय के बोध को तात्कालिक मानता है, उसे निम्नोक्त कहा जाता है:

(1) अन्तः प्रज्ञावाद

(2) परिणामनिरपेक्षवाद

(3) पूर्णतावाद

(4) परिणामवाद

उत्तर- 1


54. टी. एच. ग्रीन की दार्शनिक विचारधारा है:

(1) वस्तुनिष्ठ प्रत्ययवाद

(2) समीक्षात्मक प्रत्ययवाद

(3) व्यक्तिनिष्ठ प्रत्ययवाद

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1


55. जी. ई. मूर का 'प्रत्ययवाद का खण्डन' निम्न में से किस पर आधारित है?

(1) मन और जड़ के भेद पर

(2) बोध और संदर्भ के भेद पर

(3) ज्ञाता और जानने के कृत्य के भेद पर

(4) संवेदन की वस्तु व संवेदन के भेद पर

उत्तर- 4


56. 'शुभ वह है जिसकी मानव इच्छा करता है।'

मिल के इस कथन में निम्न दोष है:

(1) समानार्थकता का दोष

(2) आत्मश्रण दोष

(3) संदिग्धार्कता का दोष

(4) प्राकृतिक दोष

उत्तर- 4


57. निम्नलिखित परिभाषाओं में से कौन सी परिभाषा सही है?

मनोवैज्ञानिक सुखवाद के अनुसार:

(1) मनुष्य स्वभावतः सुख की प्राप्ति व दुख की निवृत्ति की ओर प्रवृत्त होता है।

(2) मनुष्य को सुख की ओर प्रवृत्त होना चाहिये।

(3) मनुष्य स्वभावतः सुख की ओर प्रवृत्त नहीं होता परन्तु चाहिये। उसे सुख की ओर प्रवृत्त होना

(4) मनुष्य स्वभावतः सुख की ओर प्रवृत्त होता है व उसे सुख की ओर प्रवृत्त होना चाहिये।

उत्तर- 1


58. बटलर के अनुसार अन्तर्विवेक है:

(1) अन्तःप्रज्ञात्मक

(2) चिंतनशील

(3) बौद्धिक

(4) यह सभी

उत्तर- 4


59. विकासवाद के अनुसार शुभ आचरण से तात्पर्य है:

(1) अनैच्छिक कर्म

(2) अस्तित्वहेतु कर्म

(3) आदतजन्य कर्म

(4) सद्गुणयुक्त कर्म

उत्तर- 2


60. निम्नोक्त में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?

(1) सिजविक के अनुसार एकमात्र सुख आन्तरिक रूप से मूल्यवान है।

(2) काण्ट के अनुसार उपयुक्त मात्रा सुख युक्त सद्गुण आन्तरिक रूप से शुभ है।

(3) मूर के अनुसार आंतरिक रूप से शुभ वस्तुएँ जैविक सम्पूर्ण हैं।

(4) यह सभी

उत्तर- 4


61. हीगल के अनुसार नैतिकता की उच्चतम अवस्था है:

(1) अन्तःप्रज्ञात्मक नैतिकता

(2) सामाजिक बाध्यता

(3) व्यक्तिगत एवं सामाजिक हित का एकीकरण

(4) परार्थवाद

उत्तर- 3


62. ब्रेडले का 'मेरा स्थान एवं उसके कर्त्तव्य' का तात्पर्य है:

(1) हर किसी का अपना

(2) प्रत्येक व्यक्ति की समाज में एक विशिष्ट पात्रता और उससे सन्निहित कर्त्तव्य होते हैं।

(3) प्रत्येक व्यक्ति अपने नैतिक मूल्यों का चयन स्वयं करता है।

(4) कर्त्तव्य के लिए कर्त्तव्य

उत्तर- 2


63. बूल द्वारा निरूपाधिक तर्कवाक्यों की व्याख्या से निम्नलिखित नहीं निगमित होता है:

(1) विशेष तर्कवाक्य का सत्तात्मक तात्पर्य है।

(2) A और E तर्कवाक्य रिक्त वर्ग नहीं है।

(3) I और O तर्कवाक्य अनुविपरीत नहीं है।

(4) A और E तर्कवाक्य विरोधी है

उत्तर- 2


64. निम्न आकार वाली अवैध न्याययुक्ति द्वारा कौन सा दोष उत्पन्न होता है? AIO-3

(1) अव्याप्त मुख्य पद

(2) अव्याप्त अमुख्य पद

(3) अव्याप्त मध्यम पद

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1


65. जब हम एक वाक्य की सत्यता को सिद्ध करने के लिए उसकी सत्यता को मान लेते हैं तब एक दोष उत्पन्न होता है। निम्न में से कौन सा उस दोष का नाम नहीं है?

(1) आत्माश्रय दोष

(2) पेटिटीयो प्रिंसिपाई

(3) चक्रक दोष

(4) असंगत निष्कर्ष दोष

उत्तर- 4


66. निम्न में से कौन सा न्याययुक्ति का वैध नियम है?

(1) अमुख्य पद कम से कम एक बार आधार वाक्य में व्याप्त हो।

(2) दो निषेधात्मक आधारवाक्यों से निष्कर्ष निगमित नहीं हो सकता है।

(3) यदि दोनों आधारवाक्य विशेष हैं तो निष्कर्ष भी विशेष ही होगा।

(4) कोई भी पद आधारवाक्यों में व्याप्त नहीं हो सकता यदि वह निष्कर्ष में व्याप्त नहीं है।

उत्तर- 2


67. निम्नलिखित में से कौन सा वर्ग पिताओं के वर्ग का पूरक वर्ग है?

(1) माताओं का वर्ग

(2) बच्चों का वर्ग

(3) माँ-बाप का वर्ग

(4) अ-पिताओं का वर्ग

उत्तर- 4


68. ~ (p v q) = (~ p ۰ ~ q) क्या ये:

(1) तार्किक समतुल्य है?

(2) शाब्दिक प्रतिपत्ति समतुल्य है?

(3) दोनों तार्किक और शाब्दिक प्रतिपत्ति समतुल्य हैं।

(4) दोनों में से कोई भी नहीं

उत्तर- 3


69. एक हेतुमत् कथन में जब तक का अर्थ है यदि नहीं और प्रविष्ट कराता है

(1) निषेध को

(2) संयोजन को

(3) अनुवर्ती को

(4) पूर्ववर्ती को

उत्तर- 4


70. तर्कवाक्य तर्कशास्त्र कथनों और _______ के स्थान पर प्रतीकों का प्रयोग करता है।

(1) अ-कथन

(2) सत्यता मूल्य

(3) उद्देश्य और विधेय के संबंध

(4) कथनों के मध्य संबंध

उत्तर- 4


71. निगमनात्मक युक्ति में आधार वाक्य और निष्कर्ष के मध्य जो संबंध है, वह है:

(1) संयोजन

(2) हेत्वाश्रय

(3) प्राक्कल्पना

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2


72. वैध निरूपाधिक युक्ति में मुख्य पद होता है:

(1) अमुख्य पद वाक्य का उद्देश्य पद

(2) मुख्य पद वाक्य का विधेय पद

(3) निष्कर्ष का उद्देश्य पद

(4) निष्कर्ष का विधेय पद

उत्तर- 4


73. निरूपाधिक तर्कवाक्य संकेत कर सकते हैं:

(1) वर्ग के सभी सदस्यों की ओर

(2) वर्ग के कुछ सदस्यों की ओर

(3) सभी और कुछ सदस्यों की ओर

(4) न ही सब न ही कुछ सदस्यों की ओर

उत्तर- 3


74. एमेजॉन बेसिन पृथ्वी की 20% ऑक्सीजन पैदा करती है, अधिकांश वर्षा उत्पन्न करती है और अनेक अज्ञात जातियों को आश्रय देती है। यह वाक्य है :

(1) सरल तर्कवाक्य

(2) तीन तर्कवाक्यों का संयोजन

(3) दो तर्कवाक्यों का संयोजन

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2


75. निम्न में से कौन सा कथन सत्य नहीं है?

(1) सभी वैध तर्क युक्तियाँ केवल सत्य न्यायवाक्य सम्मिलित करती हैं।

(2) एक युक्ति तब भी वैध हो सकती है जबकि उसके एक या अधिक आधारवाक्य सत्य नहीं हों।

(3) एक युक्ति वैध हो सकती है जबकि उसके दो असत्य आधारवाक्य और निष्कर्ष सत्य हो।

(4) एक युक्ति वैध है, यह उसके निष्कर्ष की सत्यता को सुनिश्चित नहीं करता ।

उत्तर- 1


76. सभी यौगिक प्रतिज्ञप्तियाँ अपने अवयवों की सत्यता स्थापित करती हैं। क्या यह

(1) सदैव सत्य है?

(2) सदैव असत्य है?

(3) कभी सत्य, कभी असत्य

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3


77. (x) (Hx Mx)

उपरोक्त प्रतीकात्मक आकार निम्नलिखित किस पारंपरिक तर्कवाक्य का प्रतिनिधित्व करता है?

(1) A

(2) E

(3) I

(4) O

उत्तर- 1


78. ~ (p · q) = ~ p v ~ q यह है :

(1) व्याप्ति का नियम

(2) डी मार्गन का नियम

(3) वस्तुगत आपादान का नियम

(4) विनिमय का नियम

उत्तर- 2


79. निम्न में से कौन सा तर्कवाक्य पुनर्कथन है?

(1) (p v q) →q

(2) p v (q →p)

(3) p v (p → q)

(4) दोनों (2) और (3)

उत्तर- 4


80. p v ~ p द्वारा विचार के कौन से नियम का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व किया गया है?

(1) व्याघात का नियम

(2) तादात्म्य का नियम

(3) मध्य परिहार का नियम

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 3


81. संबंध के आधार पर तर्कवाक्य विभाजित होते हैं-

(1) अनिवार्य और अनिश्चित

(2) निरूपाधिक और हेत्वाश्रित

(3) अस्तिवाचक और निषेधात्मक

(4) सामान्य और विशेष

उत्तर- 4


82. किसी विशेष घटना के घटित होने के लिए आवश्यक अवस्था या हेतु वह परिस्थिति है

(1) जिसकी उपस्थिति में घटना घटित नहीं हो सकती।

(2) जिसकी अनुपस्थिति में घटना घटित नहीं हो सकती।

(3) कोई परिस्थिति आवश्यक नहीं।

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2


83. हम श्रद्धोत्तेजन दोष तब करते हैं जब- 

(1) किसी विशेषज्ञ की विश्वसनीयता की जाँच करते हैं।

(2) किसी अ-विशेषज्ञ को विशेषज्ञ मानते हैं।

(3) किसी विशेषज्ञ को अ-विशेषज्ञ मानते हैं।

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2


84. निरूपाधिक तर्कयुक्ति का वैन आरेख कौन सी अवस्था और आकार प्रदर्शित करता है?



(1) AAE - I

(3) AEE-IV

(2) EAE- II

(4) AAA - I

उत्तर- 4


85. चार सत्यता फलन संयोजक हैं:

(1) संयोजन, हेत्वाश्रित, यौगिक और वियोजन

(2) संयोजन, वियोजन हेत्वाश्रित, तार्किक समतुल्य

(3) संयोजन, निषेध, वियोजन और हेत्वाश्रित

(4) संयोजन, वियोजन, वस्तुगत आपादान और द्विपादिक 

उत्तर- 3


86. यह असत्य है कि 'वह गरीब है पर ईमानदार नहीं' तर्कवाक्य का सही प्रतीकात्मक आकार बतायें:

(1) ~ (p • ~q)  

(2) ~ p •~ q

(2) ~ (p ꓛ ~ q)

(4) ~ p ꓛ ~ q

उत्तर- 1


87. सामान्य वैध युक्ति आकार हैं:

(1) वैकल्पिक न्याययुक्ति, हेतुहेतुमत् न्याययुक्ति और निरपेक्ष न्याययुक्ति

(2) विधायक हेत्वाश्रित अनुमान, निषेधक हेत्वाश्रित अनुमान, हेत्वाश्रित न्याययुक्ति और वैकल्पिक न्याययुक्ति

(3) दोनों (1) और (2)

(4) (1) और (2) दोनों ही नहीं

उत्तर- 3


88. आधुनिक तर्कशास्त्र का संस्थापक कौन है?

(1) गोटलॅब फ्रेगे

(2) जॉर्ज बूल

(3) डी मॉर्गन

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1


89. हिन्दुस्तान लीवर एक बहुत महत्त्वपूर्ण कॉरपोरेशन है और श्री सेन उस कॉरपोरेशन के एक अधिकारी हैं इसलिए श्री सेन एक बहुत महत्त्वपूर्ण व्यक्ति हैं। तर्क दोष को पहचानिये;

(1) उपलक्षण दोष

(2) परिवर्तित उपलक्षण दोष

(3) विग्रह दोष

(4) संहति दोष

उत्तर- 4


90. खिड़की के पास चली आओ

समंदर आज रात शान्त है:

इस अभिव्यक्ति में भाषा के किस कार्य की अपेक्षा की गई है?

(1) सूचनात्मक

(2) निर्देशात्मक

(3) सूचनात्मक और निर्देशात्मक

(4) अभिव्यक्तात्मक और सूचनात्मक

उत्तर- 3


91. यदि R एक संबंध है A से B तक तो A और B हैं :

(1) A रिक्त और B अ-रिक्त हो सकते हैं।

(2) A अ-रिक्त और B रिक्त हो सकते हैं।

(3) दोनों अ-रिक्त हैं।

(4) दोनों रिक्त हैं।

उत्तर- 3


92. सत्यता-सारिणी एक सशक्त उपकरण है:

(1) प्रत्येक सत्यता फलक युक्ति की वैधता को जाँचने के लिए।

(2) किसी भी युक्ति की वैधता जाँचने के लिए।

(3) सरल कथनों का सत्यता मूल्य निर्धारित करने के लिए।

(4) उपरोक्त सभी

उत्तर-1


93. निम्नलिखित कथन का निषेधात्मक रूप लिखो :

यदि बारिश आ रही है, तुम छतरी ले लो

(1) बारिश आ रही है और तुम अपनी छतरी मत लो।

(2) यदि बारिश हो रही है, तुम अपनी छतरी मत लो।

(3) बारिश नहीं हो रही है और तुम अपनी छतरी मत लो।

(4) बारिश नहीं हो रही है और तुम अपनी छतरी ले लो।

उत्तर-2


94. यदि तर्कवाक्य P सत्य, Q असत्य और R सत्य है तो निम्न में से कौन सा कथन सत्य है?

(1) P • Q • R

(2) P • ~Q • R

(3) ~P • Q • R

(4) P • Q •~R

उत्तर- 2


95. परिमाणक युक्त युक्ति अवैध है यदि

(1) ऐसा जगत संभव है जहाँ कम-से-कम एक व्यक्ति है जिससे की आधारवाक्य सत्य है और निष्कर्ष असत्य।

(2) ऐसा प्रतिमान है जिसमें कोई भी एक आधारवाक्य असत्य है और निष्कर्ष भी असत्य है।

(3) ऐसा प्रतिमान है जहाँ सभी व्यक्ति हैं जिससे की आधारवाक्य सत्य है और उसका निष्कर्ष असत्य।

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1


96. मान लीजिये A और B अरिक्त संबंध सेट S पर हैं। निम्न में से कौन सा कथन असत्य है:

(1) A और B→   A  B संचारी है। संचारी हैं

(2) A और B→  AUB सममित है। सममित हैं

(3) A और B→ AUB संचारी नहीं है। संचारी हैं

(4) A और B→  A∩ B प्रतिवर्ती है। प्रतिवर्ती हैं

उत्तर- 3


97. मान लीजिये X एक सेट्स का परिवार है और R, X के संबंध में है जो 'A' द्वारा परिभाषित है एवं जो B से अलग है। ऐसी स्थिति में 'R'

(1) प्रतिवर्ती संबंध  (2) सममित संबंध

(3) सममित-विरोधी संबंध (4) संचारी संबंध

उत्तर- 2


98. निम्न में से कौन से दो सेट बराबर हैं?

(1) A = {1, 2} और B = {1}

(2) A = { 1, 2} और B = {1, 2, 3}

(3) A= {1, 2, 3} और B = {2, 1, 3)

(4) A = { 1, 2, 4} और B = {1, 2, 3}

उत्तर- 3


99. निम्नलिखित तर्कवाक्य का परिवर्तित प्रतिवर्तन बताइये: सभी सज्जन अ-पतित हैं।

(1) सभी सज्जन पतित हैं।

(2) कोई भी सज्जन अ-पतित नहीं है।

(3) सभी पतित अ-सज्जन हैं।

(4) सभी अ-पतित अ-सज्जन हैं।

उत्तर- 3


100. तर्कशास्त्रियों के लिए वैधता लागू होती है

(1) किसी भी युक्ति पर

(2) हेतुहेतुमत् न्यायवाक्य पर

(3) आगमनात्मक युक्ति पर

(4) निगमनात्मक युक्ति पर

उत्तर- 4


101. निगमनात्मक युक्ति की वैधता को सिद्ध करने के लिए _______ अनुमान के नियम हैं।

(1) 19  (2) 09

(3) 10  (4) 02

उत्तर- 2


102. साम्यनुमान युक्ति के लिए सत्य है:

(1) आधारवाक्य और एक निष्कर्ष होता है।

(2) इनके लिए केवल संभाव्यता का दावा किया जा सकता है।

(3) आगमनात्मक युक्ति का यह प्रचलित उदाहरण है।

(4) यह सभी

उत्तर- 4


103. वर्णनात्मक वाक्य जिनके दो सत्यता मूल्य में से केवल एक और सिर्फ एक का मूल्य निर्धारित किया जा सकता है - उन्हें कहा जाता है :

(1) संयोजन

(2) वियोजन

(3) कथन

(4) संयोजक

उत्तर- 3


104. तर्कवाक्य तर्कशास्त्र के संदर्भ में निम्न सत्य नहीं है:

(1) प्रतिज्ञप्ति तर्कशास्त्र में सभी, कुछ या कोई भी नहीं जैसे संबंध दर्शाये जा सकते हैं।

(2) इनमें सीमित अभिव्यक्ति क्षमता होती है।

(3) प्रतिज्ञप्ति तर्कशास्त्र में हम कथनों की व्याख्या उनके गुणों या तार्किक संबंधों द्वारा नहीं कर सकते।

(4) प्रतिज्ञप्ति तर्कशास्त्र में विषय-वस्तु, संबंध और तार्किक संयोजक होते हैं।

उत्तर- 1


105. समाज में सामाजिक असमानता तब होती है जब

(1) किसी एक समाज में संसाधन जाति, धर्म, लिंग आदि कड़ियों से जुड़कर असमान रूप से वितरित होते हैं।

(2) आय के आधार पर भेद-भाव है।

(3) अमीर और गरीब के बीच खाई है।

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1


106. मानवाधिकार आयोग का तात्कालिक उद्देश्य क्या था?

(1) मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा के लिए मसौदा तैयार करना।

(2) कोन्गो में शांति व्यवस्था बनाए रखने की व्यवस्था करना।

(3) सैन्य तानाशाहों पर मुकदमा चलाना।

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1


107. किसी भी निकाय के सभी प्रदत्त गुणों को केवल अवयवों द्वारा निर्धारित नहीं किया जा सकता है बल्कि एक संपूर्ण निकाय के परिप्रेक्ष में निर्धारित किया जा सकता है। यह किस दर्शन का सार है?

(1) अणुवाद

(2) विघटनवाद

(3) साकल्यवाद

(4) प्रत्ययवाद

उत्तर- 3


108. सद्गुण नैतिकता को लागू करने में एक कठिनाई है:

(1) उपयुक्त निरपेक्ष आदेश

(2) उपयुक्त अधिकारों का सिद्धान्त

(3) किन नियमों द्वारा अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम सुख उत्पन्न होगा, उस पर भी सहमति का अभाव

(4) 'शुभ जीवन' से तात्पर्य को लेकर सहमति का अभाव

उत्तर- 4


109. चिकित्सा नीतिशास्त्र चार मुख्य सिद्धान्तों पर टिका हुआ है:

(1) स्वायत्तता, गोपनीयता, उपकार और गैर हानिकारक

(2) स्वायत्तता, सहमति, जीवन और न्याय के लिए सम्मान

(3) स्वायत्तता, न्याय, उपकार और गैर हानिकारक

(4) सहमति, न्याय, पारदर्शिता व जीवन के लिए सम्मान

उत्तर- 3


110. अधिकांश समकालीन नारीवादियों के अनुसार लिंग क्या है?

(1) किसी के जैविक लिंग से जुड़ा एक प्राकृतिक व्यवहार

(2) किसी का जैविक सेक्स

(3) एक पहचान जिसे कोई भी चुन सकता है।

(4) एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संरचना

उत्तर- 4


111. कार्ल पॉपर ने निम्नलिखित में से किस विचार के लिए तर्क दिया?

(1) ज्ञान तभी विज्ञान है यदि वह मिथ्यापित किया जा सकता है।

(2) वैज्ञानिक कथन मिथ्यापित नहीं किये जा सकते।

(3) वैज्ञानिक नियम और वैज्ञानिक रुझान दोनों एक ही बात है।

(4) जहाँ तक वैज्ञानिक पद्धतियों की बात है कुछ भी चल सकता है।

उत्तर- 1


112. थॉमस कुह्न के विचारों के साथ निम्नलिखित में से कौन सबसे निकट है?

(1) विज्ञान में प्रतिमान बदलाव का अवलोकन

(2) सामाजिक ज्ञान के रूप में विज्ञान

(3) वैज्ञानिक दावों के आकलन के स्थायी मानक

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1


113. भारत में नारीवाद का पहला चरण जो उन्नीसवीं सदी के मध्य में शुरू हुआ था, उसका उद्देश्य

(1) सती की सामाजिक बुराइयों को जड़ से उखाड़ फेंकना।

(2) विधवा पुनर्विवाह को अनुमति देना।

(3) अशिक्षा को कम करना और संपत्ति के अधिकार को सुनिश्चित करना।

(4) यह सभी

उत्तर- 4


114. कांट के द्वितीय नीतिवाक्य 'मानवता को सदैव साध्य न कि साधन मानो' का तात्पर्य है:

(1) मनुष्य सम्मान के पात्र हैं।

(2) कुछ मूल अधिकारों के हकदार है।

(3) लोगों का मूल्य अपने आप में है न कि केवल उन सेवाओं के लिए जो वे हमें देते हैं।

(4) यह सभी

उत्तर- 3


115. संरचनावाद की प्रमुख विशेषता है:

(1) प्रत्येक ऐसे विचार पर आक्रमण करना जो एक सुदृढ़ नींव का दावा करता है, जिस पर हम अपने विश्वास को निर्मित करते हैं।

(2) सत्य की न तो हम खोज करते हैं और न ही स्वामित्व जता सकते हैं।

(3) सत्य एक संरचना है जिसका आविष्कार समाज करता है।

(4) यह सभी

उत्तर- 4


116. उत्तर-संरचनावाद की शुरुआत में किसका नाम'विखंडनवाद' से जुड़ा है?

(1) सार्त्र (2) डेरेडा

(3) फ्रायड (4) लेवी-स्ट्रॉस

उत्तर- 2


117. बिजनेस नीतिशास्त्र अध्ययन है:

(1) बिजनेस में नैतिक रूप से उचित और अनुचित

(2) ऐसी बिजनेस परिस्थितियाँ, गतिविधियाँ और निर्णय जहाँ सही और गलत के मुद्दों पर विचार किया जाता है।

(3) व्यावसायिक और वित्तीय दृष्टि से सही या गलत

(4) दोनों (1) और (2)

उत्तर- 4


118. बिजनेस नीतिशास्त्र का प्रतिफल एक निर्णयों का समुच्चय है :

(1) सदैव वित्तीय दृष्टि से लाभकारी

(2) सभी पक्षधारियों के पक्ष में

(3) सदैव प्रचलित कानूनों के अनुरूप

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 4


119. पर्यावरणीय नीतिशास्त्र को सद्गुण दिखाई देता है :

(1) संसाधनों को बचाने और पुनर्चक्रण में

(2) अनावश्यक उपभोग और अतिशय दिखावे को नकारने में

(3) सभी संवेदनशील जीवों के हित के विचार को बढ़ावे देने में

(4) यह सभी

उत्तर- 4


120. जीवन केन्द्रित पर्यावरण नैतिकता प्रकृति के विभिन्न भागों के मूल्य के बारे में क्या विश्वास करती है?

(1) मानव-जीवन सबसे मूल्यवान है।

(2) मानव-जीवन सबसे कम मूल्यवान है।

(3) चेतनायुक्त जीवों का जीवन अधिक मूल्यवान होता है।

(4) सभी सजीव आंतरिक रूप से मूल्यवान होते हैं।

उत्तर- 4


121. व्यक्तिगत राजनीतिक है। क्या यह -

(1) निबंध का शीर्षक है।

(2) द्वितीय लहर नारीवाद का नारा

(3) (1) और (2) दोनों में से कोई नहीं

(4) (1) और (2) दोनों

उत्तर- 4


122. मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (1948) के तहत स्वीकृत सामाजिक अधिकार निम्न में से कौन से आयाम को सम्मिलित करते हैं?

(1) आवास

(2) भोजन

(3) शिक्षा

(4) यह सभी

उत्तर- 4


123. नारीवादियों का तर्क है कि महिलाओं के मूल्य मुख्य रूप से आधारित होते हैं-

(1) निर्धारित सामाजिक भूमिकाओं पर

(2) जीव विज्ञान और निर्धारित सामाजिक भूमिकाओं पर

(3) जीव-विज्ञान

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1


124. उदार नारीवाद वास्तव में शुरू हुआ :

(1) दूसरी लहर नारीवाद के साथ

(2) पहली लहर नारीवाद के साथ

(3) द्वितीय विश्व युद्ध के साथ

(4) महान मंदी के साथ

उत्तर- 2


125. निम्न में से कौन सा सत्य नहीं है?

(1) पाइथोगोरस मानते थे कि विश्व एक मूर्त द्रव्य है।

(2) अणुवादी मानते थे कि कुछ स्थायी है और कुछ परिवर्तनशील है।

(3) पारमनाइडिज मानते थे कि सत् स्थायी है।

(4) हेरेक्लाइटिस मानते थे कि सत् सतत परिवर्तनशील है।

उत्तर- 1


126. सत्य को उजागर करने हेतु प्रश्न उत्तर संवाद में जिसमें तर्कवाक्यों की विधिपूर्वक जाँच की जाती है, उसे निम्न कहते हैं :

(1) द्वन्द्वात्मक पद्धति

(2) सुकरातीय पद्धति

(3) आगमनात्मक पद्धति

(4) निगमनात्मक पद्धति

उत्तर- 2


127. इस दार्शनिक के लिए सीखने की प्रक्रिया को तीन सैद्धान्तिक, व्यावहारिक और उपजाऊ श्रेणियों में डाला जा सकता है:

(1) सुकरात

(2) प्लेटो

(3) अरस्तू

(4) टॉमस एक्विनास

उत्तर- 3


128. प्रत्ययवादियों के अनुसार ईश्वर का प्रत्यय किस प्रकार का सत् है?

(1) रूपात्मक वस्तुनिष्ठ सत्

(2) अनंत औपचारिक सत्

(3) सीमित औपचारिक सत्

(4) अनंत वस्तुनिष्ठ सत्

उत्तर- 3


129. किस विचारक की तत्वमीमांसीय व्यवस्था विश्व को एकांकी भाग से सामंजस्यपूर्ण समग्र में पुनर्गठित करती है?

(1) बिशप बर्कले

(2) लाइब्नित्ज़

(3) फ्रेडरिक हीगल

(4) इमानुअल कांट

उत्तर- 3


130. लाइब्नित्ज़ ने चित्त और अचित के बीच की खाई को पाटने की कोशिश निम्न तरीके से की:

(1) पूर्व-स्थापित सामंजस्य के सिद्धान्त द्वारा

(2) निरन्तरता के नियम द्वारा

(3) व्यक्तित्व के नियम द्वारा

(4) मोनड के सिद्धान्त द्वारा

उत्तर- 1


131. ह्यूम के अनुसार, "हम स्मृति और प्रत्यक्ष के साक्ष्य के परे _____  जा सकते हैं”।

(1) अन्तःप्रज्ञा द्वारा

(2) विवेक द्वारा

(3) कारणता-संबंध द्वारा

(4) अनुमान द्वारा

उत्तर- 3


132. वह तर्क जिसके द्वारा डेकार्ट मेडिटेशन में निष्कर्ष निकालते हैं कि शायद गणितीय नियम भी सत्य नहीं है निम्न है-

(1) धूर्त दैत्य तर्क

(2) बुनियादी / मूलभूत तर्क

(3) देकार्तिय तर्क

(4) विश्वमूलक तर्क

उत्तर- 1


133. के अनुसार कल्पना के प्रत्यय का उत्पादन हम करते हैं और यथार्थ प्रत्यक्षों का उत्पादन ईश्वर करते हैं।

(1) बर्कले

(2) लॉक

(3) ह्यूम

(4) प्लेटो

उत्तर- 1


134. फिनोमिनोलोजिकल पद्धति का केन्द्र विचार है-

(1) अन्य पुरुष दृष्टिकोण

(2) प्रथम पुरुष दृष्टिकोण

(3) मध्यम पुरुष दृष्टिकोण

(4) दृष्टिकोण का अभाव

उत्तर- 2


135. बिना अस्तित्ववाद शब्द का प्रयोग किए प्रथम अस्तित्ववादी के रूप में व्यापक रूप से जाना माना नाम है-

(1) ज्यां पॉल सार्त्र

(2) सोरेन किर्केगार्ड

(3) एलबर्ट कामू

(4) नीत्शे

उत्तर- 2


136. अस्तित्ववादी शून्यवाद जोर देता है :

(1) मनुष्य स्वभावतः सहनिर्भर है।

(2) ज्ञान सीमित हैं।

(3) मानवीय स्थिति अर्थहीन है।

(4) मृत्यु जीवन का लक्ष्य नहीं है।

उत्तर- 3


137. संदेहवादियों के अनुसार ज्ञान है-

(1) अनिश्चित

(2) संभाव्य

(3) असंभाव्य

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 1


138. निम्न में से कौन सा समूह सही नहीं है?

(1) अस्तित्ववादी विचारक - हाइडेगर, जेसपर्स, सार्त्र

(2) प्रत्ययवादी विचारक  - हीगल, ब्रेडले, ए. जे. एयर

(3) अनुभववादी विचारक  - लॉक, बर्कले, ह्यूम

(4) बुद्धिवादी विचारक - देकार्त, लाइब्नित्ज़, स्पिनोज़ा

उत्तर- 2


139. यह असंभव है कहना कि त्रिभुज का ऐसा प्रत्यय बनाया जा सकता है जो कि न तो समद्विबाहु न तो असमबाहु और न तो समबाहु ही है। यह कथन निम्न में से किसके तुल्य है?

(1) एक प्रतिभारहित विचार हो सकता है।

(2) मन के लिए अमूर्त प्रत्यय बनाना सम्भव है।

(3) सामान्य प्रत्यय विशेष प्रत्यय के उपरांत अस्तित्ववान है।

(4) कोई भी शब्द जो एक वस्तुओं के वर्ग की समान विशेषताओं को इंगित करता है, नाममात्र  है।

उत्तर- 1


140. वह सिद्धान्त जो ज्ञान को अगम्य सत् के प्रपंचात्मक आभास तक सीमित करता है, कहलाता है?

(1) प्रपंचवाद

(2) निरपेक्ष प्रत्ययवाद

(3) फिनोमेनोलोजी

(4) सापेक्ष प्रत्ययवाद

उत्तर- 1


141. रसेल ने अपना सामान्य का सिद्धान्त किस सिद्धान्त से प्रेरित हो कर निकाला था?

(1) बर्कले का प्रत्यय सिद्धान्त

(2) हीगल का वैश्विक सिद्धान्त

(3) प्लेटो का प्रत्यय सिद्धान्त

(4) सुकरात की ज्ञानमीमांसा

उत्तर- 3


142. निम्न में से कौन सा 'कोजिटो' का संस्करण है ?

(1) मैं सोचता हूँ कि मैं चलता हूँ, इसलिए मैं हूँ।

(2) मैं सोचता हूँ कि मैं चलता हूँ। इसलिए मैं चलता हूँ।

(3) मैं चलता हूँ इसलिए मैं हूँ।

(4) मैं चलता हूँ इसलिए मैं चलता हूँ।

उत्तर- 1


143. स्पिनोज़ा की प्रणाली है :

(1) स्वयंसिद्ध और ज्यामितिक

(2) ज्यामितिक

(3) गणितीय

(4) अनुभवातीत

उत्तर- 1


144. सिद्धान्त निष्कर्ष है, वही पद्धति :

(1) अनुमान

(2) अंदाज़

(3) प्रक्रिया

(4) शैली

उत्तर- 3


145. “आत्मा एकीकृत एवं अविभाज्य है" - तर्कीय प्रत्यक्षवादियों के अनुसार इस जैसा वाक्य -

(1) धर्म का, न कि दर्शन का भाग है।

(2) अर्थहीन है।

(3) अनिश्चित है और निश्चित भाषा में पुनः कहने की जरूरत रखता है।

(4) ऐसा उदाहरण है जो दर्शन को सार्थक बनाता है।

उत्तर- 2


146. प्लेटो के अनुसार लोग अज्ञानता में क्यों सुखी रहते हैं?

(1) क्योंकि अज्ञानता ही वे जानते हैं।

(2) अज्ञानता परम आनंद है।

(3) क्योंकि अज्ञानता पर सुखी रहना ज्ञानी व दुखी होने से बेहतर है।

(4) ज्ञान से दुख व अज्ञानता से शक्ति मिलती 

उत्तर- 1


147. __________ के अनुसार भाषा की संरचना सत् की संरचना से निर्धारित होती है।

(1) हुसर्ल (2) विटगनस्टाइन

(3) कार्नेप (4) रसेल

उत्तर- 2


148. 'स्वयं को जानो' यह उक्ति किस दार्शनिक से जुड़ी है?

(1) प्रोटागोरस

(2) सुकरात

(3) एनेक्सागोरस

(4) सोफिस्ट

उत्तर- 2


149. ऑस्टिन के अनुसार कुछ कहने भर से कुछ करना कहलाता है:

(1) लोक्यूशनरी एक्ट

(2) इलोक्यूशनरी एक्ट

(3) परलोक्यूशनरी एक्ट

(4) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- 2


150. प्लेटो निम्न में से किस कथन को नहीं स्वीकारता है?

(1) सामान्य अपरिवर्तनशील और शाश्वत है।

(2) सामान्य विशेष से अधिक यथार्थ है।

(3) सामान्य का स्वतन्त्र अस्तित्व है जबकि विशेष का उधार का/माँगा हुआ अस्तित्व है।

(4) सामान्य केवल विशेष में ही अस्तित्ववान होता है।

उत्तर- 4


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