DivanshuGeneralStudyPoint.in
  • Home
  • Hindi
  • RPSC
  • _Economy
  • _Constitution
  • _History
  • __Indian History
  • __Right Sidebar
  • _Geography
  • __Indian Geography
  • __Raj Geo
  • Mega Menu
  • Jobs
  • Youtube
  • TET
HomeScience

पर्यावरण एवं पर्यावरण प्रदूषण

byDivanshuGS -February 02, 2018
0


  • पर्यावरण का अर्थ है हमारे चारों ओर का आवरण।
  • पर्यावरण  से आशय उस सम्पूर्ण भौतिक व जैविक व्यवस्था से है, जिसमें जीवधारी निवास करते हैं तथा वृद्धि कर अपनी स्वाभाविक प्रवृत्तियों का विकास करते हैं।
  • पर्यावरण में समस्त भौतिक तथा जैविक परिस्थितियां सम्मिलित होती हैं, अतः पर्यावरण जीवों की क्रियाओं एवं प्रतिक्रियाओं को प्रभावित करने वाली समस्त भौतिक तथा जैविक परिस्थितियों को योग होता है। पर्यावरण मुख्यतः तीन प्रकार के तत्वों से मिल कर बना है-
  • जैव तत्व- इसके तहत सभी जीवित वस्तुएं सम्मिलित होती हैं, जैसे पशु, पक्षी, पौधे आदि।
  • अजैव तत्व:- इसमें वे निर्जीव प्राकृतिक वस्तुएं शामिल हैं, जसे मनुष्य के साथ रहकर उसे प्रभावित करती हैं। इसके अंतर्गत मूलतः तीन वर्ग आते हैं। - वायुमंडल, जलमंडल और स्थल मंडल।
  • मौसम विषयक तत्व:- इसके अंतर्गत वे स्थितियां सम्मिलित होती हैं जो हमें दिखती नहीं हैं या दिखती हैं तो उनका मूल स्रोत हमारे परिवेश से बाहर होता है। सामान्यतः ये वे तत्व हैं, जो किसी स्थान विशेष की जलवायु का निर्माण करते हैं, जैसे सूर्य का प्रकाश, वर्षा, आर्द्रता, तापमान, पवन की गति आदि।

पर्यावरण के कार्यः-

  • पर्यावरण चार आवश्यक कार्य करता है-
  • यह संसाधनों की पूर्ति करता है, जिसमें नवीकरणीय और गैर नवीकरणीय दोनों प्रकार के संसाधन शामिल होते हैं।
  • यह अवशेष को समाहित कर लेता है।
  • यह जननिक और जैविक विविधता प्रदान करके जीवन का पोषण करता है।
  • यह सौन्दर्य विषयक सेवाएं भी प्रदान करता है, जैसे कि कोई सुंदर दृश्य।
  • पर्यावरण इन कार्यों को बिना किसी व्यवधान के तभी कर सकता है, जबकि ये कार्य उसकी धारण क्षमता की सीमा में है।
  • पर्यावरण प्रदूषण वायु, भूमि तथा जल के भौतिक, रासायनिक तथा जैविक लक्षणों में अवांछित परिवर्तन प्रदूषण कहलाता है। प्रदूषण कृत्रिम (मानवजन्य) तथा प्रकृति दोनों प्रकार का हो सकता है। वे कारक या पदार्थ जिनके कारण यह प्रदूषण उत्पन्न होता है, प्रदूषक कहलाते हैं।

प्रदूषकों को दो वर्गों में बांटा गया है -

जैव निम्नकरणीय प्रदूषकः-
  • इस वर्ग के प्रदूषकों का विभिन्न सूक्ष्म जीवों द्वारा अपघटन हो जाता है तथा अपघटित पदार्थ जैव भू-रासायनिक चक्र में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे पदार्थ उसी अवस्था में प्रदूषक कहलाते हैं जब अत्यधिक मात्रा में निर्मित इन पदार्थों का उचित समय में अवकर्षण नहीं हो पाता। घर की रसोई का कूड़ा, मल-मूत्र, कृषि उत्पादित अपशिष्ट, कागज, लकड़ी तथा कपड़े इसके सामान्य उदाहरण हैं।
जैव अनिम्नीकरणीय प्रदूषक:-
  • इस श्रेणी के प्रदूषक सरल उत्पादों में नहीं परिवर्तित होते। इस प्रकार के प्रदूषक हैं - डीडीटी, पीड़कनाशी, कीटनाशी, पारा, सीसा, आर्सेनिक, एल्युमिनियम, प्लास्टिक तथा रेडियोधर्मीं कचरा। ये प्रदूषक कणीय, तरल अथवा गैसीय हो सकते हैं, जो खाद्य श्रृंचला में प्रवेश कर जीवों को हानि पहुंचा सकते है।
वायु प्रदूषक
  • वायुमण्डल में विभिन्न प्रकार की गैसें जीवधारियों की अनेक क्रियाओं द्वारा एक विशेष अनुपात में उपस्थित रहती हैं। इन गैसों का असंख्य जीवधारियों और वायुमण्डल के बीच चक्रीकरण होता रहता है।
  • वायु प्रदूषण को वायु में ऐसे पदार्थों की उपस्थिति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो मनुष्य और उसके पर्यावरण के लिए हानिकारक हों।

वायु प्रदूषण के स्रोत निम्नलिखित हैं-

  • कल कारखानों तथा विद्युत गृहों द्वारा वायु में छोड़े गये औद्योगिक प्रदूषक जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, हाइड्रोजन सल्फाइड, क्लोरीन, नाइट्रस ऑक्साइड, आर्सेनिक, ओजोन इत्यादि।
  • मनुष्य द्वारा जलाए गये जीवाश्म ईंधन के घरेलू प्रदूषक।
  • ऑटोमोबाइल निर्वातक उत्सर्जन आदि।
  • वायु प्रदूषण का एक मुख्य कारण वनों की अंधाधुंध कटाई है। वस्तुतः वायुमण्डल में ऑक्सीजन की मात्रा वनस्पतियों द्वारा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया से मुक्त ऑक्सीजन के फलस्वरूप सन्तुलित रहती है, परन्तु नष्ट होती वन सम्पदा व बढ़ते औद्योगीकरण के फलस्वरूप गत वर्षों में वायुमण्डल से 24 लाख टन ऑक्सीजन की समाप्ति हो चुकी है, जबकि इसके स्थान पर वायुमंडल में 36 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड अत्पन्न हो चुकी है।
  • कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अगर इसी तरह बढ़ती रही, तो पृथ्वी आवश्यकता से अधिक गर्म हो जायेगी और समस्त जीवों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जायेगा। 
Tags: Science
  • Facebook
  • Twitter
You may like these posts
Post a Comment (0)
Previous Post Next Post
Responsive Advertisement

Popular Posts

Hindi

हिंदी निबन्ध का उद्भव और विकास

भारतेन्दु युगीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियां

प्रधानमंत्री ने राजस्थान की विभिन्न पंचायतों को किया पुरस्कृत

Geography

Comments

Main Tags

  • Aaj Ka Itihas
  • Bal Vikas
  • Computer
  • Earn Money

Categories

  • BSTC (2)
  • Bharat_UNESCO (1)
  • Exam Alert (26)

Tags

  • Biology
  • Haryana SSC
  • RAS Main Exam
  • RSMSSB
  • ras pre

Featured post

सातवाहन वंश का कौन-सा शासक व्यापार और जलयात्रा का प्रेमी था?

DivanshuGS- February 15, 2025

Categories

  • 1st grade (29)
  • 2nd Grade Hindi (6)
  • 2nd Grade SST (31)
  • Bal Vikas (1)
  • Current Affairs (128)
  • JPSC (5)

Online टेस्ट दें और परखें अपना सामान्य ज्ञान

DivanshuGeneralStudyPoint.in

टेस्ट में भाग लेने के लिए क्लिक करें

आगामी परीक्षाओं का सिलेबस पढ़ें

  • 2nd Grade Teacher S St
  • राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती एवं सिलेबस
  • भूगोल के महत्वपूर्ण टॉपिक
  • RAS 2023 सिलेबस
  • संगणक COMPUTER के पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा SYLLABUS
  • REET के महत्वपूर्ण टॉपिक और हल प्रश्नपत्र
  • 2nd Grade हिन्दी साहित्य
  • ग्राम विकास अधिकारी सीधी भर्ती 2021
  • विद्युत विभाग: Technical Helper-III सिलेबस
  • राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक सीधी भर्ती परीक्षा-2021 का विस्तृत सिलेबस
  • इतिहास
  • अर्थशास्त्र Economy
  • विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  • छत्तीसगढ़ राज्य सेवा प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा सिलेबस
DivanshuGeneralStudyPoint.in

About Us

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भारत एवं विश्व का सामान्य अध्ययन, विभिन्न राज्यों में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्थानीय इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, करेंट अफेयर्स आदि की उपयोगी विषय वस्तु उपलब्ध करवाना ताकि परीक्षार्थी ias, ras, teacher, ctet, 1st grade अध्यापक, रेलवे, एसएससी आदि के लिए मुफ्त तैयारी कर सके।

Design by - Blogger Templates
  • Home
  • About
  • Contact Us
  • RTL Version

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Ok

Contact Form