भारत MTCR का 35वां सदस्य


  • 6 अगस्त, 1945 को जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया, उस समय सारी दुनिया ने व्यापक विनाश के हथियारों की भयावहता को देखा। समय बीतने के साथ कई अन्य देशों ने भी परमाणु अस्त्र और उसका प्रयोग करने हेतु मिसाइल तकनीक अर्जित कर ली।
  • वर्तमान में परमाणु अस्त्र और संबंधित मिसाइल तकनीक कथित रूप से कुल नौ देशों-संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूके, भारत, चीन, पाकिस्तान, फ्रांस, इस्राइल और उत्तरी कोरिया के पास है।
  • इसके अलावा विश्व के कई देश परमाणु शक्ति और मिसाइल तकनीक अर्जित करने की परोक्ष मंशा रखते हैं। आतंकवादी समूहों की वैश्विक उपस्थिति के दौर में सामूहिक विनाश के हथियारों का प्रसार अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी प्रस्ताव संख्या 1540 में नाभिकीय, रासायनिक या जैविक हथियारों और उनके प्रयोग के साधनों के प्रसार को विश्व शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा बताया था।
  • ऐसे में वर्ष 1987 में G-7 देशों (कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, यूके और संयुक्त राज्य अमेरिका) ने आपसी सहमति के आधार पर मिसाइल और मिसाइल तकनीक के प्रसार को सीमित करने के लिए मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था की स्थापना की।
  • अभी तक इसके सदस्यों की संख्या 34 थी।
  • 27 जून, 2016 को भारत इस व्यवस्था का 35वां सदस्य बना। 2 जून, 2016 को ‘हेग कोड ऑफ कंडक्ट’ में शामिल होने से MTCR की सदस्यता प्राप्त करने के भारत के प्रयासों को बल मिला। 
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में इटली के विरोध के परिणामस्वरूप भारत मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था का सदस्य नहीं बन सका था।

मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था से संबंधित कुछ प्रासंगिक तथ्य इस प्रकार हैं-


  • मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था (MTCR-Missile Technology Control Regime) एक बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था है। यह वर्तमान में 35 देशों के बीच एक अनौपचारिक और स्वैच्छिक भागीदारी है जिसका उद्देश्य मिसाइल और मानवरहित हवाई वाहन (Un-manned Aerial Vehical&UAV) तकनीक के प्रसार को रोकना है।
  • यह व्यवस्था 500 किग्रा. पेलोड को कम से कम 300 किमी. दूर तक ले जाने में सक्षम मिसाइल एवं मानवरहित हवाई वाहन की तकनीक के प्रसार का निषेध करती है।
  • इस व्यवस्था के दस्तावेजों में शामिल है- MTCR दिशा-निर्देश और उपकरण, सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी एनेक्स।
  • दिशा-निर्देश MTCR के उद्देश्य को परिभाषित करते हैं और सदस्य राष्ट्रों के मार्गदर्शन हेतु समग्र संरचना और नियम प्रदान करते हैं।
  • उपकरण सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी अनुलग्नक MTCR अनुलग्नक वस्तुओं पर निर्यात नियंत्रण को लागू करने में सहायता करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसे दो श्रेणियों में बांटा गया है। श्रेणी I में बैलेस्टिक मिसाइल, अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान और साउंडिग रॉकेट तथा मानवरहित वायु वाहन शामिल हैं।
  • श्रेणी II में मुख्यतः उपकरण, सॉफ्टवेयर और तकनीक ज्ञान आधार शामिल है।
  • निर्यात लाइसेंसिंग निर्णय देश अपने राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण कानूनों और नियमों के अनुसार वैयक्तिक रूप से लेते हैं, सामूहिक रूप से नहीं। हालांकि सदस्य देश लाइसेंसिंग मामलों पर नियमित रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।
  • प्रत्येक सदस्य देश इस व्यवस्था के दिशा- निर्देशों का पालन अपने राष्ट्रीय विधान एवं संप्रभु सहमति के अनुसार करते हैं।
  • इस व्यवस्था के भागीदार देश वैश्विक मिसाइल तकनीक प्रसार खतरों को रोकने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
  • इस व्यवस्था की मुख्य बैठक, वार्षिक पूर्ण बैठक है जिसमें इस व्यवस्था से संबंधित विषयों पर नीतिगत चर्चा होती है। साथ ही व्यवस्था के तीन उपसमूहों-सूचना विनिमय, लाइसेंसिंग और प्रवर्तन विशेषज्ञों तथा प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की बैठक भी होती है। इसके अलावा संपर्क प्रतिनिधि सामयिक और मासिक बैठकें करते हैं।
  • MTCR व्यवस्था की अध्यक्षता सामान्यतः वार्षिक बैठक की मेजबानी करने वाला देश करता है।
  • MTCR की सदस्यता से व्यावहारिक रूप से भारत के लिए उच्च स्तरीय मिसाइल तकनीक के दरवाजे खुल जाएंगे।


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