सन्धि एवं सन्धि विच्छेद

सन्धि एवं सन्धि विच्छेद


  • सम् + धि = सन्धि
  • सन्धि शब्द का तात्पर्य मेल/जोड़/योग भी होता है।
  • सन्धि केवल तत्सम शब्दों में ही होती है।
  • सन्धि करने के लिए वर्ण परिवर्तन होना आवश्यक है जैसा कि हम सन्धि की परिभाषा में पढ़ते हैं।
  • दो वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे संधि कहते है।
  • वर्ण परिवर्तन होने की दशा में संधि नहीं होती अपितु संयोग होता है।
  • जैसे- धर्म + युद्ध - (धर्मयुद्ध)
  • राका + ईश - राकेश (सन्धि)
  • संधि करने के लिए विच्छेदित पदों का सार्थक रूप होना चाहिए या व्याकरणिक रूप होना चाहिए।
  • गुड़ाका (नींद) + ईश (स्वामी) - गुड़ाकेश (अर्जुन)
  • प्र+नाम - प्रणाम
  • परि+नय - परिणय


  • संधि के तीन भेद हैं-

  1. स्वर संधि,
  2. व्यंजन संधि और
  3. विसर्ग संधि।

  • स्वर संधि-

इसके पांच भेद हैं
. दीर्घ संधि, 
. गुण संधि, 
. वृद्धि संधि, 
. यण संधि और अयादि संधि।

. दीर्घ स्वर संधिः-

  • अक्- /आ,  /ई,  /  
  • सवर्ण्- /आ,  /ई,  /           
  • दीर्घ-                            
  • यदि अक् (/आ,  /ई,  /ऊ, ) के बाद सवर्ण आये तो दीर्घ हो जाता है।

/ + / = 
+

  • परम+अर्थ = परमार्थ         
  • +अवधान = सावधान
  • +अनुग्रह = सानुग्रह       
  • +अनुनय = सानुनय

विच्छेद-


  • गीतांजलि = गीत+अंजलि           
  • मुरारि = मुर+अरि

+अ= 

  • विद्या +अर्थी = विद्यार्थी
  • तथा + अपि = तथापि

विच्छेद-

  • श्रद्धांजलि= श्रद्धा + अंजलि         
  • सभाध्यक्ष= सभा + अध्यक्ष
  • द्वारकाधीश= द्वारका + अधीश

+आ = 

  • देव+आलय = देवालय              
  • सत्य+आग्रह = सत्याग्रह
  • कुश+आसन = कुशासन

विच्छेद-

  • छात्रावास = छात्र+आवास
  • प्रारम्भ = प्र+आरम्भ

+आ = 

  • महा+आशय = महाशय
  • श्रद्धा+आलु = श्रद्धालु

विच्छेद-

  • कृपाकांक्षी = कृपा+आकांक्षी

+इ = 

  • रवि+इन्द्र = रवीन्द्र                  
  • अभि+इष्ट = अभीष्ट
  • गिरीन्द्र = गिरि+इन्द्र                
  • अधीन = अधि+इन     

+

  • हरि+ईश = हरीश                   
  • परि+ईक्षा = परीक्षा
  • अधि+ईश = अधीश                
  • अभीप्सा = अभि+ईप्सा
  • अधीक्षक = अधि+ईक्षक

+इ = 

  • मही+इन्द्र = महीन्द्र                 
  • लक्ष्मी+इच्छा = लक्ष्मीच्छा
  • फणीन्द्र = फणी+इन्द्र               
  • श्रीन्दु = श्री+इन्दु

+

  • नारी+ईश्वर = नारीश्व             
  • जानकी+ईश = जानकीश
  • रजनीश = रजनी+ईश                
  • नदीश = नदी+ईश

/ऊ = 

  • भानु+उदय = भानूदय                    
  • गुरु+उपदेश = गुरूपदेश
  • सु+उक्ति- सूक्ति                          
  • मंजु+उषा- मंजूषा
  • अनु+उदित- अनूदित                      
  • लघु+ऊर्मि- लघूर्मि
  • लघूत्तर- लघु+उत्तर                        
  • कटूक्ति- कटु+उक्ति
  • लघूत्तम- लघु+उत्तम


+

  • भू+ऊर्ध्व- भूर्ध्व                    
  • वधू+उक्ति- वधूक्ति
  • भू+ऊष्मा- भूष्मा                  
  • चमूर्जा- चमू+ऊर्जा
  • सरयूर्मि- सरयू+ऊर्मि

+- ऋृ

  • मतृ+ऋण = मातृण  

अपवाद

  • विश्वमित्र = विश्व+मित्र               
  • दीनानाथ = दीन+नाथ
  • अष्टावक्र = अष्ट+वक्र               
  • शकन्धु = शक+अन्धु
  • एकादश = एक+दश               
  • अष्टादश = अष्ट+दश



गुण स्वर संधि

+इ = 

  • सुर+इन्द्र = सुरेन्द्र                  
  • स्व+इच्छा = स्वेच्छा
  • नेति = +इति                     
  • भारतेन्दु = भारत+इन्दु

+ई = 

  • नर+ईश = नरेश                    
  • सर्व+ईक्षण = सर्वेक्षण
  • महा+ईश = महेश                    
  • गणेश = गण+ईश
  • प्रेक्षा = प्र+ईक्षा

+इ = 

  • महा+इन्द्र = महेन्द्र                  
  • राजेन्द्र = राजा+इन्द्र
  • यथा+इच्छा = यथेच्छा              
  • यथेष्ट = यथा+इष्ट

+ई = 

  • राका+ईश = राकेश                 
  • द्वारका+ईश = द्वारकेश
  • रमेश = रमा+ईश                      
  • मिथिलेश = मिथिला+ईश

+उ = 

  • पर+उपकार = परोपकार                    
  • सूर्य+उदय = सूर्योदय
  • प्रोज्ज्वल = प्र+उज्ज्वल                        
  • सोदाहरण = +उदाहरण
  • अन्त्योदय = अन्त्य+उदय
+ऊ = 

  • जल+ऊर्मि-= जलोर्मि                          
  • समुद्रोर्मि = समुद्र+ऊर्मि
  • नव+ऊढ़ा = नवोढ़ा                            
  • जलोर्जा = जल+ऊर्जा

+ = 
  • महा+उदय = महोदय                         
  • शारदोपासक = शारदा+उपासक
  • यथा+उचित = यथोचित                      
  • महोत्सव = महा+उत्सव

+ऊ = 

  • गंगा+ऊर्मि = गंगोर्मि                           
  • यमुनोर्मि = यमुना+ऊर्मि
  • महा+ऊर्जा = महोर्जा                          
  • महोरू = महा+ऊरू

+ऋ = अर

  • देव+ऋषि = देवर्षि                               
  • सप्तर्षि = सप्त+ऋषि
  • शीत+ऋतु = शीतर्तु                             
  • उत्तमर्ण = उत्तम+ऋण

+- अर्
महा+ऋषि = महर्षि                 राजर्षि = राज+ऋषि

अपवाद-

  • प्र+ऊढ़ = प्रौढ़              
  • अक्ष+ऊहिनी अक्षौहिणी
  • प्र+ऊह = प्रौह

वृद्धि स्वर संधि


  • /+/-
  • /+/-
+ए = 

  • मत+एकता = मतैकता                                  
  • एकैक = एक+एक
  • धन+एषणा = धनैषणा                                    विश्वैकता  = विश्व+एकता


+

  • ज्ञान+श्वर्य = ज्ञानैश्वर्य                           
  • मतैक्य = मत+ऐक्य
  • स्व+ऐच्छिक = स्वैच्छिक                      
  • देवैश्वर्य = देव+श्वर्य


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