राजस्थान ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में देशभर में अपना परचम लहराया है। इसी उपलब्धि को 30 एवं 31 अक्टूबर को चेन्नई में आयोजित 'विंडर्जी इंडिया 2025' सम्मेलन में राज्य को एक्सीलेंस इन विंड एंड हाइब्रिड पॉलिसी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी द्वारा राजस्थान सरकार एवं राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड (RREC) को प्रदान किया गया। यह सम्मान राज्य सरकार की दूरदर्शी नीतियों, स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्धता और निरंतर प्रगति का परिणाम है।
निवेशक-हितैषी नीतियों और ऊर्जा विभाग की सक्रिय पहल ने राजस्थान को देश का अग्रणी ग्रीन एनर्जी हब राज्य बना दिया है।
राज्य सरकार का लक्ष्य राजस्थान को हरित ऊर्जा निवेश और उत्पादन का वैश्विक केंद्र बनाना है, जिससे रोजगार, नवाचार और तकनीकी नेतृत्व के नए अवसर उत्पन्न हों और राज्य भारत के एनर्जी ट्रांजिशन में पथ-प्रदर्शक की भूमिका निभाए।
इंडियन विंड टरबाइन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IWTMA) द्वारा आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के ऊर्जा विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं और उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया। राजस्थान को यह सम्मान पवन और हाइब्रिड ऊर्जा क्षेत्र में लागू की गई नवाचारपूर्ण नीतियों, निवेशक-अनुकूल वातावरण, तथा सतत विकास के प्रति दृढ़ संकल्प के लिए प्रदान किया गया।
राज्य की पारदर्शी निविदा प्रक्रियाएं, नीतिगत प्रोत्साहन और निवेशक-सहज दृष्टिकोण ने उद्योग जगत का गहरा विश्वास जीता है। वर्तमान में राजस्थान 40,407 मेगावाट की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के साथ पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।
साथ ही, बीकानेर के पूगल क्षेत्र में 2450 मेगावाट सोलर और 1250 MW / 5000 MWh बैटरी ऊर्जा भंडारण (BESS) पार्क विकसित किया जा रहा है, जो बैटरी स्टोरेज क्षमता के साथ देश का सबसे बड़ा पार्क होगा।
इसी श्रृंखला में 7 नवंबर को जयपुर में निवेशक सम्मेलन (Investors Meet) का आयोजन किया जा रहा है, जो हरित ऊर्जा निवेश को और गति प्रदान करेगा।