सांची का स्तूप
- विदिशा (मध्य प्रदेश) में स्थित यह स्तूप भारत का सबसे महत्त्वपूर्ण स्तूप है। इसका निर्माण अशोक के काल में हुआ था।
- शुंग वंश के शासन काल में इसका आकार दुगुना कर दिया गया।
- सातवाहन शासक शातकर्णि ने भी यहां कु निर्माण कार्य करवाये थे।
- इसकी चौखट पर बुद्ध के जीवन की चार प्रमुख घटनाएं - जन्म, ज्ञान प्राप्ति, धर्मचक्र प्रवर्तन तथा मृत्यु के चित्र अंकित है।
भरहुत स्तूप
- सतना (मध्य प्रदेश) में स्थित इस स्तूप का मुख्य भाग मिट चुका है।
- इसकी रेलिंगों पर यक्ष-यक्षिणियों एवं जातक कथाओं के चित्र अंकित है।
अमरावती स्तूप
- यह स्तूप सफेद संगमरमर का बना है।
- स्तूप के प्रवेश द्वारों पर चार शेरों को चित्रांकित किया गया है।
नागार्जुनकोंडा स्तूप
- यह स्तूप उत्तर भारत के स्तूपों से थोड़ा भिन्न है।
- इस स्तूप का निर्माण संभवतः इक्ष्वाकु वंश के शासकों के समय किया गया था।
- इसके गुंबद नक्काशीदार संगमरमर के पत्थरों से निर्मित है।
- इसकी रेलिंग पर सफेद हाथी के रूप में गर्भ में बुद्ध के प्रवेश का चित्र अंकित है।
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