DivanshuGeneralStudyPoint.in
  • Home
  • Hindi
  • RPSC
    • Economy
    • Constitution
    • History
      • Indian History
      • Right Sidebar
    • Geography
      • Indian Geography
      • Raj Geo
  • Mega Menu
    Error: No Results Found
  • Jobs
  • Youtube
  • TET
Home2nd Grade

उपभोक्ता का संतुलन क्या है

byDivanshuGS -October 01, 2018
1


Consumer’s Equilibrium
  • उपयोगिता का अर्थ किसी वस्तु या सेवा द्वारा किसी आवश्यकता को संतुष्ट करने की शक्ति से हैं। 
  • अर्थशास्त्र में उपयोगिता उस गणितीय स्कोर के रूप में व्यक्त होती है जो एक उपभोक्ता को वस्तुओं एवं सेवाओं के समूह से प्राप्त होती है।  
  • दो पुस्तकें खरीदने से प्राप्त संतुष्टि यदि एक कमीज खरीदने से प्राप्त संतुष्टि से अधिक है तो हम कहेंगे कि पुस्तकें एक उपभोक्ता को अधिक उपयोगिता प्रदान करती हैं।
  • उपयोगिता का मापन इसलिए कठिन है क्योंकि यह मनोवैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित है।
  • एक वस्तु का उपभोग करने पर एक व्यक्ति को प्राप्त उपयोगिता उसी वस्तु को दूसरे के द्वारा उपभोग करने से प्राप्त उपयोगिता से अलग हो सकती है।
  • अतः किसी वस्तु की उपयोगिता एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति, एक स्थान से दूसरे स्थान तथा एक समय से दूसरे समय में भिन्न होती है।
  • एजवर्थ (1881), एण्टोनेली (1886) व इरविंग फिशर (1892) ने बताया कि उपयोगिता को मापा जा सकता है और उपयोगिता विभिन्न वस्तुओं की उपभोग की गई मात्रा पर निर्भर करती है। उपयोगिता फलन को निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है -

U = U (X1 , X2 , X3 , Xi...., Xnयहां पर Xi = i वस्तु की मात्रा है।


  • यह फलनीय सम्बन्ध है जो एक व्यक्ति की पसन्द (Preference Pattern) को दर्शाता है। यह सामान्यतया प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग होता है।
  • उपयोगिता को Utils (यूटिल्स) के रूप में मापा जा सकता है।

  • उपयोगिता विश्लेषण निम्न प्रमुख मान्यताओं पर आधारित है-  
  1. उपभोक्ता विवेकशील (Rational) है तथा वह विभिन्न वस्तुओं से प्राप्त उपयोगिता की तुलना करता है, उनकी गणना करता और उनके मध्य चुनाव करता है।
  2. उपभोक्ता अपनी उपयोगिता को अधिकतम करता है।
  3. इसी के साथ यह माना जाता है कि उपभोक्ता को विभिन्न पसन्दों व चयन की पूर्ण जानकारी होती है
  4. उपयोगिता को मुद्रा के रूप में मापा जाता है। 
  5. मुद्रा की सीमान्त उपयोगिता स्थिर मानी जाती है।
  • एक उपयोगिता को उपभोग करने से पूर्व किसी भी वस्तु की उपयोगिता हो सकती है किन्तु संतुष्टि तो वस्तु के उपभोग करने पर ही प्राप्त होती है।
  • उपयोगिता को आशातित (Expected) और संतुष्टि को प्राप्त (Realised) उपयोगिता कहा जा सकता है।
  • उपयोगिता को यूटिल द्वारा मापा जा सकता है किन्तु संतुष्टि अमापनीय है। उपयोगिता विश्लेषण में यह दोनों शब्द पर्यायवाची माने गये हैं।
  • किसी दिए हुए समय में एक वस्तु की विभिन्न इकाइयों के उपभोग से जो कुल संतुष्टि प्राप्त होती है उसे कुल उपयोगिता कहा जाता है।
  • माना एक उपभोक्ता एक केले का उपभोग करता है और उसे उसके उपभोग से 30 युटिल्स उपयोगिता प्राप्त होती है तथा उसी समय दूसरे केले का उपभोग करने से उसे 22 युटिल्स की उपयोगिता प्राप्त होती है, जो पहली इकाई के उपभोग से कम है।
  • अतः दो केलों के उपभोग से कुल उपयोगिता =30+22= 52 युटिल्स है।
  • अतः कुल उपयोगिता की गणना निम्न प्रकार से की जाती है। 

TUn = U1 + U2 ...+ Un
TUn = किसी वस्तु की n इकाइयों से प्राप्त कुल उपयोगिता।
U1 = वस्तु की प्रथम इकाई से प्राप्त उपयोगिता।
U2 = वस्तु की द्वितीय इकाई से प्राप्त उपयोगिता।
Un = वस्तु की n इकाई से प्राप्त उपयोगिता।
  • इस तरह वस्तुओं की इकाइयों के लगातार उपभोग से कुल उपयोगिता एक बिन्दु तक बढ़ती है।
  • प्रायः घटती हुई दर से और फिर किसी एक बिन्दु पर यह अधिकतम हो जाती है। जिस बिन्दु पर कुल उपयोगिता अधिकतम हो जाती है उसे अधिकतम संतोष का बिन्दु (Point of satiety) कहते हैं।
  • यदि उपभोक्ता को अधिकतम संतोष के बिन्दु के बाद भी उस वस्तु का उपभोग जारी करने के लिए बाध्य किया जाए तो उपभोक्ता के लिए कुल उपयोगिता घटने लगती है।
सीमान्त उपयोगिता (Marginal Utility)
  • किसी दिये हुए समय में, उपभोक्ता के द्वारा वस्तु की एक इकाई का उपभोग बढ़ाने से कुल उपयोगिता में आने वाला परिवर्तन सीमान्त उपयोगिता कहलाता है। इसमें अन्य वस्तुओं के उपभोग को स्थिर माना जाता है।


उपभोक्ता का संतुलन क्या है
MUn= TUn - TUn-1यहाँ पर MUn= nवीं इकाई की सीमान्त उपयोगिता
TUn = n इकाई की कुल उपयोगिता
TUn-1 = n-1 इकाई की कुल उपयोगिता
  • सीमान्त उपयोगिता में एक वस्तु के उपभोग में एक इकाई के परिवर्तन (वृद्धि अथवा कमी) का प्रभाव कुल उपयोगिता पर देखा जाता है।
  • यदि उपभोग में परिवर्तन एक इकाई से ज्यादा होने पर सीमान्त उपयोगिता की गणना निम्न प्रकार से की जायेगी-


upabhokta ka santulan

  • कुल उपयोगिता, वस्तु की सभी इकाइयों से प्राप्त सीमान्त उपयोगिता के योग के भी बराबर होती है। 
  • कुल उपयोगिता व सीमान्त उपयोगिता में निम्न सम्बन्ध पाया जाता है -
  1. जिस बिन्दु पर कुल उपयोगिता अधिकतम होती है वहां सीमान्त उपयोगिता शून्य के बराबर होती है इस बिन्दु को उपभोक्ता का संतृप्ति बिन्दु  (saturation point) कहते है
    उपभोक्ता का संतुलन
  2. (चित्र में दर्शाया गया बिन्दु E)। इस बिन्दु के प्राप्त होने से पूर्व सीमान्त उपयोगिता धनात्मक बनी रहती है। जबकि कुल उपयोगिता बढ़ती है लेकिन कुल उपयोगिता में वृद्धि की दर उत्तरोतर घटती रहती है।
  3. संतृप्ति बिन्दु से आगे भी यदि उपभोक्ता वस्तु के उपभोग को बढाना जारी रखता है तो सीमान्त उपयोगिता ऋणात्मक हो जाती है और कुल उपयोगिता घटने लगती है।
  • सीमान्त उपयोगिता वक्र का ढ़ाल बाएं से दाएं गिरता हुआ दिखाया गया है जो यह बताता है कि X वस्तु के उत्तरोत्तर उपभोग पर सीमान्त उपयोगिता गिरने लगती है और केले की 5 इकाई के उपभोग पर सीमान्त उपयोगिता शून्य के बराबर हो जाती है।
  • यह चित्र में E बिन्दु के द्वारा निरूपित किया गया है। इसके उपरान्त केले के उपभोग पर सीमान्त उपयोगिता ऋणात्मक होने लगती है।


Tags: 2nd Grade Economy
  • Facebook
  • Twitter
You might like
Responsive Advertisement

1 Comments

  1. Kavishankar PanchtilakJanuary 12, 2022 at 3:31 PM

    nice

    ReplyDelete
    Replies
      Reply
Add comment
Load more...
Post a Comment
Previous Post Next Post

Popular Posts

Hindi

हिंदी निबन्ध का उद्भव और विकास

भारतेन्दु युगीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियां

प्रधानमंत्री ने राजस्थान की विभिन्न पंचायतों को किया पुरस्कृत

Geography

Error: No Results Found

Comments

Main Tags

  • Aaj Ka Itihas
  • Bal Vikas
  • Computer
  • Earn Money

Categories

  • BSTC (2)
  • Bharat_UNESCO (1)
  • Exam Alert (26)

Tags

  • Biology
  • Haryana SSC
  • RAS Main Exam
  • RSMSSB
  • ras pre

Featured post

राजस्थान लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2025 कब जारी की गई?

DivanshuGS- July 19, 2025

Categories

  • 1st grade (29)
  • 2nd Grade Hindi (6)
  • 2nd Grade SST (31)
  • Bal Vikas (1)
  • Current Affairs (128)
  • JPSC (5)

Online टेस्ट दें और परखें अपना सामान्य ज्ञान

DivanshuGeneralStudyPoint.in

टेस्ट में भाग लेने के लिए क्लिक करें

आगामी परीक्षाओं का सिलेबस पढ़ें

  • 2nd Grade Teacher S St
  • राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती एवं सिलेबस
  • भूगोल के महत्वपूर्ण टॉपिक
  • RAS 2023 सिलेबस
  • संगणक COMPUTER के पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा SYLLABUS
  • REET के महत्वपूर्ण टॉपिक और हल प्रश्नपत्र
  • 2nd Grade हिन्दी साहित्य
  • ग्राम विकास अधिकारी सीधी भर्ती 2021
  • विद्युत विभाग: Technical Helper-III सिलेबस
  • राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक सीधी भर्ती परीक्षा-2021 का विस्तृत सिलेबस
  • इतिहास
  • अर्थशास्त्र Economy
  • विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  • छत्तीसगढ़ राज्य सेवा प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा सिलेबस
DivanshuGeneralStudyPoint.in

About Us

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भारत एवं विश्व का सामान्य अध्ययन, विभिन्न राज्यों में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्थानीय इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, करेंट अफेयर्स आदि की उपयोगी विषय वस्तु उपलब्ध करवाना ताकि परीक्षार्थी ias, ras, teacher, ctet, 1st grade अध्यापक, रेलवे, एसएससी आदि के लिए मुफ्त तैयारी कर सके।

Design by - Blogger Templates
  • Home
  • About
  • Contact Us
  • RTL Version

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Accept !
  • Home
  • Hindi
  • RPSC
    • Economy
    • Constitution
    • History
      • Indian History
      • Right Sidebar
    • Geography
      • Indian Geography
      • Raj Geo
  • Mega Menu
  • Jobs
  • Youtube
  • TET

Contact Form