कैंसर थेरेपी की खोज के लिए मिला चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार


  • कैंसर की दुर्लभ बीमारी की इलाज के लिए दोनों वैज्ञानिकों ने ऐसी थेरपी विकसित की है जिससे शरीर की कोशिकाओं में इम्यून सिस्टम को कैंसर ट्यूमर से लड़ने के लिए मजबूत बनाया जा सकेगा।
  • इस बार चिकित्सा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार 2 लोगों को सामूहिक तौर पर दिया जा रहा है। टेक्सास यूनिवर्सिटी के जेम्स पी एलिसन और जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के तासुकू होंजो को कैंसर थेेरेपी की खोज के लिए संयुक्त रूप से यह सम्मान दिया जा रहा है। 
  • कैंसर की दुर्लभ बीमारी की इलाज के लिए दोनों वैज्ञानिकों ने ऐसी थेरपी विकसित की है जिससे शरीर की कोशिकाओं में इम्यून सिस्टम को कैंसर ट्यूमर से लड़ने के लिए मजबूत बनाया जा सकेगा।
  • दोनों ने ऐसी इलाज पद्धति विकसित की जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत बने ताकि वह कैंसर ट्यूमर से लड़ सके। उन्होंने ऐसे प्रोटींस की पहचान की जो कैंसर सेल्स को नष्ट करने में इम्यून सिस्टम के आड़े आते हैं।
  • एलिसन ने 1995 में शरीर में एक प्रोटीन खोजा जो टी सेल्स नामक व्हाइट ब्लडसेल को खत्म करता है। इन टी सेल्स की शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बनाए रखने में अहम भूमिका होती है। जाहिर है टी सेल्स के खत्म होने से कैंसर सेल्स को खत्म करने की शरीर की क्षमता कमजोर होती है अर्थात हमारे ही शरीर का सीटीएलए-4 नामक प्रोटीन कैंस से लड़ने में हमारे खिलाफ काम करता है।
  • ऐसी ही एक रिसर्च होंजो ने लगभग इसी समय की। उन्होंने पीडी-1 नामक ऐसा प्रोटीन पहचाना जो प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा कैंसर सेल्स को नष्ट करने में आगे आता था। इस पीडी-1 के खिलाफ एंटीबॉडीज की नई दवा को अमेरिकी एजेंसी ने 2011 में मंजूरी दी जो मैलानोमा के इलाज में कारगर है।

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