प्रतिहारकालीन मंदिर स्थापत्य का सुन्दर उदाहरण है दधिमति माता मंदिर


दधिमति माता मंदिर, नागौर


⇨ राजस्थान के नागौर जिले के जायल तहसील में गोठ और मांगलोद गांवों की सीमा पर दधिमति माता के नाम से विख्यात यह मंदिर 9वीं शताब्दी में निर्मित माना जाता है।


⇨ यह मंदिर प्रतिहारकालीन मंदिर स्थापत्य की अनुपम उपहार है।

⇨ वेदीबंध की सादगी, जंघा भाग की रथिकओं में देवी-देवताओं की मूर्तियां, मंडोवर व शिखर की मध्यवर्ती कंठिका में चहुंओर रामायण तथा प्रतिहारकालीन परम्परा के अनुरूप शिखरबद्ध यह पूर्वाभिमुख मंदिर महामारू शैली के मंदिर का सुन्दर उदाहरण है।


⇨ मंदिर की पश्चिम की प्रधान ताक में चतुर्भुजी दुर्गा, उत्तर की ओर चतुर्भुजी पार्वती, दक्षिण की ओर अष्टभुजी गणेश हैं।

⇨ मंदिर के कर्णरथ पर अग्नि, यम, वरुण आदि दिक्पालों की प्रतिमा हैं।

⇨ रामायण के विविध प्रसंगों का मनोहारी मूल्यांकन तो तत्कालीन मूर्तिशिल्प का जीवन्त उदाहरण है।

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