DivanshuGeneralStudyPoint.in
  • Home
  • Hindi
  • RPSC
    • Economy
    • Constitution
    • History
      • Indian History
      • Right Sidebar
    • Geography
      • Indian Geography
      • Raj Geo
  • Mega Menu

    राजस्थान लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2025 कब जारी की गई?

    सातवाहन वंश का कौन-सा शासक व्यापार और जलयात्रा का प्रेमी था?

    आदिकालीन हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियां कौन सी हैं

    सर्वप्रथम घोड़े के अवशेष सिंधु घाटी सभ्यता में कहां से मिले हैं?

    डॉ. होमी जहांगीर भाभा: भारत के परमाणु कार्यक्रम का जनक

  • Jobs
  • Youtube
  • TET
HomeHistory

मार्टिन लूथर का धर्म सुधार आन्दोलन

byDivanshuGS -August 21, 2018
0
मार्टिन लूथर का धर्म सुधार आन्दोलन

मार्टिन लूथर 1483-1546 

  • लूथर का जन्म 10 नवंबर, 1483 ई. को जर्मनी के एक निर्धन किसान परिवार में हुआ। 
  • लूथर प्रारम्भ में पोप का विरोधी नही था परन्तु 1517 ई. में टेटजेल को सेन्ट पीटर गिरजाघर के निर्माण हेतु, क्षमा-पत्र बेचकर धन इकट्ठा करने की पोप की आज्ञा ने, लूथर को चर्च विरोधी बना दिया। इसके विरोध में विटनबर्ग के कैसल गिरजाघर के प्रवेशद्वारा पर 31 अक्टूबर 1517 को अपना विरोध-पत्र ‘द नाइन्टी फाईव थीसिस’ लटका दिया।
  • इन 95 स्थापनाओं अथवा कथनों में चर्च द्वारा सभी उपायों से धन एकत्र करने की आलोचना की गयी थी। पहले लैटिन भाषा में बाद में जर्मन में अनुवाद। जॉन हस के विचारों को अपनाने को कहा।
  • उसने तीन लघु पुस्तिकाएं ‘पेम्फलेट’ प्रकाशित किये।इन पुस्तिकाओं में उन मूलभूत सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया गया, जिन्हें आगे चलकर ‘प्रोटेस्टेन्टवाद’ के नाम से अभिहित किया। 
  1. ‘एन एडृेस टु नोबिलटि ऑफ द जर्मन नेशन’ जर्मन राष्ट्र के सामंतवर्ग के प्रति एक अपील में उसने चर्च की अपार सम्पत्ति का वर्णन करते हुए जर्मन शासकों को विदेशी प्रभाव से मुक्त होने के लिए प्रेरित किया।
  2.  द बेबीलोनियन केप्टिविटी ऑफ द चर्च ‘चर्च की बेबीलोलियायी कैद’ में उसने पोप और उसकी व्यवस्था पर प्रहार किया।
  3.  द फ्रीडम ऑफ क्रिश्चियन मैन ‘एक ईसाई मनुष्य की मुक्ति’ में उसने मुक्ति के सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया और ईश्वर की अनुकम्पा पर अटूट विश्वास की प्रतिष्ठा की। इन्हीं लघु पुस्तिकाओं में प्रतिपादित सिद्धान्त आगे चलकर प्रोटेस्टेण्ट बाद के आधारभूत तत्व बने।
  • 1520 में लूथर को धर्म से निष्कासित कर दिया। इस अवधि में उसका मित्र सैक्सनी का शासक उसका संरक्षक रहा। जर्मनी के अनेक शासक चर्च विरोधी थे, अतः लूथर को धर्म से बहिष्कृत किया गया, तो उसे कोई क्षति नही हुई।
  • रोम के पवित्र साम्राज्य का अध्यक्ष चार्ल्स पंचम, यद्यपि पोप का समर्थक था, परन्तु वह युद्धों में इतना उलझा हुआ था कि बढते हुए धार्मिक असन्तोष को कुचलने में असमर्थ रहा।
  • दूसरी ओर मार्टिन लूथर ने आन्दोलन को सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया तथा भाषणों, लेखों एवं पत्रिकाओं द्वारा समाज के सभी वर्गो में जागृति उत्पन्न की।
  • इस जागरण में शहरी मध्यमवर्ग के विभिन्न समूह तथा दस्तकारों की भूमिका सबसे प्रमुख थी।
  • 1521 ई. में जर्मन राज्य की वर्म्स में आयोजित सभा ने उसे अपने विचार वापस लेने को कहा उसने कहा कि वह ऐसा कर सकता है, यदि उसकी बातें तर्क और प्रमाण के द्वारा काट दी जाये। इस सभा में उसकी रचनाओं को गैर कानूनी घोषित कर दिया तथा उसे कानूनी रक्षा से बंचित कर दिया।
  • उसने बाइबिल का जर्मन भाषा में अनुवाद किया।

लूथर के विचार एवं उनका प्रसार 

  1. उसने ईसा और बाइबिल की सत्ता स्वीकारने तथा पोप और चर्च की दिव्यता एवं निरंकुशता को नकारने की बात कही।
  2. चर्च द्वारा निर्धारित कर्मों के स्थान पर उसने ईश्वर में आस्था को मुक्ति का साधन बताया।
  3. ‘सप्त संस्कारों’ में से उसने केवल तीन नामकरण, प्रायश्चित और पवित्र प्रसाद/रोटी को ही माना।
  4. चर्च के चमत्कार में अविश्वास व्यक्त किया।
  5. किसी भी व्यक्ति को न्याय से उपर नही होना चाहिए।
  6. रोम के चर्च के प्रभुत्व का अन्त करके राष्ट्रीय चर्च की शक्ति को सबल बनाया जाना चाहिए।
  7. धर्मग्रंथ सबके लिए हैं, सब उसका ज्ञान प्राप्त कर सकते है।
  8. चर्च के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पादरी लोगों को विवाह करके सभ्य नागरिकों की तरह रहने की अनुमति दी जानी चाहिए।
  9. मुक्ति केवल ईश्वर की असीम दया, ईश्वर में श्रद्धा तथा भक्ति के द्वारा ही प्राप्त हो सकती है, धर्माधिकरियों की कृपा से नहीं।
  • क्षमायाचना से विशेष लाभ नही होता है। जो व्यक्ति वास्तव में पश्चाताप करता है। वह यातना से भागता नही है, अपितु पश्चाताप की चिरस्मृति को बनाए रखने के लिए उसे सहर्ष सहन करता है। जब वह अन्तःकरण से पश्चाताप करता है, उसे अपने पाप तथा यातना दोनों से मुक्ति मिल जाती है।
  • उसने कैथोलिक चर्च की श्रेणीबद्ध व्यवस्था को अस्वीकार किया। जर्मन भाषा को चर्च के कार्य व्यवहार की भाषा बनाया। मठवाद का अन्त किया। धरती पर ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में पुरोहितों के विशेष पदों को समाप्त किया। देववाद के सिद्धान्तों एवं धर्म ग्रंथों की सत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। तीर्थयात्रा एवं अवषेशों की यात्रा को गौण माना।
  • लूथर का धर्म सुधार आन्दोलन वस्तुतः लोकप्रिय व राष्ट्रीय आन्दोलन था। उसने सदाचारी ईसाइयों को अपने धर्म सुधार आन्दोलन की ओर आकर्षित किया। लूथरवादी शिक्षाओं में जर्मनी के देशभक्तों को भी अत्यधिक प्रभावित किया क्योंकि वे विदेशी पुरोहितों की शोषणात्मक नीति का अन्त करना चाहते थे। उसके समर्थकों ने कैथोािलक चर्च के विरूद्ध विद्रोह किया, चर्च की जागीरे व जायदाद छिन ली तथा कैथोलिक पूजा, उपासना का परित्याग कर दिया।
  • कैथोलिका मठ नष्ट-भ्रष्ट कर दिये गये। पोप की राजनीतिक, धार्मिक व आर्थिका सत्ता अमान्य की गयी। ‘जर्मनी केवल जर्मनों के लिए है’ कहकर लूथर ने अपने समर्थकों एवं सहयोगियों की संख्या में वृद्धि की।
  • लूथर द्वारा जनसाधारण की भाषा का प्रयोग उसकी सफलता का एक मुख्य कारण था।
  • मार्टिन लूथर के विचारों के तेजी से पनपने का एक अप्रत्याशित परिणाम यह निकला की जर्मनी में कृषकों के विद्रोह की शुरूआत हो गई। कार्ट्सतेद्त, टॉमस मुत्जर जैसे लोगों के नेतृत्व में लूथरवाद ने अधिक उग्र सुधारवादी रूप धारण कर लिया था। इस पृष्ठभूमि में केन्द्रीय तथा दक्षिण-पश्चिम जर्मनी में 1525 ई. में कृषक युद्ध हुए। 
  • वे कृषिदास प्रथा, सामन्ती कर, धार्मिक कर, वन सम्पदा के उपयोग पर नियंत्रण आदि के प्रचलन के विरूद्ध आन्दोलनरत थे।
  • किसानों की यह मान्यता थी कि लूथर धार्मिक स्वतंत्रता के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता का भी समर्थक होगा। अतः वे अपने आन्दोलन के समर्थन में लूथर से काफी आशा कर रहे थे। परन्तु इसके विपरीत लूथर ने विद्रोह को दबाने में शासकों एवं जमींदारों का साथ दिया। इसका प्रमुख परिणाम यह निकला कि लूथरवाद उत्तरोत्तर निम्नवर्गीय शक्तियों की सहानुभूति खोता गया और क्रमषः जर्मन नरेशों पर अधिकाधिक आश्रित होता गया।
  • आर्थोडोक्स चर्च के अनुसार सात संस्कार हैं- जन्म संस्कार, मान्यता प्रदान ‘दीक्षा’, विवाह और अन्तिम संस्कार।

Tags: History World History
  • Facebook
  • Twitter
You might like
Responsive Advertisement
Post a Comment (0)
Previous Post Next Post

Popular Posts

Hindi

हिंदी निबन्ध का उद्भव और विकास

भारतेन्दु युगीन काव्य की प्रमुख प्रवृत्तियां

प्रधानमंत्री ने राजस्थान की विभिन्न पंचायतों को किया पुरस्कृत

Geography

Geography

विश्व के प्रमुख मरुस्थलों से संबंधित महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न

शुक्र ग्रह के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

जेट स्ट्रीम क्या है? उत्तरी भारत में दक्षिणी- पश्चिमी मानसून के अचानक फटने के लिए 'पूर्वी जेट-स्ट्रीम' कैसे जिम्मेदार है?

Comments

Main Tags

  • Aaj Ka Itihas
  • Bal Vikas
  • Computer
  • Earn Money

Categories

  • BSTC (2)
  • Bharat_UNESCO (1)
  • Exam Alert (26)

Tags

  • Biology
  • Haryana SSC
  • RAS Main Exam
  • RSMSSB
  • ras pre

Featured post

राजस्थान लॉजिस्टिक्स पॉलिसी-2025 कब जारी की गई?

DivanshuGS- July 19, 2025

Categories

  • 1st grade (29)
  • 2nd Grade Hindi (6)
  • 2nd Grade SST (31)
  • Bal Vikas (1)
  • Current Affairs (128)
  • JPSC (5)

Online टेस्ट दें और परखें अपना सामान्य ज्ञान

DivanshuGeneralStudyPoint.in

टेस्ट में भाग लेने के लिए क्लिक करें

आगामी परीक्षाओं का सिलेबस पढ़ें

  • 2nd Grade Teacher S St
  • राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती एवं सिलेबस
  • भूगोल के महत्वपूर्ण टॉपिक
  • RAS 2023 सिलेबस
  • संगणक COMPUTER के पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा SYLLABUS
  • REET के महत्वपूर्ण टॉपिक और हल प्रश्नपत्र
  • 2nd Grade हिन्दी साहित्य
  • ग्राम विकास अधिकारी सीधी भर्ती 2021
  • विद्युत विभाग: Technical Helper-III सिलेबस
  • राजस्थान कृषि पर्यवेक्षक सीधी भर्ती परीक्षा-2021 का विस्तृत सिलेबस
  • इतिहास
  • अर्थशास्त्र Economy
  • विज्ञान के महत्वपूर्ण टॉपिक एवं वस्तुनिष्ठ प्रश्न
  • छत्तीसगढ़ राज्य सेवा प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा सिलेबस
DivanshuGeneralStudyPoint.in

About Us

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भारत एवं विश्व का सामान्य अध्ययन, विभिन्न राज्यों में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्थानीय इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, करेंट अफेयर्स आदि की उपयोगी विषय वस्तु उपलब्ध करवाना ताकि परीक्षार्थी ias, ras, teacher, ctet, 1st grade अध्यापक, रेलवे, एसएससी आदि के लिए मुफ्त तैयारी कर सके।

Design by - Blogger Templates
  • Home
  • About
  • Contact Us
  • RTL Version

Our website uses cookies to improve your experience. Learn more

Accept !
  • Home
  • Hindi
  • RPSC
    • Economy
    • Constitution
    • History
      • Indian History
      • Right Sidebar
    • Geography
      • Indian Geography
      • Raj Geo
  • Mega Menu
  • Jobs
  • Youtube
  • TET

Contact Form