भटनेर दुर्गः उत्तरी सीमा का प्रहरी




हनुमानगढ़ जिले में स्थित प्राचीन दुर्ग है। मरुस्थल से घिरा यह दुर्ग ‘धान्वन’ की श्रेणी का दर्ग है। इस दुर्ग का निर्माण जैसलमेर के भाटी राजा भूपत सिंह भाटी ने 295 ई. में करवाया था। इसमें 52 बुर्ज है। मध्य एशिया, सिन्ध, काबुल के व्यापारी मुल्तान, भटनेर होते हुए दिल्ली व आगरा आते-जाते थे तो इस दुर्ग में उनका पड़ाव रहता था।

तैमूर ने अपनी आत्मकथा ‘तुजुक-ए-तैमूरी’ में लिखा है कि ‘मैंने इस किले के समान हिन्दुस्तान के किसी अन्य किले को सुरक्षित और शक्तिशाली नहीं पाया है।’



किला का निर्माण पक्की ईंटों व चूने पत्थर से हुआ है।
बीकानेर के राजा सूरत सिंह ने इस किले को 1805 ई. में भाटियों से जीत लिया था। इस दिन मंगलवार होने की वजह से इसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया। तभी से भटनेर का नाम हनुमानगढ़ हो गया।

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