Banking Regulation Act, 1949

बैंकिंग नियमन कानून, 1949 (Banking Regulation Act, 1949) में संशोधन

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा 5 मई 2017 को बैंकिंग नियमन कानून, 1949 (Banking Regulation Act, 1949) में संशोधन किया  इससे देश के बैंकिंग क्षेत्र में व्याप्त गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों (NPAs) की समस्या को हल करने में आरबीआई (RBI) को अधिक शक्तियाँ मिल सकेंगी

देश में बैंकिंग क्षेत्र में व्याप्त गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों की समस्या के हल के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की शक्तियों में वृद्धि के लिए बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन करने हेतु एक अध्यादेश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली केन्द्रीय कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान की थी। उस अध्यादेश को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 5 मई 2017 को अपनी स्वीकृत कर उसे वैधानिकता प्रदान कर दी।

इन संशोधनों के द्वारा RBI को ऋण की अदायगी न कर पाने वाले कर्जदारों व कर्जदार कम्पनियों के खिलाफ दीवालिया संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code 2016) के तहत कार्रवाई करने की शक्ति हासिल हो जायेगी। इससे आरबीआई गैर-निष्पादित परिसम्पत्तियों (non-performing assets – NPAs) के मामले के अधिक शीघ्रता से निपटाने में सक्षम होगा।

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