इनकम टैक्स चोरी तो निश्चित परिणाम बुरे ही होंगे, पढ़ें सवा करोड़ की डकैती
![income tax chori](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgQVEg17t9yH7MTg5O3CNJpCUJ2mkX1aHK32Z9OVtGwysoyvHNacDeKdwPqc22HxjT2FeVNtfwmJQBEhpovks9I4uVX8AjP3ieXfLT_I_9SWgI3bqQ-K0fEeLFi2ZW6QasLbh4-U4sUplcz/w320-h168/Adobe_Post_20201014_0953350.951885900467654.png)
खैर, आपके पैसे हैं आप
चाहे तो सरकार की नजरों में रख सकते हैं या फिर चोरी से अपने घर में।
क्या
वाकई हम बैंकों पर यकीन नहीं करते? क्या सरकार या इनकम टैक्स विभाग की नजरों में हम चोर
हैं?
वाकई
माया भ्रमित करती है, व्यक्ति को जान जोखिम में डालने के लिए मजबूर करती है।
चंद
टैक्स बचाने के लिए कई अमीर घराने बर्बाद हो चुके हैं।
बात
कोटा के एक अमीर के घर 35 लाख एवं सोना—चांदी लूट ले गए, साथ ही बेटी व पत्नी को मौत के घाट उतार गए। पैसों का तो क्या है और कमा
लेंगे परंतु जो क्षति मानव की हुई उसका क्या?
हां, एक किस्सा अभी ताजा
है उदयपुर के कानोड़ कस्बे में चार लुटेरों ने एक वृद्ध सेठ सोहनलाल के साथ मारपीट
की। इस सेठ के घर से चोर ने 16 लाख नकद, 125 किलोग्राम चांदी और 1.4 किलो सोना लूटा।
दु:ख
की बात है कि उस व्यक्ति को लूट लिया गया, परंतु सोचने की बात है कि घर में अकेला 84 वर्षीय वृद्ध है और 16 लाख नकद।
क्या
कारण है घर में 16 लाख रुपए नकद रखने का जब पता है कि जमाना खराब है। परंतु उन्हें वह शायद
टैक्स से बचाना चाहता हो, तभी तो घर में 16 लाख रुपए नकद रखे थे।
घर में नकद पैसा रखना जोखिम से भरा
मानव
एक सामाजिक प्राणी है, हमें एक अच्छे वातावरण की जरूरत है। परंतु वह वातावरण हम कब विकसित कर
सकते हैं?
यह
तक संभव है जब हम सब व्यक्तियों को समान माने और एक—दूजे की मदद करें, सरकार को
बराबर टैक्स दें।
क्यों
ने दे हम सरकार को टैक्स जब वह हमें सुरक्षा दे रही है, परंतु दु:ख की बात
है कि ज्यादातर व्यक्ति टैक्स बचाने के साथ टैक्स चोरी करते हैं जोकि गलत है।
हम
सरकार से सुरक्षा की तो मांग करते हैं परंतु उसे समय पर टैक्स नहीं देते हैं या
फिर टैक्स की जोरी करते हैं, जो किसी भी अर्थ में सही नहीं है।
अगर
आप अपना हक मांगते हैं तो आपका भी फर्ज है कि आप समय पर टैक्स दें। घर में ज्यादा
नकदी न रखें क्योंकि आज के समय में रोजगार घट रहे हैं जिससे युवा बेरोजगार हो रहा
है। वे लूट—डकैती जैसी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो रहे हैं।
जो
लोग टैक्स की चोरी करते हैं उन्हें दो भय हमेशा सताते हैं: एक
चोरी-डकैती का, तो दूसरा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेड का।
सोच
लो कौनसा जोखिम उठाना है : पहले में परिवार के लोगों की मौत तक हो सकती है, दूसरे में आपके
द्वारा सामाजिक प्रति जिम्मेदारी निभाने पर गर्व करने का एहसास।
तय
आपको करना है।
अगर
हमें देश में एक अच्छा माहौल बनाना है तो हर उस व्यक्ति को टैक्स भरना चाहिए जो अपने
परिवार वालों से प्यार करता है। इससे आप शर्मिन्दगी से बचोगे, साथ ही आपराध कम
करने में भी योगदान दे सकोगे।
Post a Comment
0 Comments