राज्य विधानमण्डल


संविधान का भाग -6

  • अनुच्छेद 168-212 में राज्यों के विधानमण्डल के बारे में
  • अनु. 168 - प्रत्येक राज्य के लिए एक विधानमण्डल होगा जो राज्यपाल तथा कुछ राज्यों में दो सदनों से व अन्य राज्यों में एक सदन से मिलकर बनेगा।
  • दो सदन - विधानसभा (निम्न सदन/प्रतिनिधि सदन) और विधानपरिषद (उच्च सदन या स्थायी सदन) जो वर्तमान में 6 राज्यों में: उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक तथा जम्मू-कश्मीर।
  • अनु. 169- राज्यों में विधान परिषद् की स्थापना या उन्मूलन का अधिकार संसद को है। यदि सम्बन्धित राज्य की विधानसभा अपनी कुल सदस्य संख्या के बहुमत तथा उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से इस आषय का प्रस्ताव पारित कर देती है तो संसद साधारण कानून बनाने की प्रक्रिया से ही उक्त आशय का कानून बनाकर विधान-परिषद की स्थापना या उन्मूलन कर सकती है।

विधानसभा (निम्न सदन/प्रतिनिधि सदन)

  • प्रत्येक राज्य में विधायी कार्यों के संपादन के लिए विधानसभा का प्रावधान
  • केन्द्र शासित प्रदेशों में केवल दिल्ली और पुदुचेरी में विधानसभा स्थापित है।
  • इसके सदस्यों का निर्वाचन सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष रूप से होता है
राज्य विधानमण्डल


गठनः



  • अनु. 170 - प्रत्येक राज्य की विधानसभा उस राज्य का प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से पत्यक्ष निवार्चन द्वारा चुने गये अधिक से अधिक 500 और कम से कम 60 सदस्यों से मिलकर गठित की जायेगी।
  • सिक्किम, मिजोरम, अरूणाचल प्रदेश, गोवा और पुदुचेरी विधानसभाओं में क्रमश: 32, 40, 40, 40 एवं 30 है
  • वर्तमान में सबसे छोटी विधानसभा केन्द्रशासित प्रदेश पुदुचेरी का 30 है जबकि राज्यों में सबसे छोटी सिक्किम की 32 है।

सदस्यों का निर्वाचन

  • प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली द्वारा - सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के आधार पर
  • किसी राज्य विधानसभा की सदस्य संख्या उस राज्य की जनसंख्या पर निर्भर करती है
  • विधानसभा का प्रत्येक सदस्य कम से कम 75 हजार जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है
  • अनु. 170 (3) - प्रत्येक जनगणना के पश्चात् राज्य की विधानसभा में स्थानों की संख्या तथा प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों का पुनः समायोजन संसद द्वारा निर्धारित विधि से किया जायेगा। किन्तु 84वें संविधान संशोधन अधिनियम 2001 द्वारा यह प्रावधान किया गया है कि सन् 2026 के बाद होने वाली प्रथम जनगणना के आंकड़ों के प्रकाशित होने तक प्रत्येक राज्य के विधानमण्डल में स्थानों की संख्या 1971 की जनगणना के आधार पर नियत की गई है।
  • निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन 2001 की जनगणना के आधार पर किया गया है
  • अनु. 333 में सम्बंधित राज्य के राज्यपाल को यह निश्चय हो जाये कि विधानसभा में आंग्ल भारतीय समुदाय को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला है तो वह उस समुदाय के एक सदस्य को विधानसभा में मनोनीत कर सकता है।
  • जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को विधानसभा में दो महिला सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार है।

सदस्यों की योग्यताएं-
अनु. 173
  • विधानसभा की सदस्यता के लिए निम्न योग्यताएं होनी चाहिए
  1. वह भारत का नागरिक हो
  2. उसकी आयु कम से कम 25 वर्ष होे,
  3. ऐसी अन्य योग्यताएं रखता हो जो संसद द्वारा बनाये गये नियमों में निर्धारित की गयी है

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