डेंगू


डेंगू  Dengue

  • डेंगू एक विषाणु जनित रोग है। यह एडिस एजिप्टी नामक मच्छर इसका वाहक होता है। इसके काटने पर डेंगू वायरस फ्लैवी वायरस का संक्रमण शुरू होता है।
  • जब एडीज मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटकर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो इस रोग का संचरण होता है और व्यक्ति डेंगू से संक्रमित हो जाता है। एडीज दिन में सक्रिय होता है।
  • डेंगू रोग को उष्ण कटिबन्धीय रोग की संज्ञा दी गई और इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते है।

डेंगू दो प्रकार का होता है-

  • डेंगू बुखार -

  • लक्षण - 

  • अचानक तेज बुखार 104 डिग्री जोकि 4 या 5 दिन तक रहता है।
  • तेज सिरदर्द
  • उन्टी आना


  • रक्तस्राव जनक डेंगू बुखार -

  • लक्षण:

  • इसमें तेज बुखार के साथ पेट में लगातार दर्द
  • त्वचा में चकते
  • नाक, मुंह व आंतरिक अंगों से रक्तस्राव
  • लगातार उल्टियां
  • मुंह का सूखना


मलेरिया -

  • प्रोटोजोआ जनित रोग है।
  • मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने पर होता है जो प्लाज्मोडियम प्रोटोजोआ का वाहक है।
  • यह यकृत कोशिकाओं व लाल रक्त कणिकाओं को नष्ट करता है।
  • मलेरिया परजीवी का अलैंगिक जीवन चक्र मानव के शरीर तथा लैंगिक चक्र मादा एनाफिलीज मच्छर में पूरा होता है।
  • मलेरिया की अवधि 12 दिन है।
  • लक्षण: 

  • ठंड लगकर तेज बुखार आना
  • सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द
  • कमजोरी होना
  • मलेरिया के कारण ब्लड की कमी, प्लीहा के आकार में वृद्धि

पोलियो-

  • पोलियो वायरस से होता है।

अमीयोबायसिस

  • यह रोग एन्टअमीबा हिस्टोलिटिका नामक परजीवी प्रोटोजोआ के संक्रमण के कारण होता है। इसकी वाहक मक्खियां होती है। ये मक्खी परजीवी को भोजन तक पहुंचाती है।
  • संचरण - दूषित भोजन व जल।
  • लक्षणः

  • आंतों में अल्सर का बनते है।
  • पेट में दर्द व उबकाई
  • दस्त
  • उपचार:

  • स्वच्छता बनाए रखें
  • सब्जियां व फल धोकर खायें


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