आज के समय में स्टार्टअप्स केवल व्यापार का माध्यम ही नहीं, बल्कि नवाचार और रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण स्तंभ बन चुके हैं। राजस्थान सरकार ने इस बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए स्टार्टअप्स के लिए एक मजबूत और प्रोत्साहनकारी नीति तैयार की है। इसका उद्देश्य राज्य में उद्यमिता, अनुसंधान, नवाचार और निवेश को बढ़ावा देना है।
स्टार्टअप इकोसिस्टम
राजस्थान एक गतिशील स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित कर रहा है, जिसमें इनक्यूबेशन सेंटर, मेंटरशिप प्रोग्राम और वित्तपोषण तक पहुंच जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे नए उद्यमों को शुरुआती कठिनाइयों से निकलने और स्थायी व्यवसाय में विकसित होने का अवसर मिलता है।
पात्रता मानदंड
- स्टार्टअप्स को सरकार के Q-Rate कार्यक्रम में "कांस्य" या उससे उच्च स्तर पर प्रमाणित होना आवश्यक है।
- प्रोत्साहनों की वार्षिक अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपये निर्धारित है।
- इनक्यूबेटर और एक्सीलरेटर भी प्रोत्साहनों के पात्र हैं, बशर्ते वे अलग कानूनी इकाई के रूप में पंजीकृत हों।
निवेश सब्सिडी
- व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने के बाद 10 वर्षों तक जमा किए गए राज्य कर का 75% निवेश सब्सिडी।
- महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्टअप्स को पहले 2 वर्षों तक अतिरिक्त 25% प्रतिपूर्ति।
प्रारंभिक सहायता
- "सनराइज़ सेक्टर" के रूप में चिन्हित क्षेत्रों में जुटाई गई पूंजी का 10% एकमुश्त वित्तीय सहायता (अधिकतम 30 लाख रुपये)।
महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स के लिए विशेष लाभ
यदि किसी महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप पर 10 लाख रुपये वार्षिक राज्य कर देय है, तो उसे:
- 10 वर्षों तक 75% प्रतिपूर्ति = 7.5 लाख रुपये प्रति वर्ष।
- पहले 2 वर्षों तक अतिरिक्त 25% प्रतिपूर्ति = 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष।
विशेष प्रोत्साहन
- सरकारी संस्थानों को इनक्यूबेशन सेंटर के लिए ₹2.5 करोड़।
- निजी संस्थानों को ₹1.5 करोड़ (5 साल में किस्तों में)।
छूट एवं प्रतिपूर्ति:
- 7 वर्षों के लिए बिजली शुल्क में 100% छूट।
- 7 वर्षों के लिए मंडी/बाज़ार शुल्क की 100% प्रतिपूर्ति।
- स्टाम्प शुल्क पर 75% छूट और 25% प्रतिपूर्ति।
- रूपांतरण शुल्क पर 75% छूट और 25% प्रतिपूर्ति।