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बड़े लोगों का दान करने का स्टाइल जिसे जानकर आप भी चौंक जायेंगे


  • दोस्तों, लघु संसद का सच एक ऐसा मंच है जिसमें भारतीय संसद या किसी राज्य की विधानसभा में होने वाली चर्चाओं की जानकारी नहीं दी जाती है, बल्कि इस मंच पर है देश की राजनीति पर उठने वाले प्रश्न जो कभी-कभी आमजन में बड़े मुद्दे के प्रश्न बन कर उठते हैं। ये प्रश्न काम के होते हैं किन्तु वे आमजन के बीच ही दम तोड़ देते हैं, और निरर्थक होते हैं। ये मुद्दे देश में घटित घटनाओं को लेकर आमजन में होते हैं। जो अक्सर किसी चौराहे पर बनी चौपाल पर या सर्दियों में गांवों में कऊ पर लोगों आलाप (आग जलाकर) के समय की जाने वाले वाद-विवाद को आप तक पहुंचाना है। जो उग्र व शांत तरीके से उठती है। लोगों में पार्टी विशेष को लेकर कई बार झगड़े हो जाते हैं। तो दोस्तों हम लड़ना नहीं है। बल्कि हमें अपनी मांगों को एकजुटता से सरकार या बड़े लोगों के सामने रखना है। यही मकसद है इस लघु संसद का।
  • दोस्तों, आज लघु संसद का सच में, मैं आपके लिये लेकर आया हूं एक ऐसा सच जो कभी लोगों के सामने आने से कतरायेगा क्योंकि ये दुनिया की बड़ी हस्तियों का सच है जो कमाते तो हैं पर दान देने के तरीके अजीबोगरीब है। इस सच्चाई को लोग स्वीकार नहीं करेंगे बल्कि वे उन्हें सही बतायेगे।
  • एक दान अपनी कमाई से देना होता है और दान बड़े अजीब तरीके से सामने आया है वो है जब कौन बनेगा करोड़पति टीवी शो आता था तब का है। कितने करोड़ लोग केबीसी में भाग लेने के लिए प्रतिपल सवाल का सबसे जवाब देनेे के लिए तत्पर रहते थे ताकि क्या पता उनको खेलने का मौका मिल जाए। किन्तु चंद लोगों को ही मौका मिल पाता है। 
  • परन्तु अक्सर लोगों मैंने यह कहते सुना है कि केबीसी बड़े लोगों को सीधा गेम खेलने का मौका देता है। वो फिल्म का प्रमोशन करने का बड़ा अड्डा बन गया है। फिल्म अभिनेता व अभिनेत्री सीधे केबीसी के शो में आते और गेम खेलकर चले जाते है। जीत हुई राशि को दान कर देते थे। यानि उस शो पर सीधा आना और करोड़ आम लोगों के सपने को धूमिल कर जाना और एक व्यक्ति जो उनके स्थान पर खेलता उस को एक शो पीछे कर जाना ये है फिल्म प्रमोशन का कारोबार। वो दान करके दानवीर बन जाते थे। मगर अपनी फिल्म से कमाई करोड़ों की राशि में से दान कभी नहीं करते हैं। 
  • यानि मंच भी आमजन का, पैसा भी आमजन का और किसी का हिस्सा मारकर दान भी आमजन को करके वाही-वाही लूटा है यह वर्ग।
  • दोस्तों, ऐसा ही किस्सा है खेल जगत के दिग्गज खिलाड़ियों का अपनी कमाई से दान न कर चेरिटी मैच खेलकर दान करना। 
  • दोस्तों, ये बात अच्छी है कि लोग दान कर रहें हैं किन्तु किस योग्य व्यक्ति को इंतजार करवाना और सीधा मंच पर जाना। योग्य के साथ अन्याय है।



  • ऐसे तो देश के न जाने कितने प्रतिभा है जो यदि केबीसी पर सीधा खेलने का मौका दिया जाए तो अपनी जीती राशि का 75 प्रतिशत दान करने की क्षमता रखते हैं। और कौन नहीं करेगा ऐसा जब केबीसी में सीधा खेलने का मौका मिले तो। दान करना वे ही नहीं जानते एक आमजन उनसे बेहतर जानता है कि लोगों को क्या जरूरत है। 
  • एक आईएएस की तैयारी करने वाला छात्र खुद इस प्रकार से खेल में हो रहे अनियमितताओं पर कह रहा था कि उसे मौका मिले तो वह जीत राशि का ज्यादातर भाग को गरीब बच्चों की शिक्षा पर खर्च करूंगा। ऐसा कोई होता एक गेम शो को बॉलीबुड फिल्मों के प्रमोशन का अड्डा बना देना सही नहीं है।
  • अगर यह लेख सही है तो दोस्तों, अपने कमेंटस जरूर likhana।

Rakesh Singh Rajput

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