समिद्धेश्वर महादेव मंदिर - चित्तौड़गढ़ chittorgarh



राजस्थान का चित्तौड़गढ़ किलों का सिरमौर है। स्थापत्य एवं शिल्प कला के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस किले में बने समिद्धेश्वर महादेव का मंदिर अपनी स्थापत्य एवं शिल्प सौंदर्य के लिए अलग पहचान रखता है।
गौमुख कुण्ड के पास स्थित इस भव्य मंदिर का निर्माण मालवा के प्रसिद्ध राजा भोज ने 11वीं शताब्दी में किया था। इसे त्रिभुवन नारायण का शिवालय और भोज का मंदिर भी कहा जाता है। मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग और पीछे की दीवार में शिव की विशाल आकार की त्रिमूर्ति बनी है।
यहीं मण्डप के पश्चिमी दीवार पर खुदा शिलालेख बताता है कि मंदिर का जीर्णोद्धार सन् 1428 में महाराणा मोकल द्वारा करवाया गया। उस समय से ही यह मोकलजी के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

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