चारों आश्रमों की चर्चा मिलती है


कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य
  • मैत्रायणी उपनिषद में चार आश्रमों एवं त्रिमूर्ति की चर्चा है।
  • श्वेताश्वतर उपनिषद में परमात्मा को रुद्र बताया गया है।
  • मैत्रायणी संहिता में स्त्री की गणना मद्य एवं जुए के साथ की गयी है।
  • अथर्ववेद में चिकित्सा एवं औषधि विज्ञान की चर्चा हे।
  • ऐतरेय ब्राह्मण में पुत्री को सभी दुःखों का स्रोत बताया गया है।
  • जाबलि उपनिषद में चारों आश्रमों की चर्चा मिलती है।
  • वृहदारण्यक उपनिषद में पुनर्जन्म की अवधारणा का उल्लेख ह।
  • काठक संहिता में क्षत्रिय को ब्राह्मण से श्रेष्ठ बताया गया है।
  • ऐतरेय ब्राह्मण में स्पष्ट रूप से बहुपतित्व का निषेध किया गया है।
  • ऐतरेय ब्राह्मण में राजा की उत्पत्ति सम्बन्धी नियमों की चर्चा है।
  • वेदों को आर्यों ने अपौरुषेय कहा है।
  • शुक्ल यजुर्वेद को वाजसनेयी संहिता भी कहा जाता है।
  • यजुर्वेद के प्रमुख देवता प्रजापति है।
  • मुण्डकोपनिषद में छह वेदांगों की चर्चा है।
  • मैत्रायणी संहिता में धनी शूद्रों का उल्लेख है।
  • वृहदारण्यक उपनिषद में विदुषी पुत्री के जन्म की कामना हेतु एक विशेष धर्मानुष्ठान की चर्चा मिलती है।
  • ऋग्वेद में नियोग के साक्ष्य मिलते हैं।
  • ऋग्वेद में उपनयन संस्कार का स्पष्ट उल्लेख नहीं है।

प्रमुख स्मृतियां
  • मनु स्मृति:- यह सबसे प्राचीन स्मृति है। इसका काल 200 ई.पू. से 200 ई. है।
  • याज्ञवलक्य स्मृति:- 10 से 300 ई.
  • नारद स्मृति:- 300-400 ई.
  • पराशर स्मृति:- 300-500 ई.
  • बृहस्पति स्मृति:- 300-500 ई.
  • कात्यायन स्मृति:- 400-600 ई.
  • देवल स्मृति।

प्राचीन काल में विभिन्न स्थलों से उत्पादित वस्तुएं
स्थल  उत्पादित वस्तुएं

  • बंगाल                     मलमल
  • मगध  पौधे के रेशों से बने वस्त्र
  • विदर्भ, कलंग, कश्मीर      हीरा
  • पंजाब                        नमक
  • हिमालय के ढलान वाले क्षेत्र  केसर, कस्तूरी
  • दक्षिण भारत मसाले, सोना, चंदन की लकड़ी, रत्न
  • राजस्थान।               तांबा


Post a Comment

0 Comments