हिमा दास को 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक


  • 6ठीं सीड भारत के लक्ष्य सेन ने एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप जीत कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने खिताबी मुकाबले में थाइलैंड के कुनलावुत वितिदसरन को सीधे गेम में 21-19 और 21-18 से हरा दिया।




हिमा दास ने 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक


  • भारतीय तेज धाविका हिमा दास ने 12 जुलाई 2018 को आईएएएफ वर्ल्ड अंडर-20 ऐथलेटिक्स चौंपियनशिप के 400 मीटर फाइनल में गोल्ड स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। वे ट्रैक इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने वालीं पहली भारतीय एथलीट हैं।
  • 18 वर्षीय दास ने 51.46 सेकंड का समय निकालकर टॉप पोजीशन हासिल की।


  • उन्होंने सेमीफाइनल में भी 52.10 सेकंड का समय निकालकर टॉप किया था। पहले राउंड में उन्होंने 52.25 सेकंड का रेकॉर्ड समय निकाला था।
  • हिमा हालांकि 51.13 सेकेंड के अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से पीछे रही।
  • मिकलोस ने 52.07 सेकेंड के साथ रजत पदक हासिल किया जबकि अमेरिका की टेलर मेनसन ने 52.28 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीता।

नोट:-

  • आईएएएफ में स्वर्ण पदक जीतकर हिमा, भाला फेंक के स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा की सूची में शामिल हो गई जिन्होंने 2016 में विश्व रिकॉर्ड प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता था। 
  • विश्व जूनियर चौंपियनशिप में भारत के लिए इससे पहले सीमा पूनिया (2002 में चक्का फेंक में कांस्य) और नवजीत कौर ढिल्लो (2014 में चक्का फेंक में कांस्य) पदक जीत चुके हैं।


दीपा करमाकर जिम्नास्टिक विश्व कप में स्वर्ण पदक 

  • भारत की प्रसिद्ध जिम्नास्टिक महिला खिलाड़ी दीपा करमाकर ने 8 जुलाई 2018 को जिम्नास्टिक विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा. यह विश्व कप तुर्की में वर्ल्ड चौलेंज कप के नाम से आयोजित किया गया।


  • दीपा ने जिमनास्टिक की वॉल्ट स्पर्धा में 14.150 अंक के साथ पहला स्थान हासिल किया लगभग दो साल के बाद वापसी करने वाली स्टार जिमनास्ट दीपा करमाकर ने यह उपलब्धि हासिल की।
  • त्रिपुरा की 24 वर्षीय जिमनास्ट दीपा करमाकर ने 14.150 अंकों के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा किया जबकि क्वॉलिफिकेशन राउंड में वो 13.400 अंकों के साथ टॉप पर थी।
  • यह वर्ल्ड चौलेंज कप में दीपा का पहला मेडल है।
  • गौरतलब है कि रियो ओलंपिक में वॉल्ट स्पर्धा में वे चौथे स्थान पर रही थीं।


प्रागनानांधा बने भारत के पहले सबसे युवा ग्रैंडमास्टर
 

  • चेन्नई के आर. प्रागनानांधा भारत के पहले सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गये हैं। विश्व स्तर पर इस उपलब्धि के साथ वे दूसरे स्थान पर हैं।
  • प्रागनानांधा ने मात्र 12 वर्ष कु आयु में यह उपलब्धि हासिल की है। प्रागनानांधा ने इटली में चल रहे ग्रेंडाइन ओपन शतरंज टूर्नामेंट के फाइनल राउंड में पहुंच कर यह उपलब्धि हासिल की। 

  • प्रागनानांधा की आयु 12 वर्ष 10 महीने एवं 13 दिन है वे विश्व के नंबर वन यूक्रेन के सेर्गेय से थोड़े ही बड़े हैं और विश्व में दूसरे स्थान पर हैं।


विश्व के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर


  • सेर्गेय कार्जाकिन, यूक्रेन - 12 वर्ष 7 महीने
  • आर. प्रागनानांधा, भारत- 12 वर्ष 10 महीने 13 दिन
  • परिमार्जन नेगी, भारत - 13 वर्ष, 4 महीने तथा 22 दिन
  • मैगनस कार्लसन, नॉर्वे - 13 वर्ष 4 महीने और 27 दिन
  • बू ज़िन्गज़ी, चीन - 13 वर्ष 10 महीने


राहुल द्रविड़ आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल 


  • राहुल द्रविड़ को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने हॉल ऑफ फेम में शामिल किया है। टीम ‘इंडिया ए’ के प्रमुख कोच राहुल द्रविड़ यह सम्मान हासिल करने वाले भारत के पांचवें क्रिकेटर हैं।
  • इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग और इंग्लैंड की पूर्व महिला क्रिकेटर क्लेयर टेलर को भी हॉल ऑफ में जगह दी गई। आईसीसी ने आयरलैंड के डबलिन में आयोजित समारोह में राहुल द्रविड़ के नाम की घोषणा की।
  • राहुल द्रविड़ से पहले यह सम्मान वर्ष 2015 में अनिल कुंबले को मिला था। बिशन सिंह बेदी, कपिल देव और सुनील गावस्कर को वर्ष 2009 में शुरुआती ‘आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया गया था।
  • ‘हॉल ऑफ फेम’ से शामिल होने वाले खिलाड़ियों की कुल संख्या 87 हो गई। इसमें 80 पुरुष और 7 महिला क्रिकेटर हैं।
  • देश की बात करें तो यह सम्मान सबसे अधिक इंग्लैंड (28) के खिलाड़ियों को मिला है। इस सम्मानित लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया (25), वेस्ट इंडीज(18), पाकिस्तान (5), भारत (5), न्यूजीलैंड (3), दक्षिण अफ्रीका (2) और श्रीलंका का एक खिलाड़ी शामिल है।


आईसीसी हॉल ऑफ फेम -

  • आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ़ फेम समूह या सूची है जिसका उद्देश्य क्रिकेट के इतिहास से दिग्गज खिलाड़ियों की उपलब्धियों को पहचान कर उन्हें सम्मानित करना है।
  • यह समूह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ‌(आईसीसी) ने फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन के सहयोग से वर्ष 2009 में शुरू किया गया है।

  • भारतीय महिला कंपाउंड टीम तीरंदाजी वर्ल्ड कप स्टेज-4 के फाइनल में फ्रांस से मात्र एक अंक से पिछड़ गई। उसे सिल्वर से संतोष करना पड़ा। वहीं, मिक्स्ड कंपाउंड टीम ने ब्रॉन्ज हासिल किया। 
  • भारतीय महिला टीम में मुस्कान किरार, ज्योति सुरेखा और त्रिशा देव शामिल थीं। फाइनल में भारतीय तिकड़ी को फ्रांस से 228-229 से हार का सामना करना पड़ा। 
  • अभिषेक वर्मा और ज्योति सुरेखा की मिक्स्ड टीम ने तुर्की की टीम को 156-153 से हराकर ब्रॉन्ज जीता। भारतीय तिकड़ी ने प्री क्वार्टर फ़ाइनल में ब्रिटेन को, क्वार्टर में अमेरिका को और सेमीफाइनल में तुर्की को हराया था। 

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