राजस्थान का सिंहद्वार लोहागढ़

लोहागढ़, भरतपुर

यह भरतपुर के जाट राजाओं की वीरता एवं शौर्य गाथाओं का जीता जागता उदाहरण है।इस किले का निर्माण राजा सूरजमल जाट ने 1733 ई. में करवाया था।
इस किले की बाहरी प्राचीर मिट्टी की बनी है तथा इसके चारों ओर गहरी खाई है, जिसमें सुजान गंगा नहर से पानी लाया जाता है। इस किले का अजेय होने का कारण इसकी बड़ी-बड़ी चौड़ी दीवारें हैं।1805 ई. में अंग्रेज सेनापति लार्ड लेक ने तो अपनी विशाल सेना और तोपखाने के साथ पांच बार इस किले पर चढ़ाई की, परन्तु हर बार उसे पराजय का सामना करना पड़ा।किल में बने किशोरी महल, जवाहर बुर्ज, कोठी खास, दादी मां का महल, वजीर की कोठी, गंगा मंदिर, लक्ष्मण मंदिर आदि दर्शनीय स्थल हैं। राजस्थान का सिंहद्वार कहलाता है। इस किले के प्रवेश द्वार पर कलात्मक और मजबूत अष्टधातु निर्मित लोहिया किवाड़ लगा हुआ है जिसे महाराजा जवाहरसिंह ने 1764 ई. में दिल्ली के लाल किले से विजय करके लाये थे।

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