केंद्र सरकार राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने पर गंभीर - केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री



जयपुर।  केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा है कि केंद्र सरकार राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने पर गंभीर है और इस संबंध में शीघ्र ही अच्छी खबर आने की उम्मीद है।

नई दिल्ली में प्रवासी राजस्थानियों की संस्था  राजस्थान रत्नाकर के वार्षिक समारोह में बोलते हुए श्री मेघवाल ने बताया कि राजस्थानी भाषा देश विदेश में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाती हो और कुछ देशों में तो यह उनके पाठ्यक्रम का हिस्सा भी है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार राजस्थानी के साथ साथ भोजपुरी और भोती भाषा को भी संविधान की आठवी सूची में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।

समारोह में मुख्य अतिथि केंद्रीय विधि और न्याय तथा इलेवट्रोनिक और सूचना प्रोद्योगिकी राज्य मंत्री श्री पी पी चौधरी ने कहा कि प्रवासी राजस्थानियो विशेष कर उद्यमियों ने देश विदेश में प्रदेश का गौरव बढ़ाया है और वे जहाँ जहाँ भी जाते है उस क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाते आ रहे है। उन्होंने बताया कि सूचना प्रोधोगिकी आई टी के क्षेत्र में राजस्थान की बेजोड़ प्रतिभाओं ने देश विदेशों में अपनी धाक जमाई है।

इस मौके पर जयराम आश्रम हरिद्वार के श्री ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी ने राजस्थानी भाषा को मान्यता का समर्थन किया और हरियाणवीं को शामिल करने की राय दी। जाने माने हास्य व्यंग्य कवि श्री सुरेंद्र शर्मा ने नई पीढ़ी में भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कारों को आत्मसात करवाने को ही सबसे बड़ी समाजसेवा बताया।
इस मौके पर सुखमंच थिएटर दिल्ली के कलाकारों ने कोर्ट मार्शल नाटक की प्रभावी प्रस्तुति दी। करीब दो घंटे चले इस नाटक में  कलाकारों ने दर्शकों को  मंत्र मुग्ध कर बांधे रखा और जबरदस्त तालियां बटोरी।

समारोह में श्री किशन शाह को  राजस्थान रत्न  श्री के बी हरलालका श्री कन्हयालाल गोयल तथा हरीश नर्सरियां को रत्नाकर श्री और श्रीमती संतोष गोयल को रत्नाकर शक्ति पुरस्कार प्रदान किया गया।  समारोह में संस्था की स्मारिका का लोकार्पण भी किया गया।

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