मारवाड़ के राठौड



  • दयालदास री ख्यातः सूर्यवंशी- कर्नल टॉड
  • मूल पुरूष - राव सीहा
  • बीठू आहड पाली के देवल अभिलेख के अनुसार राव सीहा कुवंर सेतराम का पुत्र था।
  • पुत्र आसनाथ

राव चूंडाः-

  • राठौडों का प्रथम बडा शासक वीरमदेव का पुत्र
  • मण्डौर किला जीता, नागौर आदि राज्यों को जीतकर मारवाड की
  • बेटी हंसाबाई का विवाह राणा लाखा से किया।

राव रणमाल 1427-38ः

राव जोधा 1453-89 ई.

  • रणमल का पुत्र राव जोधा,
  • पुत्री का विवाह राणा कुंभा से किया।
  • नयी राजधानी जोधपुर में 1459 में स्थापित की तथा इस सुरक्षित रखने के लिए चिड़िया टूंक पहाडी पर नया दुर्ग मेहरानगढ़ बनवाया।
  • दो उत्तराधिकारी


  • 1. राव सातल 1489-92 2. राव सूजा 1492- 1515
  • राव सातल ने सातलमेर को बसाया


  • 1490 में अजमेर हाकिम मल्लू खां से युद्ध


  • बीका राव जोधा का पांचवां पुत्र ने उतरी भाग को विजय कर बीकानेर शहर बसाया।

राव गागा 1515-1532 ई.


  • राव सूजा का पौत्र
  • राणा सांगा के साथ मित्रता कर नागौर शासक दौलत खां का हराया।
  • जब खानवां का युद्ध 1527 में राव गागा ने अपने पुत्र राव मालदेव के नेतृत्व में 4000 सैनिक भेजकर राणा सांगा की मदद की।
  • जोधपुर में गांगालाव तालाब और गांगा की बावडी बनवायी।

राव मालदेव 1531-1562 ई. ‘हशमतवाला शासक


  • 5 जून 1531 को जोधपुर का शासक बना
  • राज्याभिषेक सोजत में और जोधपुर
  • विवाहः जैसलमेर के शासक रावल लूणकरण की पुत्री उमादे ‘रूठी-रानी’ से हुआ। 1536 में
  • वह विवाह की पहली रात से ही अपने पति से रूठ गई, जो आजीवन ‘रूठी रानी‘ के नाम से प्रसिद्ध रही और तारागढ दुर्ग, अजमेर में अपना जीवन गुजारा।
  • 1532 ई. में गुजरात के सुल्तान ने अपनी सेना भेजकर विक्रमादित्य की सहायता की थी।
  • उदयसिंह को राणा घोषित किया।
  • भाद्राजूण पर अधिकार- सीधल स्वामी
  • 1541 में बीकानेर नरेश राव जैतसी को हरा बीकानेर पर अधिकार कर लिया।
  • पहोबा/ साहेबा का युद्ध 1542 ई. - बीकानेर के राव जैतसी से साहेबा के मैदान में जैतसी ने शेरशाह से सहायता मांगी।

 
गिरि सुमेल युद्धः जनवरी 1544 ई.

  • जैतारण के निकट शेरशाह
  • शेरशाह 'मुट्ठी भर बाजरे के लिए मैनें हिन्दुस्तान की बादशाहत खो दी होती'
  • जैता एवं कूंपा युद्ध में मारे गये।
  • जोधपुर दुर्ग का प्रबन्ध खवास खां को सौंप दिया।
  • अब्बास खां शेरवानीः तारीख-ए-फिरोजशाही
  • वीरम को मेडता और कल्याणमल की बीकानेर सौंप
  • 1545 में जोधपुर पर पुन- मालदेव का अधिकार

राव चंद्रसेन 1562-1583 ई.


  • ज्येष्ठ पुत्र- राम को निष्काशित - केलडा ‘मेवाड
  • राव चंद्रसेन ‘मारवाड का प्रताप‘ कहते है।


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